ई-कामर्स कंपनियों से मिली सूचना के आधार पर पुलिस कर रही कार्रवाई
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। राजधानी में ऑनलाइन हथियारों को खरीदने का सिलसिला चल ही रहा है, रायपुर पुलिस के लिए चाकूबाजी, हत्या, लूट जैसे वारदात एक चुनौती बन गया गया है। रायपुर में रोजाना हो रहे हत्या में ज्यादातर अपराधी चाकू का इस्तेमाल करते है और चाकू मंगवाने का जरिया ही ऑनलाइन शॉपिंग बन रहा है। ऑनलाइन कंपनी फ्लिपकार्ट से पेन, बंदूक और एटीएम कार्ड की शक्ल के चाकू मंगाने वाले शौकीनों से पुलिस ने 170 चाकू बरामद किए हैं। हफ्ते भर चले अभियान में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। इनमें चाकू रखने वाले अधिकतर लोगों के परिजनों को इसकी भनक तक नहीं थी। यही नहीं, चाकू खरीदने वाले ज्यादातर नाबालिग मिले है। बढ़ते अपराध को देखते हुए पुलिस ने रात्रि गश्त को बढ़ा दिया है, और बढ़ती चाकूबाजी की घटनाओं के चलते पुलिस अब हरकत में आ गई है। पुलिस ने कई आरोपियों को पकड़ा है और पकडे गए आरोपियों ने बताया कि ई-कॉमर्स साइट से प्रतिबंधित धारदार हथियार मंगवा कर उसे शहर में दोगुने दामों में बेचते है। पुलिस ने उसके बाद से बड़ी संख्या में धारदार हथियार बरामद किए हैं।
मौत का सामान धड़ल्ले से बिक रहा : सोशल साइट्स में आजकल मौत का सामान धडल्ले से बिकने लगा है। वह भी बिना किसी लाइसेंस के। प्रतिबंधित चाकू और तलवारें आसानी से लोगों को आर्डर पर होम डिलीवरी दी जा रही है। कुछ महीने पहले जब पुलिस ने दस से अधिक चाकूबाजों को पकड़ा था तब उनके पास से कई महंगे स्टाइलिश व बटनदार चाकू बरामद हुए थे। पूछताछ में पता चला कि ये सामान ई-कॉमर्स वेबसाइट फ्लिपकार्ट से खरीदे गए थे। इन हथियारों को खिलौने और किचन के सामान के नाम पर बेचा गया। इस घटना ने ई-कॉमर्स वेबसाइट्स पर सामान की बिक्री ने गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
ऑनलाइन हथियारों में ग्राहकों की लगी भीड़
अक्सर ऐसा देखा गया है कि कई साइटों पर ऑनलाइन चाइनीज और स्टाइलिश चाकू बिक रहे हैं। दरअसल चाकू, छुरे बेचने वाले लोकल दुकानदारों पर पुलिस ने सख्ती की तो फंसने के डर से उन्होंने कारोबार बंद कर दिया। इसका फायदा ऑनलाइन साइट उठा रही हैं। नए बदमाश स्टाइलिश चाकू-छुरे खरीदने के लिए ऑनलाइन साइट का सहारा ले रहे हैं। इन साइटों में डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट अलीबाबा डॉट काम, अमेजॉन समेत अन्य साइट शामिल हैं। यहां पर 500 रुपये से लेकर 20,000 रुपये तक के स्टाइलिश चाइनीज व इंडियन चाकू बिक रहे हैं। इन साइट्स पर पुलिस की निगाह बनी हुई है।
किचन का सामान बताकर बेच रहे हथियार
आम्र्स एक्ट के तहत कोई भी चाकू, जिसका ब्लेड 5 इंच से ज्यादा हो वो बिक्री के लिए प्रतिबंधित है। ज्यादातर ई-कॉमर्स वेबसाइट्स की पॉलिसी खतरनाक सामान की बिक्री को प्रतिबंधित करती है। इन साइट पर चाकू-तलवार खुलेआम बिक रहे थे। नाइफ इंडिया डॉट कॉम पर तो हर तरह के चाकू-छुरे के साथ तलवारें बेची जा रही है। अमेजॉन पर छोटी कुल्हाड़ी भी खरीद सकते हैं। नकल पंच तो हर साइट पर बिक रहा है। अली एक्सप्रेस पर भी चाकू तलवारों की पूरी रेंज उपलब्ध है। जानकारों की मानें तो वेबसाइट पर इन्हें किचन के सामान या खिलौने के नाम पर लिस्ट कराते हैं, लेकिन ये प्रतिबंधित होते हैं।
पुलिस ने दिखाई सख्ती
अपराधियों द्वारा ऑनलाइन हथियारों की खरीदी को देखते हुए पुलिस ने अब सख्ती शुरू कर दी है। लगातार चाकूबाजी व अन्य मामलों में पकड़े जा रहे अपराधियों से चाकू व अन्य घातक हथियार बरामद हो रहे है पूछने पर ये अपराधी ऑनलाइन या ई-कॉमर्स साईट से खरीदने की बात कहते है। इसको देखते हुए पुलिस ने ई-कॉमर्स एजेंसियों पर भी शिकंजा कसना शुरू कर दिया है और उन्हें पत्र लिखकर निर्देश दिया गया है कि इस तरह के हथियारों के आर्डर मिलने पर उसकी सूचना पुलिस को दी जाये। ताकि पुलिस संबंधित व्यक्ति से हथियार खरीदने को लेकर उसके प्रयोजन की जानकारी ले सकें।
पुलिस ने चलाया तस्दीकी अभियान
रायपुर पुलिस ने अलग - अलग थानों से कई लोगों के पास से पुलिस ने 170 धारदार और बटनदार चाकू जमा कराया है। जिनमे से कुछ नाबालिक बच्चों द्वारा भी ऑनलाईन आर्डर कर बटनदार चाकू मंगाये थे उनसे चाकू जमा कराकर ऐसे बच्चों के परिजनों को थाना बुलाकर समझाईश दी गई है। परिजनों को उनके नाबालिक बच्चों द्वारा धारदार और बटनदार चाकू मंगाये जाने की जानकारी नहीं थी। रायपुर पुलिस के इस अभियान की परिजनों एवं अन्य लोगों ने भूरी - भूरी प्रशंसा की है तथा परिजनों ने उनके नाबालिक बच्चों द्वारा किसी भी बड़ी घटनाओं में शामिल होने के पूर्व रोक लेने तथा रायपुर पुलिस द्वारा इस बात से उन्हें अवगत कराने पर परिजनों द्वारा रायपुर पुलिस को धन्यवाद दिया है। अवैध रूप से धारदार व घातक चाकू की खरीदी-बिक्री करने वालों के साथ ही ऑनलाईन शॉपिंग साईट जैसे एमेजॉन, फ्लिपकार्ट सहित अन्य शॉपिंग साईट से धारदार व घातक चाकू मंगाने वालों पर रायपुर पुलिस द्वारा लगातार नजर रखीं जा रहीं है।