छापामार कार्रवाई से पकड़ी जा रही अवैध शराब की खेप
बाहरी राज्यों की शराब लाकर खपाने के खेल में रसूखदारों की भागीदारी, बेखौफ चल रहा कारोबार
टाटीबंध से लेकर मोवा, तेली बांधा, रिंग रोड, वीआईपी रोड, मंदिर हसौद बना शराब डंपिंग यार्ड
नकली होलोग्राम, स्प्रीट को रंगीन करने वाला केमिकल, टेस्ट बदलने, एसेंस के पाउडर का खेल
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। राजधानी के कई इलाकों शराब की तस्करी के मामले रसूखदारों की अप्रत्यक्ष हिस्सेदारी के चलते पुलिस आरोपियों को पकड़ती है और फोन आने पर मालूली धारा लगातर छोडऩे के मामले सामने आए है। वहीं राजधानी के आऊटर के गोदाम, फार्म हाउस को शराब तस्करों ने डंपिंग यार्ड के रूप में विकसित कर लिया है। जिससे स्थानीय और बाहरी शराब की पहचान करना नामुमकिन है।
रायपुर शहर में काफी शराब की भट्टियां है जिस पर कई लोग काम करते है। अवैध शराब माफिया के लोगों ने रायपुर शहर आकर अपना अड्डा बना लिया है। बाहर से पार्ट-2 की शराब की तस्करी की जाती है। शराब अधिकांश लोग पीते है जिसकी वजह से लोग आज किसी भी तरह की शराब को पी रहे है। शराब के ब्रांड इम्पीरियल ब्लू, रॉयल स्टेग, मेकडावल, रम, रॉयल चेलेन्जर, ब्लेंडर व फाइटर के लिए रैपर, ढक्कन व बार कोड बाहर से सप्लाई होती है। खाली पौव्वे भी बाहर से लाए जा रहे है। खाली बोतल व पव्वे बनाने वाले फैक्ट्री भी अवैध रूप से इस काम को कर रही है।
बाहर से आती अवैध शराब
शराब की तस्करी के पहले नकली होलोग्राम, स्प्रीट को रंगीन करने वाला केमिकल, टेस्ट बदलने वाला एसेंस तीन पैकेट पाउडर और हजारों की संख्या में ब्रांडेड खाली शीशी और ढक्कन नकली जिससे तस्करी करने में आसानी होती है। रायपुर में शराब यूपी और एमपी बॉर्डर से छत्तीसगढ़ तक लाया जाता है। नकली शराब बनाने का भी सारा काम यही अच्छा-खासा फल-फूल रहा है।
शराब की गाड़ी बिना परमिट के ही शहर में आती है और शहर भर के बड़े-बड़े व्हेयर हॉउस में जाकर अनलोड होती है। पुलिस भी ऐसे लोगों तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। पुलिस का मानना है कि नकली शराब बनाने का यह धंधा किसी एक व्यक्ति का नहीं हो सकता। इसलिए पुलिस छानबीन में जुटी है। इस तरह से शराब का बनाया जाना पूरी तरह प्रतिबंधित है। कई बार जमीन के नीचे दबे बर्तन में सांप, छिपकली या अन्य कोई जीव गिर जाता है ऐसे में ये शराब जानलेवा हो जाती है।
पुलिस का मानना शराब की होती अवैध तस्करी
पुलिस का ऐसा मानना है कि अवैध शराब बनाने वालों की सिस्टम में भी पहुंच है, पुलिस विभाग में इन लोगों की पहुंच को कोई नहीं नकारता। जब ऐसी घटनाएं होती हैं तो आबकारी और पुलिस एक दूसरे पर दोष लगाते हैं, सरकार ट्रांसफर और निलंबन की कार्रवाई करती है लेकिन फिर थोड़े दिनों के बाद जहरीली शराब के मामले सामने आते ही है। शराब की बिक्री पर ना तो रोक लगा है और ना ही लगेगा।
शराब की तस्करी के नए तरीके
अवैध शराब की फैक्ट्री में किसी भी शराब को कबाड़ी से खरीदे गए मंहगे शराब की बोतलों में भरा जाता है और उसमें सोडा मिलाया जाता है। स्वाद में एकरूपता लाने के लिए ब्रांडेड महंगी शराब की थोड़ी मात्रा भी बोतल में डाली जाती है। बोतल में डुप्लीकेट शराब तैयार कर उसका रैपर बदला जाता है और उसे सील कर उस पर छत्तीसगढ़ सरकार का लोगो चिपका कर उसकी तस्करी की जाती है।
हिस्ट्रीशीटर से मिला अवैध शराब का जखीरा, महीनों से चला रहा था काला कारोबार
छत्तीसगढ़ आबकारी विभाग ने अवैध शराब के खिलाफ पिछले तीन दिनों से ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है. हाल ही में खम्हारडीह थाने इलाके में आबकारी विभाग ने 12 पेटी अंग्रेजी शराब जब्त की है। ये शराब हरियाणा में बनाई गई थी. आबकारी विभाग ने दो लोगों पर कार्रवाई की है। आबकारी विभाग के मुताबिक आरोपी रिंकू ठाकुर स्कूटी से शराब लेकर जा रहा था, तभी आबकारी विभाग को मुखबिरों से सूचना मिली। इसके बाद आबकारी अमला आरोपी के पास पहुंचा। आरोपी के पास 2 पेटी शराब मिली।
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