भिलाई। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता कितनी आवश्यक है उसके खिलाफत में होली जलाने की मनोहारी पेन्टिंग का निर्माण प्रख्यात मॉडर्न आर्ट चित्रकार डी.एस.विद्यार्थी ने किया है। उन्होंने कहा है कि अभिव्यक्ति से प्रजातंत्र बलवान होता है अतः उसका उपयोग विवेकपूर्ण होना चाहिए। वहीं इस होली में हमें अपने भीतर की तमाम बुराईयों को जलाकर उसकी उर्जा से देश का विकास करना चाहिए।
सामाजिक सरोकार से संबंधित चित्र बनाने के लिए प्रख्यात चित्रकार डी.एस.विद्यार्थी की तूलिका सदैव से ही समाज को झकझोरती रही है। इसी परिप्रेक्ष्य में उनके द्वारा बनाई गई अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नामक पेन्टिंग बहुत कुछ सोचने पर मजबूर कर देती है। ऊन्होने तेजी से विकसित हो रहे भारत के लिए अपनी शुभकांक्षाएं प्रगट की है। वे कहते हैं कि ऐसा समय किसी भी देश के लिए हजारो साल में एक बार आता है। जब पूरी पश्चिम और यूरोपीय सभ्यता चीन के माओवाद से घबराकर भारत की तरफ देख रही हैं। वे अप्रत्यक्ष नही वरन् परोक्ष रूप से भारत का विकास चाहती हैं। ताकि चीन की दादागिरी को काउंटर किया जा सके। ऐसे समय में समस्त भारतीयों को एक मुट्ठी की तरह लामबंद हो जाना चाहिए। इसी के साथ ही अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का पालन भी अत्यंत ही विवेक से करना चाहिए। ताकि उसका दुरूपयोग न हो सके। बहरहाल डी.एस.विद्यार्थी की बनाई यह कालजयी कृति बहुत कुछ बयां कर जाती है जिसके अनेकानेक भावार्थ निकाले जा सकते हैं।