छत्तीसगढ़

15 करोड़ की बोगस सप्लाई दिखाकर 6.75 करोड़ रुपए का आईटीसी पास कराया

Nilmani Pal
11 Feb 2023 5:55 AM GMT
15 करोड़ की बोगस सप्लाई दिखाकर 6.75 करोड़ रुपए का आईटीसी पास कराया
x

रायपुर। डायरेक्टर जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस रायपुर के अधिकारियों ने जांच में पाया कि मेसर्स पुष्पक ट्रेडिंग कंपनी, मेसर्स फाइव स्टार ट्रेडिंग कंपनी बिना किसी खरीदी-बिक्री के बोगस कंपनी बनाकर अस्तित्वहीन सप्लायर्स बनने का झांसा देने वाले संचालक को गिरफ्तार किया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मामला 15 करोड़ से उपर का है लेकिन पकड़ाया 6.75 करोड़। केंद्रीय वस्तु एवं सेवाकर आसूचना महानिदेशालय (डीजीजीआई) जोनल कार्यालय रायपुर ने 6.75 करोड़ के फर्जी आईटीसी पास करने के मामले में फर्म के संचालक आशीष बंसल को गिरप्तार किया है। तीन फर्मों के माध्यम से 44,21,98,621 करोड़ के इनवाइस जारी कर स्क्रैप की खरीदी -बिक्री दर्शाई गई थी। यह कंपनी वर्ष 2020-21 से फर्जी बिल जारी कर रही थी, शुरूआत में कम गड़बडिय़ां की गई थी, सूचना के आधार पर अधिकारियों ने उपरोक्त फर्म के रजिस्टर्ड पतों पर कबीर नगर और उनके सक्रिय संचालक के आवास पर छापामार कार्रवाई की गई थी, जांच में पाया गया कि आशीष बंसल व्दारा इन फर्मों का संचालन किया जा रहा है। इस मामले में केंद्रीय सेवाकर आसूचना महानिदेशालय जोनल कार्यालय रायपुर के अफसरों ने कहा कि विभाग ऐसी गड़बडिय़ों पर लागातर नजर रख रही है।

विभाग इस फर्म से जुड़ी अन्य फर्मों की आसूचना से जांच कर रहा है।

एक करोड़ गटक गया बाबू, ऐसे खुली नियमितताओं की पोल

कोरबा के गवर्नमेंट ब्वायज हायर सेकंडरी स्कूल हरदीबाजार के बाबू की लंबे समय से की जा रही अनियमितताओं की परतें खुलने लगी हैं। उक्त बाबू के खिलाफ जिस प्राचार्य ने 28 लाख 18 हजार 198 रुपए की 8 अलग-अलग बिल पर फर्जी हस्ताक्षर कर कोषालय में जमा करने की शिकायत की थी, अब उसी बाबू पर उक्त प्राचार्य ने 1 करोड़ 36 लाख, 30 हजार 603 रुपए स्वयं के साथ अन्य के खातें में आहरित करने की शिकायत की है।

यहां बता दें कि अभी ठीक से पहले हुई शिकायत पर जांच शुरू भी नहीं हो पाई थी कि इस नए मामले के सामने से स्कूल सवालों से घिर गया है। मामले में प्राचार्य अपने आपको साफ पाक बता रहे हैं तो बाबू स्कूल से अभी भी दूरी बनाए हुए है। बहरहाल एक स्कूल से करोड़ों रुपए आहरित करने का खेल कोई हाल फिलहाल का नहीं है। इसमें किसी न किसी साथी स्टाफ को मिलने वाली क्लेम अथवा वेतन की राशि शामिल है, जिसे स्कूल प्रबंधन स्पष्ट नहीं कर पा रहा है। जिसकी सच्चाई जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगी। जांच के मामले में डीईओ जीपी भारद्वाज की ओर से दूसरी शिकायत मिलने के बाद न तो जांच टीम बनाई गई है और न ही कोई एक्शन लिया गया है। जबकि प्राचार्य की शिकायत पर शिक्षा संभाग के संयुक्त संचालक कार्यालय में मामले की जांच शुरू हो गई है।

Next Story