छत्तीसगढ़

समझने ही नहीं देती सियासत हम को सच्चाई, कभी चेहरा नहीं मिलता कभी दर्पण नहीं मिलता!

Nilmani Pal
23 Jun 2023 5:42 AM GMT
समझने ही नहीं देती सियासत हम को सच्चाई, कभी चेहरा नहीं मिलता कभी दर्पण नहीं मिलता!
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ज़ाकिर घुरसेना/ कैलाश यादव

मंत्रालय में कामकाज शुरू होते ही पुलिस टीम की धमक ने प्रशासनिक और राजनीतिक गलियारे में हलचल मच गई। लोग अपनी-अपनी तरह से कयास और इनपुट देने लगे। सभी ने एक ही बात कॉमन थी कि ईडी है। बाद में पता चला कि वे फर्जी जाति प्रमाण पत्रों के जरिए नौकरी कर रहे अधिकारी, कर्मचारियों को तत्काल बर्खास्त करने की मांग को लेकर धरने और आमरण अनशन की नोटिस के तहत विरोध शुरू करने जा रहे थे । राखी टीआई अपने स्टाफ के साथ वहां पहुंचे तो खलबली मच गई । फर्जी प्रमाण पत्रों वाले लोगों को बर्खास्त करने सरकार बनने के तुरंत बाद आदिवासी सम्मेलन में सीएम भूपेश बघेल ने घोषणा की थी। और साढ़े चार वर्षों में अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। जनता में खुसुर-फुसुर है कि मंत्रालय में तो 400 से अधिक फर्जी प्रमाण पत्र वाले नौकरी कर रहे है जो पकड़ा जाता है वो नकली और जो नहीं पकड़ाता वह असली बना रहता है।

राजिम वाले बहा रहे है उल्टी गंगा

विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। राजिम के करीब 300 कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया। ये सभी कार्यकर्ताओं ने जनपद सदस्य को निष्कासित किए जाने से नाराज थे। कुछ दिन पहले जिला कांग्रेस कमेटी ने जनपद सदस्य संतोष सेन को 6 वर्ष के लिए पार्टी से निष्कासित किया था। उन पर चक्काजाम में अपने पार्टी के खिलाफ नारे लगाने का आरोप था। कहा गया था कि पार्टी के विधायक और मंत्री के खिलाफ उन्होंने नारे लगाए हैं। अब उनके समर्थन में 300 कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया है । जनता में खुसुर-फुसुर है कि कांग्रेस तो सागर है, जो गागर में सागर की तरह है, अब राजिम वालों को कौन समझाए कि भागीरथी मत बनों न ही उल्टी गंगा बहाओ, नहीं तो भाजपा वाले सोंढूर-पैरी की धार बढ़ा कर गंगासागर बना देंगे।

खास लोग आम की ओर आकर्षित

जापान की मियाजकी आम की खासियत यह है कि एक ही आम में दो तरह के स्वाद मिलता है। राजधानी रायपुर में लगाए गए आमों की प्रदर्शनी में 200 किस्मों के आम प्रदर्शित किए गए थे। मुख्य आकर्षण का केंद्र दो किस्म के आम, एक हाथीझूल एवं दूसरा मियाजकी की रही। हाथीझूल आम दुनिया के सबसे बड़े आकार के किस्म के आम होते हैं, जो 2 से 5 किलो तक के वजन के होते हैं। दूसरा आकर्षण का केंद्र ‘मियाजकी आम‘ ने अपने अनोखी किस्म और महंगी कीमत से लोगों को आकर्षित किया। जनता में खुसुर-फुसुर है कि चुनाव नजदीक आते ही नेता भी खास की जगह आम बनकर लोगों को आकर्षित करते है । तब नेता आम बन जाते है और मतदाता खास हो जाता है। क्योंकि इस मौसम में आम को पकाने का काम खास लोग ही करते है। इस आम का नाम है कुर्सीझूल।

