सरकारी भवन, सर्किट हाउस और गेस्ट हाउस में नहीं कर सकेंगे राजनैतिक गतिविधियां
महासमुंद। भारत निर्वाचन आयोग नई दिल्ली द्वारा विधानसभा आम निर्वाचन 2023 के लिये कार्यक्रम जारी किये जाने के साथ ही आदर्श आचरण संहिता प्रभावशील हो गया है। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री प्रभात मलिक द्वारा आदेश जारी किया गया है कि निर्वाचन की घोषणा होने की तिथि से निर्वाचन समाप्त की तिथि के मध्य कोई भी राजनैतिक दल के व्यक्ति, मंत्रीगण, सार्वजनिक उपक्रमों के पदाधिकारी आदि शासकीय अथवा अर्द्धशासकीय विश्राम गृह, उच्च विश्राम गृह आदि में चुनाव प्रचार-प्रसार अथवा राजनैतिक उद्देश्य से न तो ठहर सकेंगे और न ही वहां पर राजनैतिक गतिविधियां कर सकेंगे। पात्रतानुसार तथा उपलब्धता अनुसार उन्हें विश्राम गृह, उच्च विश्राम गृह आदि में कक्ष उपलब्ध कराया जाएगा, किन्तु इस हेतु निम्न कार्यवाही की जाएगी, जिसमें भोजन व्यवस्था न की जाये, ठहरने वाले व्यक्ति से निर्धारित राशि जमा कराकर विधिवत रसीद दी जाए, टेलीफोन हेतु पृथक रजिस्टर रखा जावे तथा किये गये काल की निर्धारित राशि तुरन्त प्राप्त कर ली जावे, ठहरने वाले का नाम, पता, ठहरने का प्रयोजन इत्यादि का समस्त ब्यौरा अंकित किया जावे। एक रजिस्टर रखा जावे, जिनमें आगन्तुक का नाम, पता, मोबाईल नम्बर इत्यादि का समस्त ब्यौरा अंकित किया जावे। एक व्यक्ति को अधिकतम 48 घंटे के लिए ही विश्राम गृह आरक्षण किया जाएगा। कक्ष आरक्षण की दशा में तीन से अधिक वाहन विश्राम गृह में संबंधित व्यक्ति को लाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। जिन विश्राम गृह, उच्च विश्राम गृह में भारत निर्वाचन आयोग द्वारा नियुक्त प्रवेक्षकों को कक्ष आबंटित किए गए है, वहां किसी अन्य राजनैतिक दल के व्यक्ति को कक्ष आबंटित नहीं किया जाएगा।
जब कभी भी प्रेक्षक या निर्वाचन आयोग के पदाधिकारी उपरोक्त अभिलेखों की मांग करते हैं तो उन्हें अवलोकन हेतु अभिलेख उपलब्ध करावें, शासकीय और अर्द्ध शासकीय विश्राम भवनों, सर्किट हाउस, गेस्ट हाउस, ऑफिसर्स मेस इत्यादि का आरक्षण अनुविभागीय मुख्यालयों में संबंधित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) तथा अन्य स्थानों पर तहसीलदार एवं कार्यपालिक दंडाधिकारी द्वारा किया जायेगा। कक्षों के आरक्षण में निम्नानुसार प्राथमिकता निर्धारित की जावेगी। निर्वाचन आयोग के प्रेक्षक, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी एवं उनके कार्यालय के अधिकारी तथा निर्वाचन कार्य से सम्बन्धित अन्य अधिकारी यह ध्यान रखा जाये कि निर्वाचन कार्य से जुड़े अधिकारीगण, प्रेक्षक आदि के लिये कक्ष सदैव आरक्षित रखा जाये। इसके उपरांत यदि कक्ष उपलब्ध रहते हैं, तो अन्य व्यक्तियों को उल्लेखित किये गये अनुसार आबंटित किये जा सकते हैं। यह प्रतिबंध निर्वाचन प्रक्रिया समाप्ति तक संपूर्ण महासमुंद जिले में प्रभावशील रहेगा।