दुर्ग। कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा के पास राजस्व विभाग की पटवारी इन्द्रा मनोचा के विरुद्ध भ्रष्टाचार का प्रकरण सामने आया। प.ह.नं.50 तहसील व जिला दुर्ग में पदस्थ इस पटवारी के द्वारा रिश्वत मांगे जाने का ऑडियो और वीडियो क्लिप शिकायतकर्ता के द्वारा प्रस्तुत किया गया है। प्रथम दृष्टया में यह आरोप सत्य प्रतीत हो रहा है। कलेक्टर ने मामले की गंभीरता को देखते हुए, वस्तुस्थिति का संज्ञान लिया और तुरंत दोषी पटवारी के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए उसे तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इस अवसर पर उन्होंने अन्य शासकीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों को अपने कार्य को कर्तव्य एवं निष्ठा पूर्वक करने की सलाह भी दी है। उन्होंने अपने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि शासकीय कर्मचारी व प्रशासनिक अमला आमजन की सेवा के लिए है, इसलिए प्रत्येक शासकीय अधिकारी एवं कर्मचारी का कर्तव्य है कि वह आम नागरिकों को यह सेवा बिना किसी बाधा के मुहैया कराये और नागरिकों के अधिकारों का संरक्षण करे।
बता दें कि EOW और ACB की टीम ने दुर्ग जिले के जामुल पटवारी नीलकमल सोनी को रंगे हाथ रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है। पटवारी ने जमीन के नामांतरण और ऋण पुस्तिका बनााने के लिए 6 हजार की रिश्वत मांगी थी। एसीबी से मिली जानकारी के मुताबिक जामुल पटवारी नीलकमल सोनी के खिलाफ लोगों से रिश्वत लेकर काम करने की शिकायतें काफी लंबे समय से मिल रही थी। इसी दौरान एक युवक ने एसीबी में शिकायत किया कि, जामुल पटवारी उससे जमीन नामांतरण और ऋण पुस्तिका बनाने के नाम पर 6 हजार रुपए रिश्वत मांग रहा है।
EOW / एसीबी रायपुर के निदेशक आरिफ एच. शेख ने पुलिस अधीक्षक ईओडब्ल्यू/एसीबी पंकज चंद्रा को कार्रवाई के लिए निर्देशित किया। इसके बाद चंद्रा ने शिकायत का सत्यापन कराया और टीम को कार्रवाई के लिए भिलाई भेजा।एसीबी की टीम ने शिकायतकर्ता को रंग लगे नोट 6 हजार रुपये दिए। उन रुपए को पटवारी ने जैसे ही रिश्वत के रूप में लिया एसीबी की टीम ने पटवारी को गिरफ्तार कर लिया। टीम ने पटवारी नीलकमल सोनी के पास से नोट जब्त कर उसके खिलाफ धारा 7 (क) के तहत मामला दर्ज किया है।