छत्तीसगढ़

सरकारी और निजी अस्पतालों सहित कोविड सेंटरों में मरीजों की भरमार

jantaserishta.com
29 April 2021 6:35 AM GMT
सरकारी और निजी अस्पतालों सहित कोविड सेंटरों में मरीजों की भरमार
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अकिफ फरिश्ता

नए मरीजों को एडमिट कराने भटक रहे है परिजन, दलाल-छुटभैय्ये नेता उठा रहे फायदा

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए जहां मेकाहारा और सरकारी अस्पतालों में बेड पूरी तरह से भर चुके है वही निजी अस्पतालों और जिले में बने कुछ कोविड सेंटरों में मरीज़ों के लिए बेड पर्याप्त है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कई अस्पतालों के आईसीयू वार्ड में ऑक्सीजन बेड भी फुल हो चुके है। कोरोना वायरस के नए मामलों को देखते हुए कई अस्पतालों के बेड तो भर चुके है, लेकिन वही जिले में बने कोविड सेंटरों में ऑक्सीजन बेड कुछ प्रतिशत खाली चल रहे है। इस कोरोना वायरस की वजह से लोग जि़ंदगी और मौत के बीच जूझ रहे है। अंबेडकर अस्पताल की तरफ से कई मरीजों से कह दिया गया है कि बेड खाली होने पर इन्हें बेड दिया जाएगा।

मेकाहारा में कोविड मरीज़ों की बेड संख्या : मेकाहारा के डॉक्टरों ने बताया कि इस अस्पताल के कोविड सेंटर में 602 बेड है। जिसमें बेड 215 बिस्तरों में ऑक्सीजन की सुविधा है। डॉक्टरों ने जानकारी देते हुए बताया कि मेकाहारा में सबसे बड़ा आईसीयू है जिसमें 106 बिस्तरों की सुविधा है, और 60 वेंटिलेटर बेड है जिसमें सभी मरीज़ भर्ती किये गए है। मेकाहारा की जनसम्पर्क अधिकारी सुभ्रा सिंह ने बताया कि मेकाहारा में मरीज़ों की संख्या में आए दिन बढ़ोत्तरी और कटौती होते रहती है। हर सुबह मरीज़ों की संख्या बढ़ती जाती है और शाम होते तक मरीज़ डिस्चार्ज होकर जाते भी रहते है।

मेकाहारा में आईसीयू फुल : मेकाहारा अस्पताल में आए दिन कोरोना मरीज़ों की संख्या में वृद्धि होते जा रही है, जिसकी वजह से आईसीयू के बेड भी पूरी तरह से भर गए है। छत्तीसगढ़ में कोरोना से हालात बिगड़ते जा रहे हैं। रायपुर की स्थिति में गिरावट आई है। रायपुर के सरकारी अस्पतालों में अब बेड करीब-करीब भरते जा रहे हैं। राजधानी में कोरोना की स्थिति कुछ कम हुई है लेकिन रोजाना मरीज़ों के इजाफे को देखते हुए मेकाहारा में अब वैंटिलेटर के बेड भर भी चुके हैं।

कोरोना रिपोर्ट आने में लगते 24 घंटे

मरीज़ों की हालात देखते हुए डॉक्टरों ने बताया कि अब कोरोना टेस्टिंग में भी 24 घंटे का ही समय लिया जाता है। और उससे एक मिनट भी ज्यादा समय नहीं लिया जाता है। इस टेस्टिंग के प्रोसेस में टेस्ट के 6 घंटे बाद मेडिकल प्रक्रिया पूरी की जाती है उसके बाद उसे मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों द्वारा टेस्ट किया जाता है। उसके बाद 24 घंटे में किसी भी व्यक्ति का कोरोना रिपोर्ट बनाकर उसे दिया जाता है। कोरोना टेस्ट के लिए लोग कोई जगहों में लाइन लगाकर खड़े रहते है, जिसकी वजह से लोगों में कोरोना भी तेज़ी से फ़ैल रहा है उसके लिए मेकाहारा में अब एक दिन में ही रिपोर्ट दे दिया जा रहा है। लेकिन अब भी कई जगहों में 3 दिन लग जाते है कोरोना रिपोर्ट देने में ये भी एक गंभीर समस्या है।

कोविड सेंटरों में मरीजों को करा रहे भर्ती

मेकाहारा में इलाज के लिए आ रहे मरीज़ों का कोरोना टेस्ट करके उन्हे कोविड वार्ड भेज दिया जाता है। एम्स और मेकाहारा के साथ-साथ माना के कोविड अस्पताल भर चुके हैं। वहीं वेटिंलेंटर और आक्सीजन बेड में जगह नहीं बची है, आईसीयू में भी जगह नहीं बची है। कोई भी बिमारी हो मरीज़ को कोरोना वार्ड में ही भर्ती कर दिया जाता है। मरीज़ों की स्थिति अगर गंभीर हो जाती है तो उनके लिए भी बेड उपलब्ध हो जाते है।

निजी अस्पतालों में बेड फुल

रायपुर शहर के आधे से ज्यादा निजी अस्पतालों में भी बेड भर चुके है। छत्तीसगढ़ में कोरोना के टेस्ट को देखकर या कहा जा सकता है कि कोरोना के केस कुछ कम हुए है। लेकिन उसके बाद भी निजी अस्पतालों में कोरोना के मरीज़ ज्यादा तो नहीं है लेकिन जिस निजी अस्पताल में जितने बेड का कोविड सेंटर है उसमें उतने ही मरीज़ भर्ती हो जाते है जिसकी वजह से निजी अस्पतलों में मरीज़ों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। अस्पतालों में इलाज के लिए बुनियादी सुविधाएं भी है। कोविड मरीजों के लिए छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े अस्पतालों में भी बेड नहीं मिल रहे है।

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