परेशान थे पुलिस और अधिकारी, गलत नाम बता रहा था लापता बालक
बिलासपुर। सरकंडा क्षेत्र से गायब नाबालिग आठ दिनों से बाल संप्रेक्षण गृह में रह रहा था। नाम नहीं बता पाने की वजह से उसके संबंध में पूरी जानकारी नहीं मिल पा रही थी। आठ दिन बाद बाल संप्रेक्षण गृह के अधिकारियों ने पुलिस को सूचना दी तब सरकंडा पुलिस ने बालक को स्वजन से मिलाया। सरकंडा थाना प्रभारी परिवेश तिवारी ने बताया कि तीन फरवरी को चांटीडीह में रहने वाला 12 वर्षीय नाबालिग गायब हो गया था। स्वजन उसकी तलाश कर रहे थे। पांच दिन तक तलाश के बाद भी बालक के नहीं मिलने पर स्वजन ने इसकी शिकायत सरकंडा थाने में की। नाबालिग के गायब होने पर पुलिस ने अपहरण का मामला दर्ज कर उसकी तलाश शुरू कर दी। सोमवार को बाल संप्रेक्षण गृह के अधिकारियों ने सरकंडा पुलिस को बताया कि एक बालक घुरू अमेरी में घूमते हुए मिला है।
आसपास के लोगों की सूचना पर उसे बाल संप्रेक्षण गृह में रखा गया है। इस पर पुलिस ने बालक के संबंध में जानकारी ली। तब पता चला कि उसके स्वजन ने थाने में शिकायत की है। स्वजन को बुलाकर उन्हें बालक को सौंप दिया गया है। सरकंडा थाना प्रभारी ने बताया कि बालक पहले भी एक दो दिन के लिए कहीं चला जाता था। इसके कारण बालक की काउंसिलिंग भी कराई जाएगी।
सरकंडा थाना प्रभारी परिवेश तिवारी ने बताया कि नाबालिग ने बाल संप्रेक्षण गृह के अधिकारियों को अपना गलत नाम बताया था। इसके कारण उसके परिवार के संबंध में जानकारी नहीं मिल पा रही थी। बाल संप्रेक्षण गृह के अधिकारियों ने पुलिस से संपर्क किया तो पूरा मामला सामने आ गया।