जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। राजधानी में गांजा, शराब, सट्टा जुआ का कारोबार जोर शोर से चल रहा हैं। सट्टा लगा देता है बट्टा, वही जुआ किसी का नहीं हुआ । लेकिन लोग रातो-रात लखपति बनने के लालच में इन 10 नम्बर के खेल में उलझकर अपनी खून-पसीने की गाढ़ी कमाई नंबरों के फेरे में पड़कर लूटा बैठते हैं जबकि उन्हें भलि-भांति मालूम है कि नौ घर खिलाने वाले का है और एक घर उसका, वही हाल जुए खेलने वाले पत्तेबाज़ों का है। अधिक कमाने के लालच में गरीब वर्ग के लोग सट्टेबाजों व अड्डे बाजो के चक्कर में फंस जाते हैं । वह समझते हैं कि हम एक ही दिन में लखपति बन जाएंगे, लेकिन उन्हें यह नहीं मालूम अपने दुख को निमंत्रण दे रहे हैं। प्रदेश की राजधानी में इन दिनों सट्टेबाजों ने अपना जाल बिछा रखा है। वही राजधानी के दूरस्थ इलाकों में जुए के अड्डे निर्बाध रूप से संचालन हो रहे हैं जिसकी जानकारी सट्टेबाजों वह अड्डे बाजों को ही नहीं बल्कि स्थानीय पुलिस को भी है। असामाजिक तत्वों ने अपने धंधों को चलाने के लिए एक अड्डा बना लिया है, और उसका संचालन बेखौफ होकर किया जा रहे है। कालीबाड़ी चौक स्थित सुलभ शौचालय के आगे खाली मैदान है, जहां सट्टा, जुआ, गांजा, और अवैध शराब, नशीली दवाई का कारोबार फलफूल रहा हैं। पुलिस की निष्क्रियता या उदासीनता के चलते अपराधियों के गुर्गों का हौसला बुलंद है।
खुलेआम सट्टा और जुआ के अड्डे चल रहे है। सूत्रों के मुताबिक सट्टा और जुआ छुटभैय्या नेताओं के संरक्षण में चल रहा है। पुलिस क्यों असहाय है समझ से परे है। जबकि यहां का पूरा क्षेत्र अवैध धंधे को लेकर सुर्खियों में हमेशा रहता है। पूरे लॉकडाउन में जमकर नोट छापा है। नशा का हर सामान यहां मिल जाएगा। जेब गरम होना चाहिए कालीबाड़ी चौक पर चल रहे इस गोरख धंधे की भनक पुलिस को हैं, लेकिन शिकायत का इंतजार कर रहे है। आज के समय में हो रहे अपराध के तरीके भी नए-नए रूप लेते जा रहा हैं। राजधानी में बढ़ते अपराध और अपराधियों के नए तौर-तरीके देखते हुए पुलिस ने आधुनिक तकनीक अपनाई है, और उसका इस्तेमाल कर पुलिस ने अपराधियों को मात देना शुरू कर दिया है।
खुलेआम चल रहा सट्टा
राजधानी में समता कालोनी,तेलाबांधा, कटोरातालाब , राजातालाब, बस स्टैंड, मोवा, दलदल सिवनी, पुरैना, गुढिय़ारी, कोटा, गोगांव, खमतराई, बिरगांव, कबीर नगर, बोरिया खुर्द और बोरिया कला, टीटीबंध, लाभांडी के तक सटोरियों का जाल बिछा है। हर रोज लाखों के दाव लगते है। लेकिन पुलिस बेखबर है। सट्टा खिलाना जहां दिन भर यातायात पुलिस, ट्रैफिक वाले तैनात रहते हैं उनके सामने इस तरह की अवैध कारोबार चल रहा हैं। सट्टेबाजों के खिलाफ आज तक थाना में कोई शिकायत भी दर्ज नहीं हुई है, जिससे अपराधी सीना तानकर घूम रहे हैं। रायपुर में क्रिकेट सट्टा खिलाने के लिए सेवन स्टार नामक विशेष एप का भी इस्तेमाल किया जाता हैं। जब-जब आईपीएल क्रिकेट मैच चालू होता हैं सट्टा खिलाने वाले लोगों के प्यारे-न्यारे होते हैं और खुलेआम अपने घरों में भी मोबाइल के जरिए सट्टा खिलाते हैं।
सबसे बड़े खाईवाल रायपुर शहर में ही
कोरोना महामारी संकट के बावजूद सट्टेबाज खाईवालों वालों की चांदी ही चांदी है। वह अपना धंधा खुलेआम पुलिस व स्थानीय जनप्रतिनिधि के सरपरस्ती में चला रहे थे। इन्हें कानून का कोई भय नहीं है राजधानी के मोहबाबाज़ार, कोटा, टाटीबंध, सरोना, डीडी नगर इलाके सहित तेलीबांधा, श्याम नगर, समता कॉलोनी, रामसागर पारा सहित कई अन्य जगहो पर इनके अड्डे संचालित हो रहे है। जहां खाईवालों के गुर्गे सट्टा पट्टी लेते हुए नजर आते हैं वही सट्टे के नाम से कुख्यात इलाका पंढरी लोधी पारा बड़ी लाइन का नाम भी पुलिस की रिकॉर्ड में दर्ज है। कोटा इलाके के कुख्यात खाईवाल नाथानी गैंग, आशु गैंग, देव गैंग सहित ईरानी गैंग भी शामिल हैं। वही कालीबाड़ी क्षेत्र के कुख्यात गांजा तस्कर रवि बाबा सट्टा-पट्टी लिखने व खाईवाली करने का सबसे बड़ा माना जाता है।
खुलेआम चल रहा सट्टा जुआ अवैध कारोबार
नगर में चल रहे सट्टा कारोबार पर रोक नहीं लग पा रही है। पुलिस कार्रवाई के नाम पर जब तब सटोरियों के खिलाफ धरपकड़ अभियान चलाती है लेकिन कुछ ही समय तक शांत होने के बाद यह अवैध कारोबार फिर शुरू हो जाता है। पुलिस की निगाह में भले ही सट्टा कारोबार बंद हो लेकिन हकीकत यह है कि नगर के विभिन्न मुहल्लों के साथ-साथ अब यह गांव देहात तक फैल चुका है। सट्टे पर पैसा लगाना और जल्द अमीर बनने की चाहत में गरीब और मजदूरी पेशा वर्ग बर्बाद हो रहे हैं। यहां तक कि बच्चे और महिलाएं भी अब सट्टा लगा रहे हैं। बहरहाल वजह चाहे कुछ भी हो, लेकिन क्षेत्र में सट्टे का कारोबार बदस्तूर जारी है। क्राइम की दुनिया में लोगों को उतारने वाला सट्टा एवं जुआ खूब फलफूल रहा है। शहर सहित तमाम गांवों में यह धंधा छुटभैय्या नेताओं की सरपरस्ती पर चल रहा है। इस धंधे में युवा पीढ़ी के अलावा बच्चे भी अपना भाग्य अजमा रहे हैं।
फरारी काटने का सबसे सुरक्षित ठीहा
गांजा का खुलेआम कारोबार कर रहे आपराधिक तत्व पूरे गली मौहल्ले में पैर पसार चुके है। चौक में ही असामाजिक तत्वों का मजमा लगा रहता हैं। दिन-रात यहां गैंगस्टर और बड़े निगरानी शुदा बदमाश आना-जाना रहता है यहां तक वे फरारी भी यहीं काटते हैं।