अवैध अतिक्रमण में भू-माफियों के साथ पक्ष-विपक्ष के नेता लिप्त
सरकारी जमीन पर कब्जा, बीजेपी पार्षद और कार्यकर्ता भिड़े
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। राजधानी में एक भाजपा पार्षद और उनके वार्ड के भाजपा नेताओं के बीच बवाल हो गया। खबर है कि पार्षद को कार्यकर्ताओं ने पीट दिया। गुस्साए पार्षद ने इस मामले की शिकायत रायपुर के टिकरापारा थाने में की थी। दोनों गुट थाने पहुंचकर बवाल करने लगे। पूर्व विधायक नंदे साहू ने मौके पर पहुंचकर मामला शांत करवाया। सारा बखेड़ा जमीन पर कब्जे को लेकर हुआ।
मामला रायपुर के रविंद्र नाथ टैगोर वार्ड का है। यहां शमशान घाट की जमीन कब्जाने को लेकर भाजपा के दो गुट आपस में भिड़े। एक गुट स्थानीय पार्षद रवि ध्रुवतो दूसरा इसी इलाके के भाजपा कार्यकर्ता विनय साहू का था। भाजपा नेताओं के दूसरे गुट ने पार्षद के साथ गाली-गलौज की और उसे पीटा। ये बात पुलिस को दी अपनी शिकायत में पार्षद रवि ने बताई है। शनिवार को इस मामले में पुलिस ने विनय आौर उसके साथियों को बुलवाया। दूसरा गुट भी थाने पहुंच गया था।
मारपीट और विवाद कर खबर लगते ही पूर्व विधायक नंदे साहू थाने पहुंचे। पुलिस पूछताछ में लगी थी, तब तक विधायक ने विनय और उसके लोगों को थाने के बाहर ले जाकर समझाया। विनय के लोग भी शिकायत करने और पार्षद पर कार्रवाई करवाने की बात पर अड़े थे। काफी देर तक थाने में गहमा-गहमी होती रही। इसके बाद मामले को रफा-दफा किया गया।
पूर्व विधायक नंदे साहू ने कहा- मारपीट हो गई। इस बात की जानकारी मिली तो मैं थाने पहुंचा। दोनों पक्षों को समझाया गया है। पहले भी कोई विवाद नहीं रहा, अब भी नहीं है। जमीन को लेकर विवाद पर पूर्व विधायक ने कहा- जमीन का मामला नहीं है, शमशान घाट की जमीन पहले क्रष्ठ्र का कमल विहार प्रोजेक्ट में थी। 5 साल पहले बहुत से लोगों ने अतिक्रमण किया था। हमने नाप जोख करवाकर बाउंड्री वॉल करवाया था। अब भी कुछ लोगों ने कब्जा किया है ऐसा मैंने सुना था। हमारे कार्यकर्ता पार्षदों ने विवाद को सुलझा लिया है।
टिकरापारा थाने के प्रभारी अमित बेरिया ने बताया कि पार्षद रवि साहू ने आवेदन दिया था कि उनका विनय के साथ झगड़ा हुआ, मारपीट की गई। इस आवेदन की जांच करते हुए हमने दूसरे पक्ष को थाने में तलब किया। दूसरे पक्ष ने बाहर जाकर शिकायतकर्ता से बात की, फिर समझौता किया हो गया। पूर्व विधायक नंदे साहू थाने आए थे। अपनी पार्टी के नेताओं को वो समझा रहे थे। हमें आवेदन दिया गया कि वो कार्रवाई नहीं चाहते हैं।
सरकारी जमीन की हेराफेरी में छुटभैये नेता भी शामिल
राजधानी में रसूखदारों की वर्चस्व की लड़ाई अब गैंगवार में तब्दील हो गई है। मामला है सरकारी जमीन पर कौन कितना कब्जा कर सकता है छुटभैया नेताओं और बिल्डरों में होड़ मची हुई है। किसी की भी मौके की जमीन हो या कोई पट्टा धारी हो या काली पड़ी हो तो उसे कब्जाने के लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं के साथ बिल्डरों अपने रसूख का इस्तेमाल कर पटवारी और तहसीलदार से सांठगांठ कर राजधानी के असपास की सरकारी जमीनों की नक्शा-खसरा निकाल कर उसे कब्जाने के लिए साम-दाम-दंड-भेंद का उपयोग करने से भी गुरेज नहीं कर रहे। सरकारी जमीन की जानकारी मिलते ही छुटभैया नेता और बिल्डर उस जमीन को कब्जाने के लिए टूट पड़ते है।
भू-माफिया बेच रहे सरकारी जमीन शिकायतों पर नहीं हो रही कार्रवाई
राजधानी में सस्ती जमीन के लालच में लोग अवैध प्लॉटिंग के जाल में फंस रहे हैं। बीते चार साल से चल रही अवैध प्लॉटिग के अब साइड इफेक्ट दिखाई देने लगा है। सस्ती जमीन की चाहत रखने वालों की जीवन भर की पूंजी भूमाफिया ठग रहे हैं। कलेक्टर के पास दर्जनों ऐसी शिकायतें आईं हैं। अब लोग भू-माफियाओं के पीछे घूम रहे हैं। बता दें कि कलेक्टर ने 1000 से ज्यादा जगहों में हो रही अवैध प्लॉटिंग के खसरों को ब्लॉक किया है। इसके बाद भी खुलेआम अवैध प्लॉटिंग चल रही है। दूसरों की और सरकारी जमीन दिखाकर भूमाफिया खुलेआम सौदा कर रहे हैं। इसका खुलासा तब होता है जब लोग अपनी जमीन का पजेशन लेने पहुंचते हैं। कई शिकायतें ऐसी भी मिली हैं कि अवैध प्लॉटिंग में लोगों ने रोड-रास्ता और निस्तारी जमीन का खसरा भी बेच दिया है। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर भूरे ने कहा कि अवैध प्लॉटिंग में जिला प्रशासन अपने स्तर पर सख्त कार्रवाई कर रहा है।
फर्जी दस्तावेज तैयार कर प्लॉट की रजिस्ट्री, केस दर्ज
खमतराई थानाक्षेत्र के व्यास तालाब के पास खाली प्लॉट के फर्जी दस्तावेज बनाकर आरोपी ने अपना नाम दर्ज करा लिया। पीडि़त प्लॉट देखने पहुंचा तो उसे घटना के बारे में पता चला। पीडि़त ने मामले की शिकायत खमतराई पुलिस से की है। शिकायतकर्ता विजय हरि चितले ने पुलिस को बताया, वह कृषक नगर लाभांडी में रहता है। व्यास तालाब के पास खसरा क्रमांक 411 रकबा 0.417 हेक्टेयर जमीन उसने ज्योति सिंह और मुकेश लोहाना के साथ मिलकर सन् 1992 में खरीदी थी। यह जमीन हरि के आधिपत्य में थी। वह अपने काम से बाहर रहता है, इसलिए पिछले कई महीनों से जमीन देखने नहीं जा सका। मई 2023 में वह जमीन देखने गया, तो पता चला कि किसी ने फर्जी दस्तावेज बनाकर उसकी जमीन पर कब्जा कर लिया है। हरि ने रजिस्ट्री कार्यालय से दस्तावेज निकाले तो उसे पता चला कि गोगांव निवासी नितेश कुमार साहू ने फर्जी दस्तावेजों के सहारे जमीन अपने नाम करवा ली। उसने अपनी तरफ से जनार्दन साहू और अरुण शर्मा को गवाह भी बनाया है। पीडि़त ने तीनों आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। पीडि़त की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज करके जांच शुरू कर दी है।