जसेरि रिपोर्टर
नए साल के जश्न में ड्रग परोसने का धंधा, पकड़े गए पांच पैडलर्स कोर्ट में हुए पेश
रायपुर। रविवार को पांच आरोपियों को रायपुर पुलिस ने ड्रग के साथ गिरफ्तार किया था। इनके पास 6.9 ग्राम ड्रग जब्त की गई। दो युवतियां भी शामिल हैं। सोमवार को पुलिस ने सभी को कोर्ट में पेश किया और प्रखर मारवा और मो. आवेश को तीन दिन की रिमांड में लिया गया। उनसे पूछताछ में और भी नाम सामने आएंगे। जानकारी के अनुसार मुंबई के रास्ते लगभग आधा किलो ड्रग की बड़ी खेप रायपुर पहुंची है। पुलिस को शक है कि गिरफ्तार आरोपित ड्रग को न्यू ईयर सेलिब्रेशन में बेचने के लिए लाया था। नए साल के जश्न में कुछ दिन ही हैं। इसके शहर में ड्रग की आवक बढ़ती हुई नजर आ रही है। नए साल पर शहर और आसपास के जिलों में होने वाली न्यू ईयर पार्टी में बड़ी मात्रा में ड्रग की सप्लाई की जाती है।
साल 2023 आने में अभी भी एक सप्ताह बाकी है। शहर में ड्रग्स की डिमांड और उनकी कीमतों में खासी बढ़ोतरी होने लगी है। खास तौर पर एलसीडी और कोकीन ड्रग्स की डिमांड अक्सर नए साल की पार्टियों में सबसे ज्यादा होती है। एक अधिकारी के अनुसार सामान्य दिनों में एलसीडी के एक डाट की कीमत सात से नौ हजार रुपये के बीच होती है जो इन दिनों में बढ़कर दस से पंद्रह हजार तक पहुंच जाती है। ऐसा ही कुछ हाल कोकीन का भी होता है आमतौर पर पांच हजार रुपये प्रति ग्राम बिकने वाली कोकीन भी इन दिनों आठ से दस हजार या उससे भी ज्यादा में बेची जाती है। इसके अलावा एमडी ड्रग्स भी इन दिनों लोगों की पसंद बना हुआ है।
मिली जानकारी के अनुसार पकड़े गए आरोपितों ने वाट्सएप ग्रुप बनाकर रखे हैं। ड्रग्स को अलग-अलग नाम से बुलाया जाता है। जब जिसको जरूरत होती है। यह पैडलर आसानी से इन तक पहुंचा देते हैं। ये ज्यादातर होटल, क्लब और कालेज स्टूडेंट्स तक पहुंचा जाता है। आरोपियों के मोबाइल से पुलिस को कई बड़े घर के लड़के-लड़कियों की फोटो और नंबर मिले हैं। प्रखर मारवा प्रदेश के बड़े ऑटो मोबाइल डीलर का बेटा है. आरोपितों ने इनके जान पहचान भी स्वीकार किया है। पुलिस के हत्थे चढ़े आरोपियों की शैक्षणिक संस्थानों के अंदर तक पैठ है। आरोपियों की जद में कई युवा हैं। एसीसीयू की नजर बड़े-बड़े होटल और क्लबों में हैं। पांच आरोपितों की गिरफ्तारी के बाद दो और आरोपितों को पुलिस ने हिरास्त में लिया है। उनके फोन नंबर सहित अन्य की जांच की जा रही है। यह पहली कार्रवाई नहीं है जब युवतियां ड्रग्स में पकड़ी गई हैं। एक साल पहले पुलिस ने ड्रग्स की बड़ी खेप और 15 से ज्यादा आरोपितों को पकड़ॉा था। हालांकि अब सब जेल के बाहर हैं। उस दौरान भी एक युवती को पकड़ा गया था। इस बार दो युवतियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। ये कालेज जाने वाली छात्राएं हैं। पुलिस को आशंका है कि पकड़े गए आरोपित पूर्व में पकड़े गए आरोपितों के संपर्क में हैं। बड़े तस्करों तक अब तक पुलिस नहीं पहुंच सकी है। पुलिस रिमांड के बाद नए नाम सामने आ सकते हैं।
आइजी ने नशे के खिलाफ कार्रवाई करने के दिए हैं निर्देश
बता दें कि नए साल के आगमन और साल 2022 की विदाई के मौके पर शहरभर में होने वाले जश्न, पार्टी पर पुलिस की निगाह लगी हुई है। आइजी अजय यादव, एसएसपी प्रशांत अग्रवाल ने राजपत्रित पुलिस अधिकारियों, थाना प्रभारियों के साथ प्रभारी एंटी क्राइम एवं साइबर यूनिट को नशे का काला कारोबार करने वाले कारोबारियों की पतासाजी कर धरपकड़ करने के निर्देश दिए हैं, जिससे नशे पर अंकुश लगाया जा सके। इसी क्रम में पुलिस की टीम मुखबिर लगाकर लगातार पेट्रोलिंग और नशे का कारोबार करने वालों के बारे में जानकारी ले रही है।
राजधानी में नशे का बढ़ता जाल
राज्य में नशे के अवैध व्यवसाय में वृद्धि चिंतनीय है। बड़ी समस्या यह है कि हमारे शहरों में महानगरीय अपसंस्कृति हावी हो रही है और युवाओं में चरस, स्मैक, हेरोइन, एमडीएमए या एक्सटेसी जैसे नशे का प्रचलन बढ़ रहा है। राजधानी पुलिस ने रविवार को दो युवतियों व तीन पुरूषों को एमडीएमए ड्रग के साथ पकड़ा है। यह लोग लग्जरी कार में माल, पाश कालोनियों के आसपास ग्राहक तलाश करते थे। मिथाइलीनडाइआक्सी मेथाम्पेटाइमान (एमडीएमए) जिसे आमतौर पर एक्सटेसी कहते हैं अत्यंत घातक नशा है। इसके एक ग्राम की कीमत ढाई से तीन हजार रुपये तक बताई जा रही है। जांच में स्पष्ट हो चुका है कि हरियाणा भाजपा की नेता सोनाली फोगाट की मृत्यु का कारण एक्सटेसी ही रहा। अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु का कारण भी इसे ही माना जाता है। इसका एक ग्राम किसी व्यक्ति की इहलीला समाप्त करने के लिए पर्याप्त होता है। ऐसे घातक नशे का व्यवसाय यहां चल रहा है तो यह निश्चित रुप से प्रदेश के लिए खतरे की घंटी है। संभ्रम उत्पन्न करने वाली व उत्तेजना बढ़ाने वाली स्पास्मो प्राक्सीवोन जैसी कई औषधियां वैध रूप से दवा दुकानों में उपलब्ध हैं और इनका दुरूपयोग किया जा रहा है। नशे के इस बढ़ते जाल को काटने की आवश्यकता है। पुलिस यदा कदा कुछ प्रकरणोंका समाधान अवश्य कर लेती है किंतु जाल बहुत बड़ा है। राज्य में गांजा तो नगरों से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक पूर्व से ही सहजता से उपलब्ध है।
सीमावर्ती ओडिशा के वन क्षेत्रों से होकर देश के अन्य राज्यों में भेजे जाने वाला गांजा छत्तीसगढ़ से होकर ही जाता है।
दो मुख्य आरोपितों की तीन दिन की रिमांड ली गई है। पूछताछ के आधार पर अन्य आरोपितों को गिरफ्तार किया जाएगा।
- अभिषेक माहेश्वरी, एएसपी, रायपुर।