हुक्का बार पर पुलिस का एक्शन, जनता की शिकायत पर लगातार कार्रवाई
तेलीबांधा में हुक्का पिलाते दो रेस्टोरेंट संचालक गिरफ्तार, छह ग्राहक भी पकड़ाए
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। राजधानी सहित प्रदेश में हुक्का बार संचालित कर लोगों को नशा परोसने वाले होटलों कैफे व रेस्टोरेंट के खिलाफ पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश के बाद पुलिस सख्ती से कार्रवाई कर रही है। इस बीच हाईकोर्ट ने हुक्काबारों पर लगाए प्रतिबंध पर रोक लगा दी है। इसके बाद भी पुलिस अनाधिकृत तरीके से हुक्का पिलाने वालों पर कार्रवाई जारी रखेगी।
आधा दर्जन युवकों सहित दो संचालक गिरफ्तार
छत्तीसगढ़ की सरकार ने हुक्का बार पर बैन लगा कर रखा है। इसके बावजूद राजधानी रायपुर में एक कैफे के भीतर हुक्का पार्टी चल रही थी। रायपुर के अलग-अलग इलाकों में रहने वाले कारोबारी परिवार से ताल्लुक रखने वाले 6 युवक भी इस पार्टी में शामिल थे। सभी हुक्के का धुआं उड़ाते हुए पार्टी कर रहे थे तभी अचानक पुलिस पहुंच गई। पुलिस ने पार्टी में शामिल युवकों के साथ कैफे चलाने वाले दो लोगों को भी गिरफ्तार किया है।
तेलीबांधा थाने की पुलिस टीम ने तालाब के ठीक सामने वाइट अर्थ कैफे में मंगलवार की आधी रात छापा मारा था। यहां युवक हुल्लड़ बाजी और हुक्के के नशे में मशगूल थे। छापा मारने पहुंची टीम को इस पार्टी में शामिल यश मेघानी, धीरज चनानी, साहिल मोटवानी, कुशाल चावला, तन्मय आनंद और अनुज पंजवानी नाम के लड़के मिले। यह सभी रायपुर के कपड़ा, फाइनेंस और शेयर ट्रेडिंग से जुड़े कारोबारियों के बेटे हैं।
पुलिस ने कैफे की छानबीन की तो यहां पर हुक्का पॉट, रॉ मटेरियल मिला। वाइट अर्थ कैफे के संचालक तनुज पंजवानी और रवि आहूजा को भी इस मामले में गिरफ्तार किया गया है। प्रतिबंध के बावजूद देर रात तक पार्टी करने और हुक्का पिलाने की वजह से अब रायपुर पुलिस वाइट अर्थ कैफे के लाइसेंस को निरस्त करने की कार्रवाई भी करने जा रही है, इसे लेकर जिला प्रशासन को रायपुर एसपी एक खत लिखने वाले हैं।
हुक्का बार बंद करने कानून बनाएगी सरकार: रविन्द्र चौबे
छत्तीसगढ़ में हुक्का बार संचालन को लेकर राज्य सरकार ने प्रतिबंध लगाया था, जिस पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है। हाई कोर्ट के इस निर्देश को लेकर प्रदेश के संसदीय कार्य मंत्री रविन्द्र चौबे का बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि प्रदेश में हुक्का बार का संचालन नहीं होने दिया जाएगा। विदित है कि प्रदेश के युवाओं को नशे के आगोश में फंसता देख मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हुक्का बार प्रतिबंधित किए जाने का निर्देश जारी किया था। इसके बाद से प्रदेश में धड़ल्ले से कार्रवाई भी हुई और कई हुक्का बारों में ताला जड़ दिया गया। वहीं काफी लोगों को नोटिस भी जारी किया गया था। राज्य सरकार के इस निर्देश के खिलाफ हुक्का बार संचालकों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिस पर हाईकोर्ट बिलासपुर ने एक तरफ जहां प्रतिबंध के आदेश पर राज्य सरकार को जवाब के लिए तलब किया है, तो वहीं प्रतिबंध पर रोक लगा दिया है। इस मामले में आज हाईकोर्ट के निर्देश को लेकर संसदीय कार्यमंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि हाईकोर्ट ने जो फैसला दिया है, उसके बिन्दुओं को समझने के बाद इस पर ठोस निर्णय लिया जाएगा। मंत्री चौबे ने कहा कि आवश्यकता पडऩे पर कानून बनाया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि छत्तीसगढ़ में हुक्का बार संचालित नहीं होने दिया जाएगा।
प्रदेश में युवाओं का कल्चर बन चुका हुक्का, एक बार फिर गुडग़ुड़ाया जाएगा। हुक्के को स्टेटस सिम्बल मान चुके युवा दिखावे के लिए ही नहीं नशे के लिए भी इस्तेमाल करने लगे हैं। हालाँकि किसी भी कानून के तहत हुक्का प्रतिबंधित नहीं है। लेकिन सबको पता है की हुक्के के कोयले में सिर्फ फ्लेवर और साधारण तम्बाकू ही नहीं गांजे की पत्तियां भी मिलाई जा सकती हैं। चूँकि सैंकड़ो हुक्का बारों में जाकर हजारों हुक्कों की जांच नहीं हो सकती थी। ऐसे में सरकार ने गांजे का लाइसेंसी चिलम बन चुके हुक्का और हुक्का बारों को पूर्णत: बंद कर देने का फैसला लिया था। जिसका प्रदेश भर में स्वागत भी किया गया। ताकि नशे पर लगाम लगाई जा सके। लेकिन हाईकोर्ट ने एक झटके में प्रदेशभर के हुक्का कारोबारियों और सेवनकर्ताओं के मायूस चेहरों पर मुस्कान ला दी है। प्रदेश में हुक्का बार पर प्रतिबंध लगाने को लेकर प्रशासन की कार्रवाई को हाईकोर्ट से झटका लगा है। कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी है। कहा गया है कि बिना कानून लाए इस पर रोक नहीं लगा सकते हैं। रायपुर के राजेन्द्र नगर थाना प्रभारी ने एडिक्शन कैफे समेत 6 हुक्का बार संचालकों को कारोबार बंद करने के संबंध में नोटिस जारी किया था। इस नोटिस को चुनौती देते हुए कैफे संचालकों ने याचिका दायर की है। मामले की सुनवाई बुधवार को जस्टिस आरसीएस सामंत की बेंच में हुई। वकील अंकुर अग्रवाल के माध्यम से हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका में कहा गया कि राज्य शासन ने हुक्का बार पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है। इस पर स्थानीय प्रशासन और पुलिस की ओर से बार संचालकों को बिना किसी कानून के दबाव डालकर हुक्का बार को बंद कराया जा रहा है। याचिका में तर्क दिया गया है कि राज्य शासन कोटपा एक्ट में संशोधन कर हुक्का बार को प्रतिबंधित करने की बात कही है। संविधान के प्रावधान के अनुसार राज्य शासन बिना किसी कानून के इस तरह से किसी भी कारोबार को बंद नहीं करा सकती।