रायगढ़। पुलिस अधीक्षक रायगढ़ अभिषेक मीना के दिशा निर्देशन पर आज रक्षित केन्द्र के परेड ग्राउंड पर कार्यपालिक मजिस्ट्रेट एवं पुलिस अधिकारियों उपस्थिति में जवानों द्वारा कानून व्यवस्था की स्थिति से निपटने के लिए मॉक ड्रिल का अभ्यास किया गया जिसे पुलिस की शब्दावली में "बलवा ड्रिल" भी कहा जाता है ।
एडिशनल एसपी लखन पटले द्वारा विपरीत परिस्थितियों पर उग्र हो रहे प्रदर्शनकारी/दंगाईयों से कैसे निपटे और शांति व्यवस्था कैसे नियंत्रित करें । इस संबंध मेंअपने मातहतों को विस्तारपूर्वक समझाया गया। बलवा ड्रिल में वास्तविकता लाने एएसपी के निर्देशन पर आर.आई. अमरजीत खुंटे द्वारा पुलिसकर्मियों की दो पार्टियां बनाई गई । एक पार्टी को प्रदर्शनकारी/दंगाई बनाया गया था तथा एक पुलिस पार्टी में मजिस्ट्रेट, डॉक्टर, पुलिस आर्म्स पार्टी सहित अलग-अलग पार्टियां बनाई गई थी।
बलवा ड्रिल में बकायदा प्रदर्शनकारी एवं प्रशासन व पुलिस के मध्य चर्चा, समझाईश दिखाया गया । जब दोनों पक्षों के बीच बातचीत से समाधान नहीं हुआ और प्रद्रर्शनकारी/दंगाई उग्र होकर कानूनों का उल्लंघन करने लगे तब पुलिस पार्टी अश्रु गैस व अन्य दंगा नियंत्रण उपकरण एवं शस्त्रों का प्रयोग प्रद्रर्शनकारी/दंगाईयों को नियंत्रित किया गया । इस दौरान प्रद्रर्शनकारी/दंगाईयों के हमले से घायल पुलिसकर्मियों का बचाव का अभ्यास जवानों द्वारा किया गया।
एडिशनल एसपी लखन पटले, एडिशनल एसपी (ट्रैफिक) माहेश्वर नाग एवं सीएसपी योगेश पटेल द्वारा बलवा ड्रिल में पाई गई खामियों पर विस्तृत रूप से पुलिसकर्मियों को समझाया गया और आने वाले दिनों में इसका अभ्यास कर सुधार करना बताये। बलवा ड्रिल में कार्यपालक मजिस्ट्रेट तथा एसडीओपी खरसिया श्रीमती निमिषा पांडे, एसडीओपी धर्मजयगढ़ दीपक मिश्रा, एसडीओपी सारंगढ़ प्रभात पटेल, टीआई विवेक पाटले, मनीष नागर, अभिनव कांत सिंह, अमित शुक्ला, अमित सिंह, कृष्णकांत सिंह, एस.आर. साहू, एल.पी. पटेल, उपनिरीक्षक प्रवीण मिंज, गिरधारी साव, जी.पी. बंजारे, डीपी साहू तथा पुलिस लाइन, थाना/चौकियों के पुलिसकर्मी, पुलिस अस्पताल के मेडिकल स्टाफ शामिल थे।