हमारे नायक : लॉकडाउन के कठिन दौर में भी शिक्षकों को अपने दायित्व हेतु प्रेरित करने एक अभिनव पहल
रायपुर। लॉकडाउन एवं कोरोना संक्रमण के समय जब शासकीय निर्देश पर स्कूलों को बंद कर दिया गया था। तब कुछ शिक्षकों ने राज्य के अलग - अलग कोनों में बच्चों के सीखने को जारी रखा। शिक्षक नए-नए तरीकों से बच्चों को सीखने में सहयोग करते रहे। ऐसे समय में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर स्कूल शिक्षा विभाग ने पढई तुंहर दुआर योजना प्रारंभ की। विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला ने रिकार्ड समय में इस कार्यक्रम के लिए वेबसाइट सीजीस्कूल डाट इन बनाकर बच्चों को सीखने हेतु सुविधाएँ प्रदान की। लॉकडाउन की वजह से स्कूलों को शासकीय आदेश से खोला जाना संभव नहीं था। ऐसे में केवल एक ही उपाय था कि इस कठिन दौर में बेहतर काम कर रहे शिक्षकों के कार्यों को सामने लाया जाए और अन्य शिक्षकों को भी प्रेरित किया जाए।
'हमारे नायक' ने इस काम को बखूबी कर दिखाया। सीजीस्कूल डाट इन के मुख्यपृष्ठ में प्रतिदिन दो नायकों के लिए ब्लॉग लिखकर अपलोड किया जाता। राज्य की प्राथमिकताओं एवं आवश्यकताओं के अनुसार इसमें थीम का चयन कर उन पर ब्लॉग लिख जाता है। राज्य के शिक्षक एवं अधिकारी अपने आपको हमारे नायक में शामिल किए जाने पर गर्व महसूस करते हैं। 'हमारे नायक' में अपने कार्यों पर ब्लॉग लिखे जाने हेतु स्व-प्रेरित शिक्षक बहुत बड़ी संख्या में सामने आ रहे हैं और बच्चों के सीखने के लिए सभी प्रकार से सहयोग कर रहे हैं । कुल मिलाकर पढई तुंहर दुआर के दौरान शिक्षकों को प्रोत्साहित कर सामने लाने हेतु "हमारे नायक" ने एक बहुत बड़ी भूमिका निभाई है । स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम स्वयं हमारे नायक के जमीनी स्तर पर हो रहे परिवर्तन से बहुत अधिक प्रभावित हैं। वे समय-समय पर इन ब्लॉग का स्वयं अवलोकन करते हैं और हमारे नायक में चयनित शिक्षकों, विद्यार्थियों से संवाद करते रहते हैं। उनके अनुसार 'हमारे नायक' एक ऐसी योजना है, जिसमें एक रूपए का खर्च भी नहीं आया, लेकिन इस एक अकेली योजना ने क्षेत्र में ऐसा प्रभाव डाला जो करोड़ों रूपए खर्च करके लागू की गयी योजना भी शायद न दे पाए।
कार्यक्रम की शुरुआत हेतु राज्य में ब्लॉग लेखकों का चयन किया जाना था। उस दौर में ब्लॉग का अर्थ भी किसी को ठीक से नहीं मालूम था, किन्तु सीखने की ललक ने शिक्षकों की एक टीम को जिम्मेदारी लेने हेतु प्रेरित किया। कुछ अच्छे ब्लॉग का अध्ययन कर धीरे-धीरे लिखते हुए अब राज्य में ब्लॉग लेखकों की एक बड़ी टीम तैयार हो गयी है। यह टीम न केवल हिन्दी बल्कि अंग्रेजी, छत्तीसगढ़ी, संस्कृत एवं विभिन्न आदिवासी भाषाओं में भी अब ब्लॉग लिखने लगी है। प्रतिदिन दो ब्लॉग लिखना, उसके लिए सही एवं योग्य शिक्षकों, विद्यार्थियों, अधिकारियों की पहचान करना, उनसे संपर्क करना, उन पर ब्लॉग लिखना और ब्लॉग का प्रूफ करना और इन सबके बाद प्रतिदिन