इत्र की शीशियां बेकार ही इतराती हैं खुद पर, रिश्ते तो आप जैसे लोगों से महकते हैं साहब...
'जनता से रिश्ता' वेब डेस्क
जाकिर घुरसेना-कैलाश यादव
फ्रांस के साथ हुई राफेल डील को लेकर एक बार फिर से बवाल मच गया है। फ्रेंच पब्लिकेशन मीडियापार्ट ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि इस डील के लिए दसॉ एविएशन ने सुशेन गुप्ता नाम के बिचौलिए को 65 करोड़ रुपया दिया गया है। इस पर अब बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने आ गए हैं। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसे सबसे बड़ा रक्षा घोटाला बताया। इसके बाद बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस की और आरोप लगाते हुए कहा कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने कमीशनखोरी की है. कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि राफेल घोटाला 60 से 80 करोड़ रुपये के कमीशन का नहीं है, बल्कि ये सबसे बड़ा रक्षा घोटाला है और स्वतंत्र जांच ही इसका खुलासा कर सकती है. उन्होंने सवाल किया कि क्या ये सही नहीं है कि 26 मार्च 2019 को ईडी ने छापेमारी में बिचौलियों से रक्षा मंत्रालय के गोपनीय दस्तावेज बरामद किए थे. ये राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने, देशद्रोह और ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट का उल्लंघन है इसमें सांठगांठ की बू आ रही है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट कर सरकार को घेरा. राहुल ने लिखा कि जब सत्य साथ है तो फिक्र की क्या बात है, वहीं प्रियंका गांधी ने लिखा कि कालेधन की सफाई का जुमला देकर भाजपा ने देश को लाइन में लगा दिया, लेकिन भाजपा राज में काले कारनामों को छुपाने जैसे कामों की लाइन लगी है। एक वरिष्ठ पत्रकार ने कहा कि दो सप्ताह पुरानी कंपनी को हजारों करोड़ रूपये का डिफेंस डील मिल जाये ये सिर्फ और सिर्फ उसी दौर में हो सकता है जब देश हिन्दू-मुस्लिम में डूबा हुआ हो, वर्ना जनता को उल्लू बनाने का कोई चांस ही नहीं था। बहरहाल जो भी हो जनता में खुसुर-फुसुर है कि कमीशन किसने खाया, जिसने कमीशन लिया वो शख्स किसका नजदीकी था जनता के सामने आना ही चाहिए।
बाकी जाति के लोग किसकी जेब में
बीजेपी के मध्य प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव ने एक ऐसा बयान दिया है जिस पर विवाद खड़ा हो गया है. सोमवार को मुरलीधर राव ने कहा कि ब्राह्मण और बनिया उनकी जेब में है. उनसे सवाल हुआ था कि क्या बीजेपी जाति के आधार पर वोट मांग रही है? सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुरलीधर राव ने कहा, 'मेरी एक जेब में ब्राह्मण और एक में बनिया है। ब्राह्मण और बनियों को लेकर दिए उनके इस बयान पर विवाद छिड़ गया है. मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता कमलनाथ ने इसे ब्राह्मण और बनियों का अपमान बताया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि जो लोग सबका साथ-सबका विकास का नारा देते हैं, वो आज एक वर्ग को फोकस करने की बात कर रहे हैं और दो वर्गों का खुलेआम अपमान कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सत्ता की हवस के लिए भाजपा किसी भी हद तक जा सकती है। जनता में खुसुर-फुसुर है कि ब्राम्हण और बनिया तो बीजेपी के हो गए तो बाकी जाति के लोग किसकी जेब में हैं।
मुख्यमंत्री ने एनसीबी को लिखा पत्र - छत्तीसगढ़ आओ, क्विंटल-क्विंटल गांजा पकड़ो
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के युवाओं को नशे की जद से बचाने के लिए एनसीबी को कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखा है। मुख्यमंंत्री बघेल ने साहस दिखाते हुए ड्रग तस्करों के ताबूत में कील ठोंकने का साहस दिखाया है। छत्तीसगढ़ में नशीली दवाओं के खिलाफ एनसीबी अभियान चलाए तो यहां उन्हें एक मिनट का फुर्सत नहीं मिल पाएगा। क्योंकि उड़ीसा से यहां रोज लाखों टन गांजा, भांग, चरस, अफीम, नशीले ड्रग की खेप यूपी, एमपी, बिहार, दिल्ली, मुंबई के लिए छत्तीसगढ़ पार होकर ट्रकों से सप्लाई पहुंच रही है। एनसीबी मुंबई में 50 ग्राम 100 ग्राम गांजा, चरस, अफीम पकडऩे, क्रूज में ड्रग पार्टी को रोकने के लिए दिन-रात खपाते रहती है। आर्यन को पकडऩे में एनसीबी को शाबासी तो नहीं मिली, बल्कि किरकिरी हो गई। क्रूज पार्टी में ड्रग पीने का मामला बनने के बजाय राजनीतिक पार्टिर्यों की बयानबाजी का मामला बन गया। मुख्यमंत्री बघेल ने गंभीरता दिखाते हुए एनसीबी को पत्र लिखा कि यदि एनसीबी छत्तीसगढ़ में छापामार कार्रवाई करें और थोक में नशीली ड्रग, दवाओं, गांजा, चरस, क्रूज पार्टी में ड्रग सप्लाई होने वाले रैकेट तोड़ सकती है। जनता में खुसुर-फुसुर है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के युवाओं को नशे की जद से बचाने के लिए साहसी कदम उठाया है। गलती से यदि एनसीबी वाले यहां छापामार कार्रवाई करने आ गए तो उन्हें एक मिनट का समय नहीं मिलेगी। जबकि मुबंई में एनसीबी वालों को 50-100 ग्राम गांजा, चरस, अफीम पकडऩे के लिए दर-दर भटकना पड़ता है। छत्तीसगढ़ में तो एनसीबी को पल भर सांस लेने की भी फुर्सत नहीं मिलेगी। क्योंकि यहां तो इतना गांजा, चरस,अफीम निकल रहा हैं, जैसे नशीले पदार्थ की खदान हो।
सीएम ने डीजीपी से पूछा कैसे चल रहा है बार, और...
पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने पुलिस के कामकाज की समीक्षा बैठक ली जिसमें मुख्यमंत्री पुलिस के व्यवहार से आजिज आ चुके है, ऐसा उनके हावभाव से लगा। जब प्रदेश के मुखिया ही पुलिस के व्यवहार से त्रस्त हो चुके हो तो आम जनता का क्या आलम होगा। जनता में खुसुर-फुसुर है कि सीएम ने बैठक में डीजीपी से ही पूछ लिया कि मेरे निर्देश के बाद भी प्रदेश में कैसे चल रहा है हुक्का और नशीली पदार्थो का कारोबार। क्या पुलिस वाले सीएम के निर्देशों का भी परवाह नहीं करते। क्या पुलिस वाले सीएम से भी बड़े हो गए है। अंत मे उनका गुस्सा दिख ही गया।
समाजवादी इत्र से कौन महकेगा?
उत्तरप्रदेश में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आते जा रहे है वैसे-वैसे नेताओं ने चुनाव जीतने का नुस्खा निकालने लगे है। हाल ही में समाजवादी पार्टी के नेता ने 22 किस्म के प्राकृतिक सुगंधों को मिलाकर समाजवादी इत्र लांच किया है जिसकी खुशबू से नफरत की राजनीति समाप्त होगी। सपा की पहल पर भारतीय जनता पार्टी ने पलटवार करते हुए कहाकि सपा मुखिया व्दारा लांच किए गए इत्र से समाजवादी पार्टी के पापों की दुर्गंध नहीं जाने वाली हैं। जनता में खुसुर-फुसुर है कि राजनीति में कुछ भी संभव है, सब कुछ असंभव नहीं है? होनी को अनहोनी करने वाले राजनीतिक दलों ने अखिलेश के जादुई इत्र का परीक्षण करने में जुट गए है कि यदि अखिलेश के कहे अनुसार नफरत की राजनीति समाप्त हो गई तो चुनाव कैसे जीतेंगे? क्योंकि नफरत की राजनीति कर ही ये कुर्सी में काबिज है। इत्र तो कन्नोज में बनता है। आखिर अखिलेश कहां से लखनऊ में इजाद कर दिया, कहीं इत्र की जगह कुछ मायावी इंद्रजाल तो नहीं है, जो जनता को दिग्भ्रमित करने में सफल हो जाए। सत्तारूढ़ पार्टी अखिलेश के हर कदम पर अब नजर रखने लगी है। आज इत्र लांच किया तो कल कुछ और लांच कर सकते है। बहरहाल इत्र से कपड़ो को महकाना बड़ी बात नहीं, मज़ा तो तब है जब खुशबू आपके किरदार से आये।
असंभव को संभव कर देती है यूपी पुलिस
ताजा मामला यूपी के कासगंज का जहां एक युवक अल्ताफ पुलिस स्टेशन में संदिग्ध हालात में मृत पाया गया। युवक को पुलिस एक महिला से जबरन शादी से जुड़े मामले में पूछताछ करने थाने लाया था। अगले दिन पुलिस उसे अस्पताल लेकर गई, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। एस पी 5 पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया वहीं इस मामले में सफाई दी है कि शौचालय में लगे नल में युवक ने फांसी लगाई है। यह तर्क लोगों को हजम नहीं हो रहा है कि कैसे दो फीट ऊंचे नल में फांसी लगाया जा सकता है। जनता में खुसुर-फुसुर है कि यूपी पुलिस जो करे सो कम है। यूपी के पुलिसिया कारनामा सबको पता है, जो काम कोई नहीं कर सकता वह यूपी पुलिस मिनटों में कर देती है। युवक के पिता का आरोप है कि पुलिसवालों ने अल्ताफ शौचालय ही नहीं जाने दिया।