रायपुर। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने रायपुर और दुर्ग जिले के गौठानों के अध्ययन भ्रमण पर आए दंतेवाड़ा के गौठान समितियों व स्वसहायता समूहों के सदस्यों से चर्चा की। उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हुई चर्चा में बस्तर अंचल में भी गौठानों को स्वरोजगार के लिए मल्टी-यूटिलिटी सेंटर (एकीकृत सुविधा केंद्र) के रूप में विकसित करने के लिए अध्ययन दल को प्रेरित किया। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री से प्रतिनिधियों ने अपने अध्ययन यात्रा के अनुभव साझा किए।
दंतेवाड़ा जिले के गौठान समितियों और महिला स्वसहायता समूहों का 25 सदस्यीय दल मैदानी क्षेत्र रायपुर और दुर्ग के गौठानों के अध्ययन भ्रमण पर पहुंचा है। वे मॉडल गौठानों का अवलोकन कर वहां विभिन्न आजीविकामूलक गतिविधियां संचालित कर रहीं स्वसहायता समूहों व गौठान समितियों से चर्चा कर इनके प्रबंधन एवं संचालन की जानकारी ले रहे हैं। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री सिंहदेव ने अध्ययन दल के सदस्यों को बस्तर संभाग के सभी जिलों में भी गौठानों को मॉडल गौठान के रूप में विकसित करने कहा। उन्होंने अध्ययन दल की महिलाओं द्वारा अपने गौठानों में भी वर्मी कंपोस्ट, दोना-पत्तल, गमला व दीया निर्माण तथा मछलीपालन, मुर्गीपालन और बकरीपालन जैसी गतिविधियां शुरू करने की इच्छा व्यक्त करने पर विभाग द्वारा हर तरह की सहायता उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया।
श्री सिंहदेव ने अध्ययन दल से कहा कि हर गौठान में पांच काम शुरू किए जाएंगे जिससे ग्रामीणों को आमदनी हो। महिला स्वसहायता समूहों को भी इसके माध्यम से रोजगार दिया जाएगा। उन्होंने दल के सदस्यों को अपने-अपने गौठान की कार्ययोजना की जानकारी अपने कलेक्टर को देने कहा। श्री सिंहदेव ने दंतेवाड़ा के अधिकारियों से चर्चा कर उनकी कार्ययोजना को मूर्तरूप देने पहल करने की बात कही। उन्होंने दल से गौठानों में गोबर खरीदी, वनोपज संग्रहण और वनोपज खरीदी की भी जानकारी ली।
बस्तर क्षेत्र के ग्रामीणों को कृषि गतिविधियों में नवाचार अपनाने, गोधन न्याय योजना को बेहतर ढंग से समझाने तथा उन्नत कृषि को अपनाने के लिए प्रेरित करने मैदानी क्षेत्रों के गौठानों का अध्ययन भ्रमण कराया जा रहा है। इसके लिए कांकेर, सुकमा, बीजापुर, बस्तर, कोण्डागांव, दंतेवाड़ा और नारायणपुर जिले के गौठान समितियों और स्वसहायता समूहों के 25-25 सदस्यों को बुलाया जा रहा है। दंतेवाड़ा से पहुंचे दल ने अपने अध्ययन प्रवास के पहले दिन रायपुर जिले के नवागांव और बैहार गौठान, सेरीखेड़ी मल्टी-यूटिलिटी सेंटर एवं इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में कृषि संग्रहालय का अवलोकन किया। वहीं दूसरे दिन उन्होंने दुर्ग जिले में सिकोला, केसरा, बोरेन्दा, कौही और कुर्मीगुंडरा गौठान के साथ ही बोरेंदा में सोलर सामुदायिक उद्वहन सिंचाई की व्यवस्था देखी।