समय पर ब्लॉग को वेबसाईट में अपलोड करना, यह सब बहुत कठिन काम था। इसमें अनुशासन, कडाई, ब्लॉग लेखकों के साथ समन्वय एवं टेक्नोलोजी का बहुत अच्छा ज्ञान अत्यंत आवश्यक था। इन काम को बखूबी निभाया सूरजपुर के शिक्षक श्री गौतम शर्मा ने। उनके कुशल नेतृत्व में अब तक प्रतिदिन बिना किसी दिन छोड़े हमारे नायक के लिए दो ब्लॉग अपलोड करने में सफलता मिली। इस कॉलम में 6 अक्टूबर 2021 को एक हजारवां ब्लॉग अपलोड किया जा रहा है।
हमारे नायक के अंतर्गत प्रतिमाह अलग-अलग थीम पर काम कर रहे लोगों का चयन किया जाता है और इसके लिए सिस्टेमेटिक प्रक्रिया निर्धारित की गयी है। अब तक चयन किए गए प्रमुख थीम में-ऑनलाइन कक्षा, लाउडस्पीकर कक्षा, पढ़ई तुंहर पारा, ऑगमेंटेड रियलिटी शिक्षण तकनीक, स्टोरीवीवर की वेबसाइट में सर्वाधिक कहानियां लिखना और अनुवाद करना, शैक्षणिक खिलौना बनाने वाले, प्रिंटरिच वातावरण निर्माण करने वाले शिक्षक तथा विद्यार्थी संवर्ग में सर्वाधिक ऑनलाइन कक्षा में सम्मिलित होने वाले विद्यार्थी, सर्वाधिक शंका पूछने वाले विद्यार्थी, पोर्टल पर सर्वाधिक शैक्षणिक सामग्री देखने वाले विद्यार्थी और मोहल्ला क्लास का सफल संचालन करने वाले शिक्षा सारथी, विशेष आवश्यकता वाले दिव्यांग विद्यार्थी, प्रतिभावान सामान्य विद्यार्थी (उम्र छोटे काम बड़े), अंगना में शिक्षा, सहायक शिक्षक सामग्री निर्माण,शाला प्रबंधन एवं विकास समिति शिक्षक, अधिकारी, सदस्य,खिलौना निर्माण और वर्कशीट को हमारे नायक के रूप में चयन किया गया है। इसके साथ ही इस कार्यक्रम को सफलतापूर्वक संचालन करने वाले मॉनिटरिंग अधिकारियों और नवाचार करने वाले संकुल शैक्षणिक समन्वयक और विशेष आवश्यकता वाले दिव्यांग बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने वाले ब्लॉक रिसोर्स पर्सन (बी.आर.पी.) को भी हमारे नायक के रूप में स्थान दिया गया है। अब तक प्रदेश के 1000 शिक्षक, विद्यार्थी और अधिकारी संवर्ग का चयन हमारे नायक के रूप में हो चुका हैं।
राज्य में 30 कुशल ब्लॉग लेखक चयनित नायकों के उत्कृष्ट कार्यों को अलग-अलग भाषा और बोलियों में अपने शब्दों में पिरोने का कार्य कर रहे है। हमारे नायक में ब्लॉग लेखन का कार्य हिन्दी, अंग्रेजी और संस्कृत भाषा के साथ प्रदेश की क्षेत्रीय भाषाओं के उपयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ की विभिन्न क्षेत्रीय बोलियों में भी सफलतापूर्वक ब्लॉग लेखन का कार्य किया जा रहा है। क्षेत्रीय भाषाओं में प्रदेश की प्रमुख 5 बोलियों छत्तीसगढ़ी, हल्बी, गोंडी, सरगुजिया और कुड़ूख में अनुवाद के साथ ब्लॉग प्रकाशित किया जा रहा है, जो पढ़ई तुंहर दुआर कार्यक्रम के सबसे लोकप्रिय कॉलम हमारे नायक की सबसे बड़ी उपलब्धि है। दिन-प्रतिदिन नवीनताओं के साथ कार्य करना प्रदेश के हमारे नायक की अब पहचान बन गयी है। छत्तीसगढ़ की विभिन्न महत्वपूर्ण क्षेत्रीय भाषाओं का उपयोग हमारे क्षेत्र की विविधता की समानता को प्रदर्शित कर रहा है।