छत्तीसगढ़

प्रांतीय महाधिवेशन में रायपुर में जुटे बंजारा समाज के लोग, अधिवेशन में उठी बंजारा समाज को विशेष अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मांग

Shantanu Roy
5 Aug 2021 2:26 AM GMT
प्रांतीय महाधिवेशन में रायपुर में जुटे बंजारा समाज के लोग, अधिवेशन में उठी बंजारा समाज को विशेष अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मांग
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रायपुर। रविवार को भारतीय ऑल इंडिया बंजारा सेवा संघ के तत्वाधान में युवा प्रकोष्ठ के द्वारा एक दिवसीय प्रांतीय महाधिवेशन छत्तीसगढ़ शपथ ग्रहण सम्मेलन का आयोजन रायपुर के तेलीबांधा मरीन ड्राइव बाबा बुड्ढा साहिब गुरुद्वारा में आयोजित किया गया था।सम्मेलन में छत्तीसगढ़ अंचल के जशपुरनगर, सरगुजा, बस्तर, दंतेवाडा,महासमुंद,कोरिया,कोरबा,सहित विभिन्न राज्य कर्नाटक,उड़ीसा,मध्यप्रदेश के सामाजिक कार्यकर्ता और जनप्रतिनिधियों के साथ बड़ी संख्या में समाज के महिला पुरुष शामिल हुए।

सम्मेलन में समाज के बच्चों के द्वारा बंजारा सस्कृति का अनूठी कार्यक्रम की प्रस्तुति दी। सम्मेलन में मुख्यअतिथि के रूप में आबकारी मंत्री कवासी लखमा विशिष्ट अतिथि के रूप में बंजारा समाज के रत्न कर्नाटक के सांसद डॉ उमेश जाधव,खल्लारी विधायक द्वारिकाधीश यादव,बीजापुर विधायक विक्रम मंडावी सहित छत्तीसगढ़ बंजारा समाज के आल इंडिया प्रांताध्यक्ष सदाशिव राम नायक, महासचिव मोहन भारद्वाज, डॉ शिवरतन नायक, युवा प्रकोष्ठ छत्तीसगढ़ प्रांताध्यक्ष अजय नायक,प्रदेश महासचिव विष्णु नायक,महामंत्री मनोज मुछावड़ मेघा सिटी राजधानी के जिलाध्यक्ष आलेख नायक जी ,रायमत बंजारा युवा प्रकोष्ठ प्रभारी,सहित छत्तीसगढ़ के सभी जिला अध्यक्ष और पदाधिकारीगण उपस्थित थे।
कार्यक्रम का शुभारंभ बंजारा समाज के आराध्य देव संत शिरोमणि सेवालाल महाराज के चित्रों पर पुष्पांजलि अर्पित कर प्रारम्भ किया गया।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए कर्नाटक सांसद डॉ उमेश जाधव ने कहा कि आज समाज के उत्थान के लिए हमें मिलकर आगे आना होगा। हमें हक की लड़ाई लड़नी होगी और अपनी आवाज को मजबूत करना होगा। तभी हम सार्थक परिणाम ला सकते हैं। उन्होंने कहा कि समाज के आर्थिक, सामाजिक, राजनितिक दृष्टि से पिछड़े हुए लोगों के उत्थान के लिए संगठित होकर समाज के हित के लिए आगे आना होगा। साथ ही उन्होंने कहा कि समाज के लोगों की आवाज को उठाने के लिए संगठन बनाने की आवश्यकता होती है। साथ ही उन्होंने सगंठन को राष्ट्रीय स्तर से लेकर गांवों तक गठन कर संगठन में मजबूती के लिए बेहतर प्रयास कर अमल करने की बात कही। समाज के लोगों सहित छत्तीसगढ़ के कैबिनेट मंत्री,विधायकों को ध्यानाकर्षण कराते हुए कहा कि जब पूरे हिंदुस्तान में एक संविधान हैं।लेकिन बंजारा समाज इस संविधान के नियमों से वंचित है उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश में इन जातियों को अन्य पिछड़ावर्ग में लिया जाता है जबकि छत्तीसगढ़ से सटे राज्य उड़िसा में आदिवासी वर्ग में इसी तरह उन्होंने बताया कि कर्नाटक,तेलंगाना में भी आदिवासी वर्ग में लिया जा रहा है।उन्होंने कहा कि जब पूरे भारतवर्ष के बंजारा समाज के लोगों के द्वारा एक चोली,बोली यानी रहन,सहन,खान,पान सामाजिक नियम एक है तो छत्तीसगढ़ शासन को भी बंजारा समाज के लोगों के यह विशेष अनुसूचित जनजाति में लेना चाहिये।उन्होंने बंजारा समाज के विभिन्न मुद्दों को कैबिनेट मंत्री और विधायकों से सहयोग करने की अपील की है।
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