रायगढ़। शिक्षा हमारे जीवन की बुनियाद है, जो हमें हर परिस्थितियों में सकारात्मक होने का भाव सिखाता है। अपने मंतव्यों और सिद्धांतो से समझौता किये बिना जीवन, संस्कृति, सभ्यता और शिक्षा के विविध आयामों को उजले दृष्टिकोण के साथ स्पर्श करना एक सफल एवं कामयाब शिक्षक की विशेषता है। आज हम एक ऐसे ही कामयाब शिक्षिका से रूबरू होने जा रहे हैं, जिन्होंने तमाम विषम परिस्थितियों में भी शिक्षा की मशाल को जलाए रखा है तथा पालक, बालक और समुदाय के बीच नाउम्मीदी में भी उम्मीद की किरण दिखाते हैं। श्रीमती कुसुम साहू एक ऐसे ही शिक्षिका हैं जो परम्परागत शिक्षक की छवि के बाहर काम किया है। ये सारे काम साधारण से प्रतीत होते हैं लेकिन यदि इनको गहराई से देखा जाए तो शिक्षा के समग्र विकास में योगदान के रूप मे इनका व्यापक असर है।
कोविड-19 के तमाम उतार चढ़ाव के बावजूद नौनिहालों के शिक्षा व्यवस्था में निरंतरता बनाये रखने शिक्षिका कुसुम साहू ने महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया है। कोरोना संक्रमण की भयाक्रांत ने शिक्षण, अधिगम और मूल्यांकन को एक महत्वपूर्ण मोड़ दिया है। विपदा के इस दौर में श्रीमती कुसुम साहू ने अपनी असाधारण कार्यों से शिक्षा में बदलाव के संवाहक बनी हैं। श्रीमती साहू विषम परिस्थितियों में भी चिंतनशील, सृजनशील, जुझारू शिक्षिका के रूप मे विशिष्ट स्थान बनाई हैं। श्रीमती कुसुम साहू तकनीकी के विविध विधाओं का प्रयोग अपनी पठन-पाठन में करती हैं जिससे बच्चों को मनोरंजक शिक्षा मिलती है तथा बच्चों के बीच करीबी रिश्ते बन जाता है। श्रीमती साहू शैक्षणिक गतिविधियों में वैज्ञानिक सोच, स्थानीय परिवेश का समावेश और रुचिकर गतिविधि आधारित ज्ञान का प्रयोग इन्हें अन्य शिक्षकों से अलहदा बनाती है। बोलती दीवार और कला का संसार, नये-नये प्रयोग से जुड़े नये अनुभव किताबी ज्ञान से बढ़कर जीवन कौशलों की बातें श्रीमती कुसुम साहू की अध्यापन की विशिष्टता है। विद्यालय बंद होने के कारण बच्चों तक शैक्षणिक गतिविधियों को सुगमता से पहुंचाने की चुनौतियों के बीच छत्तीसगढ़ शासन के महत्वाकांक्षी योजना पढ़ाई तुंहर दुआर और पढ़ाई हमर पारा जैसे वैकल्पिक नवाचारी शिक्षण व्यवस्था के माध्यम से बच्चों की घरों की देहरी तक शिक्षा की किरण को पहुंचाने श्रीमती साहू कामयाब रही हैं।
ऑनलाइन और ऑफलाइन के माध्यम से शत-प्रतिशत बच्चों तक विभिन्न शैक्षिक गतिविधियों को ले जाने शिक्षिका कुसुम साहू हरसंभव प्रयास करती हैं। लैपटॉप के माध्यम से नवीनतम तकनीकीयुक्त ज्ञान, स्पोकन इंग्लिश, गणितीय कौशल, पहाडा की नई विधा, कहानी, कविता के द्वारा विषयगत ज्ञान से रूबरू कराना शिक्षिका कुसुम साहू की प्राथमिकता है। वर्तमान में सौ दिन के पठन एवं गणितीय कौशल के अंतर्गत सप्तम सप्ताह के कार्यविधि में विविध गतिविधि आधारित शैक्षिक कार्यों का ऑडिओ ध्वीडियो बनाकर बेबसाइट में अपलोड कर आज के हमारे नायक के कॉलम में नायक के रूप मे चयनित होकर पूरे जिले को गौरान्वित किया है। बच्चों और विद्यालय के विकास के लिए हमेशा तत्पर रहने वाली शिक्षिका कुसुम साहू खेलकूद, सांस्कृतिक कार्यक्रम, बेटी बचाओ-बेटी पढाओं, कोरोना जागरूकता जैसे राष्ट्रीय महत्व के सभी कार्यों में सक्रिय सहभागिता निभाती हैं। छत्तीसगढ़ शासन के अधिकृत बेबसाइट में आज के हमारे नायक के कॉलम में नायक के रूप में चयनित होने पर जिला शिक्षा अधिकारी श्री आर.पी. आदित्य, जिला मिशन समन्वयक श्री आर.के.देवांगन, सहायक परियोजना अधिकारी श्री भुवनेश्वर पटेल, भूपेंद्र पटेल ने ऐसे प्रतिभावान शिक्षिका को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना किये हैं।