कलेक्टर के आदेश को नहीं मानती पुलिस, दबंगों से डरी हुई है ये महिला
कांकेर। कांकेर जिले में एक बेसहारा महिला को दबंगों ने इतना परेशान कर दिया कि उसका गांव में रहना बेहद मुश्किल हो गया है। पीड़िता न तो किसी से मदद मांग सकती है और न ही अपना जीवन-यापन कर सकती है। दबंगों ने नक्सल पीड़ित महिला का जबरन हुक्का पानी बंद कर दिया था। महिला अपने 2 बच्चियों के साथ खेती करके घर चला रही थी। क्योंकि उसके पति की 10 साल पहले पुलिस मुखबिर के शक में नक्सलियों ने हत्या कर दी थी। इस मसले को लेकर महिला ने कांकेर पुलिस से मदद की गुहार लगाई है। इसके बावजूद उसके साथ न्याय नहीं हो पा रहा है। हालांकि कलेक्टर ने जांच के आदेश दे दिए है। यह पूरी घटना कांकेर जिले के बांदे थाना क्षेत्र की है।
बता दें, कलेक्टर ने जांच के लिए निर्देश तो दिए है। लेकिन 24 घंटे हो गए, अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। पीड़िता इस वक्त घर में कैद है। वो कही आना-जाना नहीं कर सकती। पीड़िता को दंबग आत्महत्या करने के लिए उकसा रहे है। गांव छोड़ने की धमकी दे रहे है। पति की मौत के बाद महिला जगदलपुर रहने चली गई थी। लेकिन कुछ समय से अपने गांव वापिस आ गई। महिला ने एफआईआर दर्ज कराते हुए लिखा है कि, मुझे इन दंबगों से बचा लो, मेरी छोटी-छोटी बच्चियां हैं, कृपया इन गुड़ों पर जल्द से जल्द कार्रवाई करें।
दरअसल, नक्सल पीड़ित महिला कुछ सामान लेने बाजार गई हुई थी। तभी अचानक उसे बीच सड़क पर चक्कर आ गया। जिसे देख गांव के ही युवक ने महिला की सहायता करने के लिए उसे घर तक छोड़ दिया। लेकिन यह बात गांव में रहने वाले कुछ गुंडों को पसंद नहीं आई और उन्होंने महिला को दंडित किया और कहा कि, गांव में न तो आपके कोई रिश्तेदार आएंगे और न आप किसी से बात करेंगी। अगर कोई आपसे मिलने आया तो उसे भी पति की तरह खत्म कर दिया जाएगा। इतना ही नहीं दंबगों ने महिला के रिश्तेदारों को गाली दी और बुरा भला कहा। स्वर्गीय पति के भाई को भी गांव में आने से मना कर दिया गया है। महिला अपना घर चलाने के लिए रसोइया का काम कर रही थी। उसे भी बंद करा दिया गया है।