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बिलासपुर। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत छत्तीसगढ़ सरकार अपने हिस्से की राशि 762 करोड़ रपये अब तक जमा नहीं कर पाई है। इसके कारण गरीबों को योजना के तहत मकान बनाने की स्वीकृति नहीं मिल पा रही है। वर्ष 2020-21 में केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ के बीपीएल परिवारों के लिए छह लाख 48 हजार 867 आवासों के निर्माण की स्वीकृति दी थी। राज्य सरकार ने इसे घटाकर एक लाख 57 हजार आवास कर दिया।
पीएम आवास का लक्ष्य कम करने के बाद भी राज्य के हिस्से की राशि जमा नहीं कर पाने के कारण हितग्राहियों को आवास स्वीकृत नहीं हो पा रहे हैं। जिन लोगों ने आवास बनाना शुरू किया है, राशि नहीं मिलने के कारण उनका काम भी अधूरा है। बारिश में अब अधूरे निर्माण के ढहने की आशंका भी बनी हुई है।
राज्य सरकार अपने हिस्से की राशि अब तक जमा नहीं कर पाई
इस बारे में बिलासपुर सांसद अरुण साव ने बताया कि आवास निर्माण का कार्य अधूरा होने की जानकारी मिलने के बाद उन्होंने केंद्रीय आवास एवं पर्यावरण मंत्री से पत्रचार कर बजट की मांग की थी। तब पता चला कि केंद्र सरकार ने अपने हिस्से की पूरी राशि स्वीकृत कर दी है। राज्य सरकार अपने हिस्से की राशि अब तक जमा नहीं कर पाई है। आवास निर्माण में राज्य सरकार द्वारा रोड़ा अटकाया जा रहा है।
आठ लाख 59 हजार 578 गरीब प्रतीक्षा सूची में
वर्ष 2018 से लेकर अब तक प्रदेशभर में आठ लाख 59 हजार 578 गरीब आवास के लिए प्रतीक्षा सूची में है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में केंद्र सरकार ने सात लाख 81 हजार करोड़ की स्वीकृति दी थी। राज्यांश के लिए चार हजार करोड़ रपये तय किए गए हैं।
राज्यांश नहीं मिलने के कारण आवास निर्माण का कार्य अटका हुआ
राज्यांश नहीं मिलने के कारण आवास निर्माण का कार्य अटका हुआ है। बजट स्वीकृत होते ही निर्माण कार्य प्रारंभ हो जाएगा- आनंद पांडेय, परियोजना अधिकारी, पीएम आवास योजना, छत्तीसगढ़।
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