छत्तीसगढ़

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में दो दिवसीय कलेक्टर्स कांफ्रेंस का आयोजन

Shantanu Roy
8 Oct 2022 4:07 PM GMT
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में दो दिवसीय कलेक्टर्स कांफ्रेंस का आयोजन
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छग
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में रायपुर के न्यू सर्किट हाउस में दो दिवसीय कलेक्टर्स कांफ्रेंस की शुरूआत हुई. कांफ्रेंस के पहले दिन मुख्यमंत्री के निर्देशन में सभी कलेक्टरों से विभिन्न विभागों की योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की गई. क्वान्टीफिएबल डॉटा आयोग द्वारा प्रदेश भर में किए जा रहे अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों के सर्वेक्षण, स्कूली बच्चों को जाति प्रमाण पत्र जारी करने, मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लिनिक योजना, मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान, स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय योजना, वनांचलों में आश्रम-छात्रावासों की स्थिति, राजीव युवा मितान क्लब, छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के आयोजन तथा राज्य में बैंकिंग सुविधाओं की समीक्षा करते हुए कलेक्टर्स को आवश्यक निर्देश दिए गए। कॉन्फ्रेंस में क्वान्टीफिएबल डॉटा आयोग द्वारा किए जा रहे अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों के सर्वेक्षण के लिए इस वर्ग के ज्यादा से ज्यादा लोगों के पंजीयन कराने के निर्देश दिए गए, जिससे प्रदेश में उनकी सही संख्या का आंकलन किया जा सके।
इसके साथ ही कलेक्टर्स को स्कूलों में बच्चों को जारी किए जाने वाले जाति प्रमाण पत्र वितरण में तेजी लाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लिनिक योजना के अंतर्गत संचालित सभी हाट-बाजार क्लिनिकों में 60 तरह की दवाईयां और दस तरह की जांच की सुविधाएं उपलब्ध कराने के कार्य को प्राथमिकता के साथ कराने की बात कही गई. इस योजना के अंतर्गत अब तक वनांचलों और दूरस्थ क्षेत्रों के कुल 55 लाख 85 हजार लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई जा चुकी हैं। कांफ्रेंस में एनीमिया के मामलों में कमी लाने के लिए स्वास्थ्य विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग तथा स्कूल शिक्षा विभाग को समन्वित कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए गए हैं। स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालयों में रिक्त शिक्षकों के पदों पर भर्ती की कार्यवाही भी शीघ्र सुनिश्चित करने को कलेक्टर्स से कहा गया है। राजीव युवा मितान क्लब के सदस्यों को समुचित प्रशिक्षण उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए गए हैं ताकि क्लब के माध्यम से खेलकूद, सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों के आयोजन के साथ ही शासकीय योजनाओं से ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ा जा सके।
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