कमेटी से महंत और रविंद्र चौबे नदारद, टीएस सिंहदेव को मिली जगह
रायपुर। कांग्रेस ने मिशन 2023 को देखते हुए राजनीतिक मामलों की समिति गठित की है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी माने जाने वाले गिरीश देवांगन और सीएम के संसदीय सलाहकार राजेश तिवारी भी टीम में है। ऐसे में दस सदस्यीय टीम में पांच सदस्य ऐसे हैं जो भूपेश खेमे के माने जाते हैं। कमेटी में बस्तर के एक भी नेता को शामिल नहीं किया गया है।
समिति में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके करीबी नेताओं को जगह दिया गया है, जबकि पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और वर्तमान में विधानसभा अध्यक्ष डा चरणदास महंत, सरकार में ताकतवर मंत्री रविंद्र चौबे जैसे नेताओं को स्थान नहीं मिला है। कांग्रेस सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल टीएस सिंहदेव और ताम्रध्वज साहू को शामिल किया गया है।
जबकि सिंहदेव के विरोधी माने जाने वाले अमरजीत भगत को भी कमेटी में शामिल करके सरगुजा के समीकरण को साधने की कोशिश की गई है। प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने के बाद समन्वय समिति का गठन किया गया था।
इस समिति में नौ सदस्य शामिल थे। डा चरणदास महंत को विधानसभा अध्यक्ष बनने के कारण कमेटी में शामिल नहीं किया गया था। इस बार भी संवैधानिक पद पर होने के कारण डा महंत को शामिल नहीं किया गया है। पिछली समन्वय समिति में आदिवासी नेता अरविंद नेताम को बस्तर कोटे से शामिल किया गया था। नेताम के बागी तेवर को देखते हुए कांग्रेस केंद्रीय संगठन ने उन्हें किनारे कर दिया है। नेताम का नाम हटने के बाद बस्तर से किसी नए नेता को शामिल नहीं किया गया है। केंद्रीय संगठन में दस सदस्यीय समिति के अलावा राज्य के केंद्रीय संगठन के पदाधिकारियों को भी शामिल किया गया है। कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव विकास उपाध्याय और राजेश तिवारी इसी श्रेणी में समिति में शामिल हुए हैं। राजनीतिक मामलों की समिति में प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया, प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, मंत्री टीएस सिंहदेव, ताम्रध्वज साहू, शिव डहरिया, अमरजीत भगत, सत्यनारायण शर्मा, धनेंद्र साहू और गिरीश देवांगन हैं। इसके साथ ही महिला कांग्रेस, सेवादल, युवक कांग्रेस और एनएसयूआइ के प्रदेश अध्यक्ष विशेष आमंत्रित सदस्य हैं। कांग्रेस के प्रभारी सचिव डा चंदन यादव और सप्तगिरी शंकर उल्का और केंद्रीय संगठन में छत्तीसगढ़ के राष्ट्रीय सचिव और राजेश तिवारी शामिल हैं।