कोरोना के गढ़ बन चुके यूपी से आ रहे लोग छग में फैलाएंगे संक्रमण
रेलवे स्टेशन में कोरोना टेस्टिंग से बच कर निकल जा रहे है यात्री, खाने-कमाने गए लोगों की हो रही वापसी
मेनगेट में सुरक्षा व्यवस्था के साथ हर प्लेटफार्म में हो कोरोना जांच दल
कोरोना जांच रिपोर्ट निगेटिव नहीं उन्हें आइसोलेट करे टे्रनों में बने आइसोलेट सेंटर में
बोगियों में बने आइसोलेन केयर सेंटर का अब तक नहीं हुआ उपयोग
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। राजधानी में रेलवे स्टेशन ही ऐसा सार्वजनिक स्थल है, जहां से देश भर के लोग रायपुर पहुंच रहे है और बिना जांच के घरों में पहुंच कर कोरोना के संक्रमण को हवा दे रहे है। जिससे रायपुर में तेजी से कोरोना फैल रहा है। यदि कोरोना को पूरी तरह रोकना है तो रेल यात्रियों की कड़ाई से जांच अनिवार्य करनी पड़ेगी तभी यह नियंत्रित हो पाएगा। प्रदेश सरकार कोरोना को रोकने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है वहीं स्टेशन के जिम्मेदार अधिकारी लापरवाही और उदासीनता के कारण यात्री बेखौफ होकर कहीं से आकर रायपुर में बिना आइसोलेट हुए कोरोना को फैला सकते है। राजधानी के अलावा पूरे प्रदेश में उत्तरप्रदेश से जुड़े है जो बड़ा संख्या में दुर्ग भिलाई,बिलासपुर, जगदलपुर, रायगढ़ जांजगीर-चांपा में निवास करते है। जो बिना जांच के छत्तीसगढ़ में आवाजाही कर रहे है। जो विस्फोट रुप ले सकता है।
गरीब रथ, नव तनवा, सारनाथ जैसी गाडिय़ों में मचा है रेलमपेल
रायपुर से लखनऊ, गोरखपुर, जाने वाली सभी गाडिय़ों में जाने वाले यात्रियों की संख्या कम बताई जा रही है वहीं आने वाले यात्रियों की संख्या अधिक बताई जा रही है। रोजाना चलने वाली रेल गाडिय़ों से सैकड़ों की संख्या में लोग छत्तीसगढ़ पहुंच रहे है। जो दुर्ग बिलासपुर, सक्ती जांजगीर-चांपा में बिना कोरोना जांच के उतर जाते है। कमोबेस राजधानी में भी यहीं हाल है उत्तरप्रदेश से आने वाली तीनों प्रमुख रेल गाडिय़ों में सैकड़ों की संख्या में लोग आ रहे है। जिसकी जांच भी भगवान भरोसे है।
कोरोना टेस्ट रिपोर्ट ही नहीं मांगी जाती
रायपुर स्टेशन में यात्रियों से टिकट चेक नहीं होती तो कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट कहां से मांगेंगे? यहां तो अधिकांश यात्री जो हालिया पंचायत चुनाव में शामिल होकर लौटे है उनकी तो संपर्क डिटेल तक नहीं ली जाती। रायपुर में अधिकांश लोगों का सीधा संपर्क उत्तरप्रदेश से है जो आए दिन उत्तरप्रदेश आते जाते रहते है। उनकी कोरोना जांच रिपोर्ट का कोई रिकार्ड स्टेशन में उपलब्ध नहीं है।
रेलवे स्टेशन में मात्र प्लेटफार्म नंबर वन में जांच टीम
रेलवे स्टेशन के मुख्य गेट पर ही जांच टीम के लिए टेबल लगाया गया है। जबकि प्ल्टफार्म नंबर 6 गुढिय़ारी साइड जांच टीम ही नहीं है। जिससे लोग बिना जांच के निकल जा रहे है।
रेलवे प्रशासन और स्वास्थ्य अमला बेपरवाह
यात्रियों की आवाजाही को लेकर रेलवे प्रशासन औैर स्वास्थ्य अमला बेपरवाह नजर आ रहा है। सख्ती के नाम पर कोरोना जांच के लिए पर्याप्त जांच सुविधा नहीं है। जो कोरोना फैलाने के संवाहक बन सकते है।
चार शिफ्टों में जांच जारी
स्टेशन अधीक्षक बीवीटी राव ने बताया कि चार शिफ्टों में जांच रेलवे स्टेशन में हो रही है। हर शिफ्ट में 12 मेडिकल स्टाफ यात्रियों की जांच कर रहा है। कोरोना जांच में सिमटम वाले मरीज को तत्काल जहां बेड खाली होता है वहां आइसोलेट कर रहे है। वहीं सामान्य मरीजों को छोड़ रहे है। गंभीर मरीजों को तत्काल चिकित्सा सुविधा मुहैया कराया जा रहा है।
सिर्फ एक दो बड़े ट्रेनों की जांच
महाराष्ट्र और दिल्ली की ओर आने जाने वाली ट्रेनों की ही जांच हो रही है। वहीं उत्तरप्रदेश से आने वाली रेल गाडिय़ों में जांच नहीं के बराबर है। जिसके कारण छत्तीसगढ़ में कोरोना का फैलाव तेजी से हो रहा है। रेलवे सलाहकार समिति के वर्तमान और भूतपूर्व सदस्यों ने कहा कि कायदे से सभी टे्रनों के यात्रियों की जांच होनी चाहिए जिससे कोरोना को रोका जा सके।
यूपी सीएम ने हाईकोर्ट-सुप्रीम कोर्ट में लगाई अर्जी
कोरोना प्रभावित कानपुर, लखनऊ, गोरखपुर, प्रयागराज में लॉकडाउन के विरोध में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने अर्जी लगाई, जिसके कारण वहां लॉकडाउन नहीं लगाया है, वहीं से सैकड़ों लोग कोरोना प्रभावित क्षेत्र छत्तीसगढ़ में आवाजाही कर रहे है। राजधानी में अब तक 3 हजार लोग छत्तीसगढ़ आ चुके है। जिसमें से अधिकांश लोग छत्तीसगढ़ के मूल निवासीऔर बाहरी लोगों की जांच तो हो रही लेकिन उन्हें आइसोलेट करने बजाय छोड़ दिया जा रहा जो कोरोना को फैलाने सहायक हो सकते है। ऐसी आशंंका जाहिर की जा रही है।