छत्तीसगढ़
सुधा सॉसाययटी फ़ाउंडेशन और शुभ मल्टी स्पेशीऐलिटी हॉस्पिटल के द्वारा मातृत्व शक्ति के सम्मान हेतु कार्यक्रम का आयोजन
jantaserishta.com
8 May 2022 4:27 PM GMT
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रायपुर: सुधा सॉसाययटी फ़ाउंडेशन और शुभ मल्टी स्पेशीऐलिटी हॉस्पिटल रायपुर के द्वारा 8 मई के दिन मदर्स डे के दिन मातृत्व शक्ति के सम्मान हेतु कार्यक्रम का आयोजन किया । सुधा सॉसाययटी के चेयरमैन गोपाल कृष्ण भटनागर ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए बताया कि हर साल मई के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाया जाता है। लोग इस दिन अपनी मां को खास महसूस कराकर उन्हें यह बताने की कोशिश करते हैं कि उनके जीवन में मां की क्या भूमिका है । माँ ही भगवान की मूर्ति है । संतान को जन्म से ले कर अंत तक माँ का प्यार कभी नहीं घटता।
आज के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राजेश सिंह राणा IAS , स्पेशल सेक्रेटेरी , एजुकेशन , ओर SCERT के director और महेन्द्र बाफ़ना , President सेफ़ाईर ग्रीन सॉसाययटी , गेस्ट ओफ़ ऑनर उपस्थित हुए। क़रीब १५ प्रतिभावान , प्रगतिशील मातृशक्ति जो विभिन्न क्षेत्रो से आयी उनका सम्मान किया गया । डॉक्टर विवेक गोयल जो शुभ मल्टी स्पेशीऐलिटी हॉस्पिटल प्रमुख हैं वे भी उपस्थित हुए ।सम्मानित मातरी शक्ति की महिलाओं का नाम इस तरह है ।
शहर की मुख्य उद्यमी तूलिका पांडेय , डॉक्टर समिधा गुप्ता जोकरियर काउंसलिंग है । रीमा आचार्य रितु कारा स्वप्न पंडित सोशल वर्कर है
रिया सदिजा टेलरिंग व्यवसायी है जिन्होंने १ लाख की पूँजी से काम शुरू किया और ४ साल में आज २० गुना काम कर रही है ।यह प्रेरणा दायक है आत्मनिर्भर होने के लिए ।
शकुंतला शर्मा एक कवियत्री है ।
रेणुका सोनवाने पशु सहायक है जो सड़क पर दुर्घटना ग्रस्त घायल गायों और कुत्तो का इलाज कर सेवा कार्य करती है । केया वासवानी डॉक्युमेंटरी फ़िल्म बनाती है और उनको राष्ट्रपति पुरस्कार मिले है ।वेसे उनके कोई अपनी संतान नहीं पर वे सभी पालतू पशुओ की माँ की तरह सेवा करती है ।श्रीमती
स्वरूप पंडित ,रैनमकेर संस्था की सह -फ़ाउंडर है ।१० वर्षों से केरीयर काउन्सलिंग कर समाज सेवा कर रही है ।आप कलिंगा यूनिवर्सिटी रायपुर के आर्ट्स डिपार्टमेंट में फ़ैकल्टी है और विभिन्न प्रोजेक्ट से जुड़ी है जेसे UNDP DFID FHI WCD जेसे सरकारी कार्यक्रम
डॉक्टर आरती साठे ओर्गानिक फ़ार्मिंग में कई किसानो की ट्रेन किया ।अन्य सभी लोगों ने मातृदिवस पर माँ की ममता के बारे में विचार रखे । हमारे धर्म ग्रंथो मै गुरुकुल शिक्षा मै गुरु "मातरी देवों भवः " सिखाते है । माताओं का सम्मान हमारी संस्कृति की पहचान है । .
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