कांग्रेस में तो सभी विशेषज्ञ

विधानसभा चुनाव 2023 के परिप्रेक्ष्य के बूथ प्रबंधन सहित विधानसभा चुनाव की तैयारी के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराने छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी बस्तर संभाग सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों के 18 विधानसभा क्षेत्रों में विधानसभावार प्रशिक्षिण शिविर लगा रहा है। प्रशिक्षिण शिविर के माध्यम से विधानसभा चुनाव के विभिन्न पहलुओं, विषयों पर विषय विशेषज्ञ प्रशिक्षण देंगे। जनता में खुसुर-फुसुर है कि कांग्रेस में तो सभी नेता विषय विशेषज्ञ है। उनको न तो प्रशिक्षण की जरूरत है और ही किसी शिविर की जरूरत है वो जहां खड़े हो जाते है वहीं शिविर लग जाता है प्रशिक्षण शाला बन जाता है।

विदेशी डेलीगेट्स को सडक़ दिखाओ

आगामी 18-19 सितम्बर 2023 को जी-20 देशों के कार्य समूह की बैठक का आयोजन प्रस्तावित है। बैठकों की तमाम व्यवस्थाओं के समन्वय हेतु प्रशासनिक तैयारियों के संबंध में मुख्य सचिव ने जी-20 की बैठक की विभिन्न व्यवस्थाओं के लिए नियुक्त किए राज्य स्तरीय नोडल अधिकारियों से बैठक की व्यवस्थाओं के लिए किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की। जी-20 की बैठक से पूर्व राजधानी के महत्वपूर्ण मार्गों की साफ-सफाई, सौन्दर्यीकरण, यातायात एवं सुरक्षा व्यवस्था, जी-20 की बैठक में आने वाले विदेशी डेलीगेट्स के लिए आवश्यक व्यवस्थाओं के संबंध में व्यापक चर्चा की एवं अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। इस दौरान विदेसी डेलीगेट्स नवा रायपुर के पुरखौती मुक्तांगन, जंगल सफारी सहित सिरपुर, चम्पारण, कौशिल्य माता मंदिर इत्यादि महत्वपूर्ण दर्शनीय स्थलों पर जाएंगे। जनता मेें खुसुर-फुसुर है कि विदेशी डेलीगेट्स को राजधानी की सकड़ों पर एक दिन पैदल घुमाना चाहिए ताकि उनको पता चले कि नल-जल योजना के नाम पर पाइप लाइन बिछाने के लिए शहर के सभी सडक़ों को खोद कर छोड़ दिया गया है। पर्वतारोही तो पर्वत के शिखर पर चढ़ सकते है लेकिन रायपुर की सडक़ों पर पैदल नहीं चल सकेंगे।

रमन सिंह का कांग्रेसी दिमाग

पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने स्वीकार किया है कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने कांग्रेस नेता टीएस सिंहदेव को भाजपा में लाने का प्रयास किया था। डॉ. सिंह ने कहा कि सिंहदेव एक सुलझे हुए व्यक्ति हैं। कई जिम्मेदार पदों पर रह चुके हैं। फैसला उनको करना है। पार्टी का दरवाजा सबके लिए खुला है। भाजपा और कांग्रेस नेताओं के बीच मिलना जुलना तो होता ही रहता है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा ने धर्म के नाम पर कभी चुनाव नहीं लड़ा। उसने विकास के नाम पर वोट मांगे हैं। 23-24 के चुनाव में भी भाजपा विकास के नाम पर ही वोट मांगेगी। भाजपा राम, हनुमान या धर्म के नाम पर वोट नहीं मांगती। जनता में खुसुर-फुसुर है कि डा. रमनसिंह जब से सत्ता से बाहर हुए है। तब से कांगर्रसियों को भाजपा में लाने का प्रयास कर रहे है उसके जबाव में भूपेश बघेल धड़ाधड़ बड़े नेताओं को कांग्रेस में शामिल करते जा रहे है।

सवाल आदिपुरुष को बैन करने का

आदिपुरुष पर बैन के सवाल पर सीएम भूपेश बघेल ने कहा है कि फिल्म को छत्तीसगढ़ में बैन लगाकर हम राजनीति नहीं करना चाहते। अगर इस फिल्म में गलत हुआ है तो भारत सरकार खुद बैन लगाए। अगर फिल्म में गलत हुआ है तो पूरे देश में रोक लगनी चाहिए। जनता में खुसुर-फुसुर है कि भूपेश बघेल तो भाजपा को ही आदिपुरूष मान पर 2018 से बैन लगाते आ रहे है, अब 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट काउंटर में बैन लगवाना चाहते है। ताकि आदिपुरूषों को टिकट काउंटर तक पहुंचने का मौका ही नहीं मिले ।

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