ओड़िशा के डीलर राजधानी और अन्य शहरों में खफा रहे नशीली गोलियां
बड़े पैमाने पर छत्तीसगढ़ पहुंच रहा गांजा
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। अब तक माना जा रहा था कि ओडिशा से रायपुर के रास्ते सिर्फ गांजा की तस्करी हो रही है, लेकिन रायपुर पुलिस की नशे के खिलाफ हाल की कार्रवाई में पर्दाफाश हुआ कि वहां से प्रतिबंधित नशीली दवाओं की भी तस्करी हो रही है। रायपुर से होकर बस, ट्रेन और सड़क के रास्ते दूसरे जिलों और राज्यों में गांजा और प्रतिबंधित नशीली टेबलेट भेजी जा रही है। राजधानी पुलिस लगातर नशे के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। बीते 20 दिनों में नशीली टेबलेट के साथ 15 आरोपित गिरफ्तार किए गए हैं। इन आरोपितों ने ओडिशा से ही नशीली टेबलेट और कफ सिरप लाने की बात कबूली है। पुलिस अब बड़े तस्करों को पकडऩे की तैयारी कर रही है।
राजधानी में नशे का कारोबार तेजी से बढ़ता जा रहा है। वहीं, प्रदेश के लगभग 10 जिलों में फैल चुका है। बाहरी राज्यों से छत्तीसगढ़ के सीमाई इलाकों में नशीले पदार्थों की खेप पहुंचती है। फिर यहां प्रदेश सहित दूसरे राज्यों में माल भेजा जाता है। रायपुर कई वर्षों से नशे के कारोबार का कारिडोर बना हुआ है। पुलिस की नजर से बचने के लिए तस्कर अलग-अलग तरीके से मादक पदार्थों सप्लाई करते हैं। जिलों की क्राइम ब्रांच और नारकोटिक्स सेल लगातार गिरफ्तारी कर रही है, लेकिन तस्करी पर रोक नहीं लग पा रही है।
नारकोटिक सेल को जो क्लू मिला है, उसके अनुसार दूसरे राज्यों से प्रतिबंधित दवाइयां मंगवाने वाले कारोबारियों ने शहर के आउटर या बार्डर वाले शहरों में स्टाक डंप करवा रहे हैं। दिखावे के लिए उन्होंने छोटे-छोटे मेडिकल स्टोर खोल रखें हैं, ताकि किसी को शक न हो और उनका कारोबार चलता रहे। पुलिस ने पिछले साल ऐसे ही नेटवर्क का पर्दाफाश किया था। अम्लेश्वर, कुम्हारी और भिलाई के मेडिकल स्टोर में छापे मारे गए थे। उन छोटी- छोटी दुकानों से हर महीने लाखों की दवाइयां सप्लाई होती थीं।
ओडिशा से रोजाना करोड़ों का गांजा सप्लाई किया जाता है। कटहल, तरबूज, नमक, नारियल और अब गोभी की खेप की आड़ में तस्कर रायपुर होते हुए बड़ी मात्रा में गांजा दूसरे राज्यों तक पहुंचा रहे हैं। फलों और सब्जियों की गाडिय़ों में मादक पदार्थों की तस्करी करने का नया तरीका गांजा तस्करों ने अपनाया है। ओडिशा के मलकानगिरी के अलावा अन्य गांवों में व्यापाक रूप में गांजा की खेती होती है। जिला मुख्यालय से करीब 70 किलोमीटर दूर पहाड़ी इलाके चित्रकोंडा और उससे सटे फूलपदर, सालपदर, लामसिंग, बंधमुड़ी, राजलकोंडा, हाथीपदर, बडपुत, पीओरमेटला, जोनताबाई सहित अन्य गांवों में गांजे की खेती की जाती है।
प्रदेश में मुख्य रूप से महासमुंद, रायपुर, दुर्ग, भिलाई, बिलासपुर के अलावा दूसरे जिलों में गांजा की सप्लाई ओडिशा से हो रही है। छत्तीसगढ़ के अलावा उत्तरप्रदेश, सूरत, मध्यप्रदेश, कानपुर, दिल्ली तक ओडिशा से गांजा पहुंच रहा है। ट्रेन इसके लिए अब आसान साधन हो गया है। रेलवे पुलिस ने दो दिनों में लगभग 60 किलोग्राम गांजा पकड़ा है।
नशे के खिलाफ पुलिस की बड़ी कार्रवाई, 10 लाख का गांजा धराया, 3 अंतरराज्यीय तस्कर गिरफ्तार
नशे के सौदागरों के खिलाफ पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। धमतरी पुलिस ने 3 अंतरराज्यीय गांजा तस्करों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के कब्जे से 10 लाख का गांजा जब्त किया है। बता दें कि, गांजा तस्कर ओडि़शा के जयपुर से उत्तरप्रदेश के चित्रकूट गांजा ले जा रहे थे। तस्करी की जानकारी मिलते ही बोराई थाना पुलिस और साइबर सेल ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए 3 अंतरराज्यीय गांजा तस्करों को धर दबोचा। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे 53 किलो गांजा और एक कार जब्त की है। जब्त गांजा की अनुमानित कीमत 10 लाख रुपये से अधिकआंकी जा रही है।