छत्तीसगढ़

पेंशनरों से राज्य में हो रही है लूट

Nilmani Pal
21 Nov 2022 11:22 AM GMT
पेंशनरों से राज्य में हो रही है लूट
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रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य संयुक्त पेंशनर फेडरेशन के अध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव ने आरोप लगाया है कि राज्य में सेवानिवृत्त कर्मचारियों के पेंशन प्रकरण के निराकरण में पेशनरों को लूटा जा रहा है,प्रदेश में सभी ट्रेजरी दलालों के चंगुल में है। 20,30,40 और 50 हजार के पैकेज में पेंशन का काम हो रहा है, बिना पैकेज वाले पेंशनर विभागों से बनाकर भेजने से लेकर संयुक्त संचालक ट्रेजरी से पीपीओ जारी करा कर जिला ट्रेजरी से प्रथम भुगतान कराने और फिर सेंट्रल पेंशन प्रोसेसिंग सेल,स्टेट बैंक से पेंशन प्रकरण के निर्धारण के बाद अंतिम चरण में मासिक भुगतान हेतु चयनित बैंक तक बार बार चक्कर काट कर हताश होकर अंततः एजेंटों और दलाल लोगों के चंगुल में फंस जाने को मजबूर हो जाता है।

*भानुप्रतापपुर सहित बस्तर सम्भाग सर्वाधिक प्रभावित*

जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि सबसे जादा लूट बस्तर सम्भाग में हो रहा है, जिसमें विधान सभा उपचुनाव क्षेत्र भानुप्रतापपुर सहित आदिवासी बहुल बस्तर सम्भाग सर्वाधिक प्रभावित है। हाल ही में मुरिया सदन धरमपुरा, जगदलपुर में पेंशनरों की बैठक में लूट के शिकार हो चुके लोगों ने बताया पेंशन प्रकरण के एवज में कम से कम 50 हजार की राशि देना पड़ा है और यहाँ सभी रिटायर होने वालों के साथ यही हो रहा है। पेंशनर को एकमुश्त लाखों रुपए मिलने का लालच दिखाकर आराम से सब्जबाग दिखाकर लूट को अंजाम दे रहे है।इसके अलावा दुर्ग और रायपुर जिले की बैठक में यह बातें पेंशनरों ने संगठन के नेताओ के समक्ष खुलकर जाहिर किया है। लगभग पूरे प्रदेश से इसी प्रकार की जानकारी मिल रहा है कि बिना हजारों रुपए दिये काम नहीं हो रहे हैं।

जारी विज्ञप्ति में आगे बताया गया है कि इसी माह नवम्बर 22 में पेंशनरों को मासिक पेंशन भुगतान करने वाले बैंकों में स्वयं उपस्थित होकर या बैंक में रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बर से आनलाइन जीवन प्रमाण पत्र जमा करना जरूरी है। इसमें भी बैंक की मिलभगत से एजेंट सक्रिय होकर पेंशनरों के पास बैंक से जीवन प्रमाण पत्र लेकर जा रहे हैं और प्रति पेंशनर 300 रुपए ले रहे हैं और बैंक में जमा कर रहे हैं। इस तरह की जानकारी धमतरी जिले में नगरी से मिली है,लेकिन ऐसा कई जगह होने की सूचना मिल रही है। दलाल हर स्तर पर पेंशनरों को लूटने में लगे हैं क्योंकि रिटायर होने वाले लोगों को केवल ग्रेजुटीं की ही रकम 20 लाख रुपए तक मिलता है। अन्य जैसे जीपीएफ,अवकाश नगदीकरण, बीमा आदि की रकम लाखों में होती है, इसलिए दलाल पेंशनर को फांसने में सफल हो जाते हैं क्योकि चक्कर से बचने के चक्कर में चक्रव्युह में फंस जाता है और पेंशनर को चुपचाप दलाल के सहारे काम निपटाना ज्यादा सहज लगने लगता हैं और लूट का शिकार बन जाता है।

जारी विज्ञप्ति में पेंशनर फेडरेशन के अध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव, पेंशनर महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष जे पी मिश्रा, बस्तर सम्भाग के अध्यक्ष रामनारायण ताटी, जिला बस्तर के अध्यक्ष सी एम पांडेय, दुर्ग जिला के अध्यक्ष बी के वर्मा, रायपुर जिला के अध्यक्ष आर जी बोहरे तथा तहसील अध्यक्ष अनूपनाथ योगी ने राज्य शासन से मांग की है सभी जिलों में पेंशनर संगठनों के जानकारी में पेंशन शिविर लगाकर पेंशन प्रकरणों निराकरण की कार्यवाही कर पेशनरों को दलालों के चंगुल बचाकर राहत दें।

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