छत्तीसगढ़

2500 रुपए में धान खरीदी प्रदेश में बनी शोषण का हथियार: बृजमोहन अग्रवाल

jantaserishta.com
20 Jan 2022 5:17 PM GMT
2500 रुपए में धान खरीदी प्रदेश में बनी शोषण का हथियार: बृजमोहन अग्रवाल
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रायपुर: भाजपा विधायक एवं पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा है कि प्रदेश में 2500 रुपए में धान खरीदी शोषण का हथियार बन गई है। कांग्रेस सरकार ने उसके बदले में किसानों को खेती-किसानी की सामग्रियों में मिलने वाली हजारों करोड़ की सब्सीडी खत्म कर दी है। इस सरकार को किसान की बात करने का भी हक नहीं है। पूरे प्रदेश का विकास कार्य अवरुद्ध हो गए है। राज्य को कंगाल बदहाल बना दिया गया है।

बृजमोहन अग्रवाल आज पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि किसानों को 2500 रुपए दे कर सरकार किसानों का शोषण कर रही है। उनको पंप का कनेक्शन नही मिल रहा है। उनको खाद नहीं मिल रही है। खाद की सब्सीडी नहीं मिल रही है। बीज नहीं मिल रहे हैं, बीज की सब्सीडी नहीं मिल रही है। इसी प्रकार स्प्रिंकलर और अन्य किसानी के सामान पर सब्सीडी नहीं मिल रही है। केन्द्र सरकार की हार्डीकल्चर की फल-फूल की योजनाओं का 212 करोड़ सैंक्शन हुआ है लेकिन 12 करोड़ भी खर्च नहीं किया गया है। किसानों को 1500 करोड़ दे कर किसानों का 15,000 करोड़ का नुकसान यह सरकार कर रही है।
उन्होंने कहा कि गाँव में विकास के काम पूरी तरह बंद पड़े हुए हैं। गांव में किसके बच्चे पढ़ते हैं? किसानों के बच्चे पढ़ते हैं। गांँव की सड़कों पर किसान चलता है। गाँव के सामुदायिक भवन और कालेज भी किसानों के परिवार के ही उपयोग में आते हैं। उन्होंने पूछा तो क्या गाँव का विकास रुकना चाहिए? श्री अग्रवाल ने कहा कि 1500 असिस्टेंड प्रोफेसर की भर्ती होने के बाद एक साल से भर्ती नहीं हो पा रही है। प्रधानमंत्री सड़क योजना के काम बंद है, मुख्यमंत्री सड़क योजना के काम बंद हैं यहाँ तक कि सड़कों के गड्ढे तक नहीं भरे जा रहे हैं।
बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश के विकास कुल बजट के 7-8 प्रतिशत में सिमट गया है। यानी इनका पूंजीगत व्यय इतना ही है लेकिन उसके भी 25 प्रतिशत राशि का टेंडर नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा आखिर सिंचाई किसके लिए होती है? किसानों के लिए होती है। इस सरकार ने अगर एक सिंचाई योजना बनाई हो तो बताएं।
बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि ऐसा लगता है कांग्रेस सरकार ने 2500 रुपए में धान खरीद कर किसानों को खरीद लिय़ा है और उनकी सभी सुविधाओं को छीन लिया है। ऐसा 2500 रुपए कोई काम का नहीं है। किसान परेशान है, बदहाल है, वह अपने धान बेचने के लिए दर-दर की ठोंकरे खा रहा है। बारदाने की व्यवस्था नहीं है, किसान के धान को जप्त किया जा रहा है। उसके रकबे की जमीन को नापा जा रहा है। उनके रजिस्ट्रेशन नहीं हुए हैं, उनके नाम कम्प्यूटर से डिलीट हो गए हैं। ऐसी बदहाली किसानों ने कभी नहीं देखी है। ये 2500 की धान खरीदी सरकार के शोषण का माध्यम बन गई है। सरकार के ऐसे कार्यों से पूरे प्रदेश का किसान नाराज है।
असम से बुरा हश्र होगा उत्तर प्रदेश में
बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ मॉडल की बात उत्तर प्रदेश और पंजाब में कर रहे हैं लेकिन छत्तीसगढ़ मॉडल स्वयं छत्तीसगढ़ में फेल है। यहाँ बैंक सरकारी भवन जमीन जप्त कर रहा है। राज्य कंगाल, बदहाल और बेहाल है।
मुख्यमंत्री ने असम में भी प्रचार किया था हश्र सबने देखा है। अब यूपी और पंजाब जा रहे हैं इनका हश्र भी लोग देखेंगे। इनका उत्तर प्रदेश में असम से भी बुरा हश्र होगा।
बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि गोधन न्याय योजना योजना केवल ग्रामों में चलाई जा रही है। उसका शहर में नामों निशान नहीं है। उन्होंने पूछा क्या सभी गौशालाओं में गौधन न्याय योजना चल रही है? श्री अग्रवाल ने कहा कि इस योजना में प्रदेश के 5 लाख किसान गोबर बेचना चाहते हैं लेकिन सिर्फ 25 हजार किसानों से खरीदा जा रहा है। कांग्रेसी नेता की एक गाय के पीछ 5 हजार किलो गोबर खरीदा जा रहा है। यह पूरी तरह कांग्रेस गोधन दोहन योजना बन कर रह गई है।
बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि चिराग परियोजना कांग्रेस की परियोजना नहीं है। जब मैं कृषि मंत्री था तब बस्तर और मुंगेली के आर्थिक दृष्टि से कमजोर किसानों के लिए केन्द्र सरकार की सहमति से यह परियोजना बना कर वर्ल्ड बैंक को सेग्शन के लिए भेजा गया था, जो अब सेग्शन हो कर आई है। इस परियोजना के लागू होने से किसानों में समृद्धि आएगी। लेकिन ये सरकार 1036 करोड़ रुपयों की चिराग परियोजना पर डाका डालने का काम कर रही है। अधिकारियों की पत्नियों को नियुक्त किया जाना भष्चाचार के लिए हो रहा है। यह वर्ल्ड बैंक के पैसों को डकारने के लिए हो रहा है।
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