छत्तीसगढ़

बस्तर संभाग में दस लाख लोगों से अधिक की मलेरिया जांच में पॉजिटिविटी दर 0.87 प्रतिशत

Admin2
24 July 2021 1:17 PM GMT
बस्तर संभाग में दस लाख लोगों से अधिक की मलेरिया जांच में पॉजिटिविटी दर 0.87 प्रतिशत
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रायपुर। मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग की टीम अब तक तीन लाख 16 हजार घरों में पहुंचकर 14 लाख 30 हजार लोगों की मलेरिया जांच कर चुकी है। इस दौरान पॉजिटिव पाए गए 9392 मरीजों का मौके पर ही इलाज शुरू किया गया है। बस्तर संभाग के सातों जिलों में इस अभियान का चौथा चरण 15 जून से शुरू किया गया है। वहां अब तक दस लाख से अधिक लोगों की मलेरिया जांच की गई है जिनमें 8742 पॉजिटिव पाए गए हैं। बस्तर संभाग में अभियान के पहले, दूसरे और तीसरे चरण में पॉजिटिविटी दर क्रमशः 4.6 प्रतिशत, 1.27 प्रतिशत और 1.04 प्रतिशत रही थी, जो अभी वर्तमान में संचालित चौथे चरण में और घटकर 0.87 प्रतिशत पर आ गई है। अभियान के प्रभाव से वहां मलेरिया के मामलों में लगातार कमी आ रही है। पूर्व में मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान के नाम से चलाए गए इस अभियान के असर की सराहना नीति आयोग और यूएनडीपी ने भी की है और इसे देश के आकांक्षी जिलों में संचालित सर्वश्रेष्ठ अभियानों में से एक बताया है। अभी सरगुजा संभाग के पांचों जिलों में मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान का दूसरा और प्रदेश के नौ अन्य जिलों में पहला चरण संचालित किया जा रहा है। बस्तर और सरगुजा संभाग में पूर्व में संचालित इस अभियान के अच्छे नतीजों को देखते हुए मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान को इस बार कुल 21 जिलों में विस्तारित किया गया है। राज्य शासन के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, छत्तीसगढ़ द्वारा संचालित इस अभियान के अंतर्गत इस बार 21 जिलों में 20 लाख 43 हजार से अधिक लोगों की मलेरिया जांच का लक्ष्य है। अभियान के दौरान मितानिनों एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की टीम घने जंगलों और पहाड़ों से घिरे बस्तर संभाग के पहुंचविहीन, दुर्गम एवं दूरस्थ इलाकों में घर-घर पहुंचकर 11 लाख 37 हजार से अधिक लोगों की जांच करेगी। वहीं 14 अन्य जिलों में करीब नौ लाख छह हजार लोगों की मलेरिया जांच की जाएगी।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला ने बताया कि बस्तर संभाग में मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के चौथे चरण में स्वास्थ्य विभाग की टीम अब तक दो लाख दस हजार 174 घरों में पहुंचकर दस लाख 658 लोगों की मलेरिया जांच कर चुकी है। इस दौरान पॉजिटिव पाए गए 8742 लोगों का तत्काल इलाज शुरू किया गया। अभियान के तहत अब तक बस्तर जिले में एक लाख 18 हजार 738, बीजापुर में एक लाख 60 हजार 927, दंतेवाड़ा में दो लाख 36 हजार 223, कांकेर में 61 हजार 468, कोंडागांव में 59 हजार 801, सुकमा में दो लाख 42 हजार 341 और नारायणपुर में एक लाख 21 हजार 160 लोगों की जांच की जा चुकी है।

डॉ. शुक्ला ने बताया कि जांच में बस्तर जिले में 1319, बीजापुर में 1146, दंतेवाड़ा में 1215, कांकेर में 430, कोंडागांव में 371, सुकमा में 1083 और नारायणपुर में 3178 लोग मलेरियाग्रस्त पाए गए। अभियान के दौरान मलेरिया के मरीजों को निःशुल्क दवा देने के साथ ही घरों में मच्छररोधी स्प्रे का छिड़काव, लार्वा को नष्ट करने की गतिविधि और मेडिकेटेड मच्छरदानियों का वितरण किया जा रहा है। लोगों को मच्छरों और मलेरिया से बचाव के बारे में जागरूक भी किया जा रहा है। चौथे चरण के दौरान अब तक पॉजिटिव पाए गए 48 प्रतिशत मरीजों में मलेरिया के लक्षण दिखाई दे रहे थे, जबकि 52 प्रतिशत में इसके कोई लक्षण नहीं थे। नियमित सर्विलेंस के दौरान मलेरिया के अलाक्षणिक मरीज पकड़ में नहीं आते हैं। बिना लक्षण वाले मरीज रिजर्वायर के रूप में समुदाय में रहते हैं और इनके द्वारा मलेरिया का संक्रमण होते रहता है। अलाक्षणिक मलेरिया एनीमिया और कुपोषण का भी कारण बनता है।

मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के दूसरे चरण वाले सरगुजा जिले में अब तक 44 हजार 188, सूरजपुर में 18 हजार 571, बलरामपुर-रामानुजगंज में 75 हजार 848, जशपुर में 70 हजार 721 और कोरिया में 26 हजार 917 लोगों की जांच की गई है। अभियान में पहली बार शामिल गरियाबंद जिले में अब तक 49 हजार 929, धमतरी में 49 हजार, कोरबा में 18 हजार 518, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में 11 हजार 786, रायगढ़ में 4244, मुंगेली में 3556, राजनांदगांव में 19 हजार 823, कबीरधाम में 20 हजार 753 तथा बालोद में 15 हजार 397 लोगों की मलेरिया जांच की गई है। इन जिलों में स्वास्थ्य विभाग की टीम अब तक एक लाख छह हजार घरों में पहुंचकर चार लाख 29 हजार 252 लोगों की जांच कर चुकी है, जिनमें 650 पॉजिटिव पाए गए हैं। इनमें सरगुजा के आठ, बलरामपुर और कोरिया के 11-11, गरियाबंद के 110, धमतरी के 165, कोरबा, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही और मुंगेली के एक-एक, रायगढ़ के तीन, राजनांदगांव के 235, कबीरधाम के 74 और बालोद जिले के 30 मरीज शामिल हैं।

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