छत्तीसगढ़

प्रदेश के अंतिम छोर तक विकास का लाभ पहुंचाना हमारा मुख्य ध्येय : वन मंत्री

Nilmani Pal
15 Jan 2022 10:48 AM GMT
प्रदेश के अंतिम छोर तक विकास का लाभ पहुंचाना हमारा मुख्य ध्येय : वन मंत्री
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रायपुर। वन, परिवहन, आवास एवं पर्यावरण मंत्री तथा कवर्धा विधायक मोहम्मद अकबर ने आज अपने विधानसभा क्षेत्र के आदिवासी एवं बैगा बहुल बोड़ला विकासखंड के वनांचल गांवों को विकास के मुख्यधारा से जोड़ते हुए अलग-अलग 34 कार्यों के लिए 2 करोड़ 8 लाख रुपए की सौगात दी है। जिसमे आज उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जनपद पंचायत बोड़ला अंतर्गत छह ग्राम पंचायतों में लगभग एक करोड़ 59 लाख रूपए की लागत से बनने वाले 28 सड़क निर्माण कार्याे का भूमिपूजन किया।

मुख्यमंत्री सुगम सड़क योजना के तहत हुए आज भूमिपूजन किए गए कार्याे में से कवर्धा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत बोड़ला विकासखंड के ग्राम पंचायत पीपरखुंटा में कुल 4 कार्य लागत 16.13 लाख रूपए, ग्राम पंचायत चेंदरादादर में कुल 6 कार्य लागत 22.15 लाख रूपए, ग्राम पंचायत दलदली में कुल 08 कार्य लागत 81.90 लाख रूपए, ग्राम पंचायत लरबक्की में कुल 5 कार्य लागत 17.21 लाख रूपए, ग्राम पंचायत लब्दा में कुल 01 कार्य लागत 12.53 लाख रूपए, ग्राम पंचायत आमानारा में कुल 4 कार्य लागत 8.95 लाख रूपए के कार्य शामिल है।

वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने भूमिपूजन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में हमारी सरकार द्वारा प्रदेश के अंतिम छोर तक विकास का लाभ पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है। इसके तहत दूरस्थ वनांचल स्थित गांव-गांव को विकास की मुख्यधारा से जोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि बोड़ला विकासखंड के ग्राम पंचायत पीपरखुंटा, चेंदरादादर, दलदली, लरबक्की, लब्दा, आमानारा के वनांचल क्षेत्रों में अलग-अलग 28 सड़कों के निर्माण होने से जिले के वनांचल क्षेत्रों में निवासरत बरसों से उपेक्षित बैगा, आदिवासी परिवारों को आवागमन की अच्छी सुविधा मिलेगी। उन्होनें कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार वनांचल में रहने वाले वनवासी, आदिवासी, विशेष पिछड़ी बैगा जनजाति के लोगों को विकास के मुख्यधारा में जोड़ने के लिए प्रतिबद्ध है।

वन मंत्री अकबर ने बताया कि छत्तीसगढ़ में वर्तमान सरकार के बनते ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के वनांचल में रहने वाले लाखों परिवारों के हित में ठोस फैसला लेते हुए 7 प्रकार के लघु वनोपज के स्थान पर 52 प्रकार के लघु वनोपज खरीदी करने का फैसला लिया। इसी प्रकार महुआ का दर 17 रूपए से बढाकर 30 रूपए किया गया है। तेंदूपत्ता प्रतिमानक बोरा 2500 से बढ़ाकर 4 हजार रूपए किया गया है। इसी प्रकार साल बीज, हर्रा, चिरौंजी, गुठली, जामुनबीज, बेलगुदा, धनईफुल, कुसमी, लाख, गिलोय, चरोटा बीज, वन तुलसी, करंज बीज सहित 52 प्रकार के लघु वनोपज की खरीदी अब प्रदेश में हो रही है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर वनोपज की खरीदी होने पर वनांचल में रहने वाले लाखों परिवारों को इसका सीधा लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा है कि वनांचल में रहने वाले लोगों को खेती किसानी से जोड़ने के लिए अनेक कार्य योजना बनाई गई है। अब छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा कोदा-कुटकी और रागी का भी समर्थन मूल्य पर समस्त प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समिति के माध्यम से खरीदी की जा रही है।

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