रायपुर/गुरुग्राम। छत्तीसगढ़ में केंदई स्थित स्वामी भजनानंद आश्रम में हर साल आदिवासी जोड़ों का विवाह और यज्ञ कराने वाले परमहंस स्वामी शारदानंद सरस्वती रविवार की रात ब्रह्मलीन हो गए। वे महानिर्वाणी अखाड़े के महामंडलेश्वर और दैवीय सम्पद मण्डल के अध्यक्ष थे। कुछ दिनों से उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं था। गुरुग्राम स्थित मेदांता हॉस्पिटल में उनका इलाज चल रहा था, जहां रविवार की रात उन्होंने अंतिम सांस ली। मैनपुरी स्थित एकरसानंद आश्रम में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
स्वामी शारदानंद सरस्वती के छत्तीसगढ़ में बड़ी संख्या में उनके अनुयायी हैं। इनमें उद्योग, व्यापार, चिकित्सा के साथ साथ मीडिया से जुड़े लोग शामिल हैं। केंदई स्थित आश्रम में हर साल बड़ा आयोजन होता है, जिसमें सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल होते हैं। उनके निधन की खबर से अनुयायियों में शोक की लहर है। वहीं, मैनपुरी स्थित एकरसानंद आश्रम में सुबह से ही लोग इकट्ठे हो रहे हैं। सुबह 11 बजे से नगर में विग्रह की शोभायात्रा निकाली जाएगी। शाम चार बजे एकरसानन्द आश्रम परिसर में उनको समाधिस्थ किया जाएगा।