छत्तीसगढ़

पोस्टर विवाद- कांग्रेस में कोई गुटबाजी नहीं: पीसीसी अध्यक्ष

Nilmani Pal
18 Feb 2023 5:52 AM GMT
पोस्टर विवाद- कांग्रेस में कोई गुटबाजी नहीं: पीसीसी अध्यक्ष
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रायपुर (जसेरि)। छत्तीसगढ़ कांग्रेस में पोस्टर विवाद पर प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने जवाब दिया है। उन्होंने कहा, कांग्रेस में कोई गुटबाजी नहीं है, सत्ता और संगठन एकजुटता के साथ काम कर रही है। छत्तीसगढ़ हमने पांच उपचुनाव हमने जीते है और सभी 14 नगरी निकायों को हमने जीता है, 146 जनपदों में हमने 118 हमने जीता, नगर पंचायत और पंचायत में सभी चुनाव जीते, इससे यह साफ है की सत्ता और संगठन मिल जुलकर काम कर रही है।

कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन के विषय पर डा रमन ने कहा कि भूपेश सरकार की लूट और कांग्रेस के अंदर की फूट इस अधिवेशन में सामने आ गई है। प्रदेश अध्यक्ष और आदिवासी नेता मोहन मरकाम की फोटो बाद में पोस्टर में चिपकाकर भूपेश बघेल ने बता दिया है कि कांग्रेस में आदिवासी नेताओं का कितना सम्मान है। पहले टीएस सिंहदेव को किनारे किया गया और अब मोहन मरकाम को किनारे करके अधिवेशन में यह दिखाने की कोशिश की जा रही है कि छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के अलावा कांग्रेस में कोई दूसरा नेता नहीं है।

अमरजीत का पीसीसी अध्यक्ष को पत्र

छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री अमरजीत चावला कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन से जुड़े काम नहीं करेंगे । चावला ने प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम को एक चि_ी लिखी है । इस चि_ी में अमरजीत चावला ने प्रदेश कांग्रेस की तरफ से पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन को लेकर की जा रही तैयारियों को लेकर बात लिखी है। अमरजीत चावला को अधिवेशन की व्यवस्था से जुड़े कुछ अहम काम सौंपे गए थे। अमरजीत चावला ने अब मोहन मरकाम को चि_ी लिखकर यह कह दिया है कि उन्हें सभी कामों से मुक्त कर दिया जाए। इसके पीछे अमरजीत चावला ने हाल ही में उन्हें जारी किए गए नोटिस को वजह बताया है। पीसीसी अध्यक्ष ने निवेदन को अस्वीकार कर दिया है।

सर्व आदिवासी भाजपा की बी टीम है: लखमा

भूपेश सरकार के मत्री कवासी लखमा न एक अखबार को दिए साक्षात्कार में कहा कि सर्व आदिवासी समाज अगर 2023 में अपने उम्मीदवार उतारता है तो उसे वोट नहीं मिलेंगे। भानुप्रतापपुर उपचुनाव में वोट मिल गए थे, लेकिन अब जनता जान गई है कि वह भाजपा की ही बी टीम हैं। यह कहना है उद्योग एवं आबकारी मंत्री कवासी लखमा का। उन्होंने कहा नक्सली नहीं देखते कि कौन कांग्रेस का और कौन भाजपा का। भाजपा शासनकाल में कई हत्याएं हुई तो क्या वह भी टारगेट किलिंग थी। सर्व आदिवासी समाज आरएसएस की बी टीम है। आरएसएस फूट डालो राज करो नीति पर चलती है। वह आदिवासी भाइयों को आदिवासी से ही लड़ा रही है। आज जनता जान चुकी है कि यह भाजपा की ही टीम है।

आरक्षण पर कहा कि मुख्यमंत्री ने कानूनी राय लेकर भाजपा की सर्वसम्मति से आरक्षण विधेयक पास हुआ। जैसे ही राज्यपाल के पास विधेयक गया तुरंत आर एस एस का फोन आ गया। अगर राज्यपाल विधेयक से संतुष्ट नहीं है तो उन्हें वापस कर देना चाहिए। राज्यपाल तैयार थी हस्ताक्षर करने के लिए लेकिन आका लोगों ने मना कर दिया। आरक्षण विधेयक को शांत करने राज्यपाल को हटा दिया गया। लखमा ने शराबबंदी पर कहा कि 15 साल में शराबबंदी क्यों नहीं की गई। मुख्यमंत्री ने सदन में बोला यह कांग्रेस पार्टी की शराबबंदी नहीं होगी, यह जनता के लिए होगी। इसलिए हमने एक समिति बनाई है। छत्तीसगढ़ 7 राज्यों से घिरा है ऐसे में शराबबंदी करने से पहले इस पर विचार करना है कि दूसरे राज्यों से दो नंबर से आने वाली शराब को कैसे रोका जाए।

सीडब्ल्यूसी चुनाव को लेकर बंटे दो गुट

कांग्रेस के आगामी पूर्ण अधिवेशन में कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में राहुल गांधी के इस्तीफे, जी 23 के विद्रोह और नए अध्यक्ष के रूप में खडग़े के चुनाव के साथ शुरू हुए कांग्रेस मेगा नाटक की परिणति देखी जाएगी। कांग्रेस की यह सबसे बड़ी और महत्वपूर्ण बैठक 24 से 26 फरवरी तक रायपुर में तीन दिनों के लिए होने जा रही है। उम्मीद लगाई जा रही है कि यह अधिवेशन संभवत: 2024 के ग्रैंड फिनाले तक कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लिए एक खाका तैयार कर सकता है।

इस अधिवेशन में ष्टङ्खष्ट चुनाव पर रहेगा फोकस

हालांकि यह अधिवेशन इस बात पर केंद्रित रहेगा कि कांग्रेस की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था कांग्रेस वर्किंग कमेटी का चुनाव होगा या नहीं। बता दें कि कुल 23 सदस्य होते हैं जिनमें से 11 मनोनीत होते हैं और 12 निर्वाचित होते हैं। हालांकि, पिछले पच्चीस वर्षों से निकाय का चुनाव नहीं हुआ है और इस धारणा को जोड़ा गया है कि सीडब्ल्यूसी गांधी चाटुकारों की एक चौकड़ी बन गई है, जिनकी कोई राजनीतिक स्थिति नहीं है।

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