छत्तीसगढ़

पर्यटन स्थलों के समीप स्थानीय लोगों के आजीविका के लिए अवसर उपलब्ध कराया जाए

Shantanu Roy
20 April 2022 1:49 PM GMT
पर्यटन स्थलों के समीप स्थानीय लोगों के आजीविका के लिए अवसर उपलब्ध कराया जाए
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छग

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य में पर्यटन की व्यापक संभावनाओं को देखते हुए देश-विदेश के पर्यटकों के दृष्टिकोण से पर्यटन स्थलों में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। उन्होने पर्यटन स्थलों के समीप स्थानीय लोगों के लिए आजीविका के लिए अवसर उपलब्ध कराने की दिशा मे भी कार्य करने के निर्देश अधिकारियो को दिए। उन्होंने राज्य में जल पर्यटन विकसित करने चिन्हाकिंत जलाशयों में क्रूजबोट, मोटरबोट, हाउसबोट, और वॉटर पार्क जैसी सुविधाएं बढ़ाये जाने पर बल दिया। श्री बघेल ने ऐतिहासिक और पुरातात्विक महत्व के धरोहरों के संरक्षण और संवर्धन के लिए भी कार्य योजना तैयार करने के भी निर्देश अधिकारियो को दिए।

मंगलवार को अपने निवास कार्यलय में छत्तीसगढ़ में पर्यटन की संभावनाएं को लेकर विभागीय समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि पर्यटन स्थलों पर प्रदेश, देश और विदेश के प्रर्यटको के हिसाब से सुविधाएं विकसित हो। पर्यटन स्थलों के समीप उपलब्ध जलाशयों में बोटिंग सुविधा उपलब्ध हो, ऐसे स्थानों को चिन्हाकिंत कर आइलैण्ड के रूप में विकसित किया जाए। उन्होंने कोरबा के सतरेंगा, बिलासपुर के खूंटाघाट, धमतरी के गंगरेल बांघ और हसदेव बांगो के मीनीमाता बांध में क्रूज बोटिंग व वाटर पार्क जैसी सुविधाएं विकसित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए।
उन्होंने कहा कि पर्यटकों की समुचित सुरक्षा के लिउ उच्च गुणवत्ता युक्त सीसीटीव्ही कैमरा स्थापित हो। होम-स्टे, बजट होटल हेतु निजी भागीदारी का प्रोत्साहित किया जाए। उन्होंने कहा कि जल पर्यटन एवं क्रूज टूरिज्म विकसित की जाए। निजी निवेशको के माध्यम से जल पर्यटन को विकसित करने क्रूज बोट, मोटर बोट, हाउसबोट आदि विकसित किया जाए।
बैठक पर्यटन विभाग के सचिव श्री अरन्बलगन पी. ने बताया कि स्वदेश योजना के तहत 96 करोड़ 10 लाख रूपए की लागत से प्रथम फेस का काम लगभग पूर्ण कर लिया गया है। योजना के तहत ट्रायबल टूरिज्म सर्किट विकसित किया जा रहा है। ट्रायबल टूरिज्म सर्किट के अंतर्गत जशपुर, कुनकुरी, कमलेश्वर, मैनपाट, महेशपुर, कुरदर, सरोधा दादर, गंगरेल, नथियानवागांव, कोण्डागांव, जगदलपुर, चित्रकोट और तीरथगढ़ को शामिल किया गया है। स्वदेश दर्शन-टू के तहत 'इको टूरिज्म सर्किट'का कांसेप्ट तैयार कर लिया गया है। इस सर्किट में चिल्फी घाटी, अचानकमार-अमरकंटक घाटी एवं हसदेव बांगो डैम के सीमावर्ती क्षेत्र को शामिल किया गया है।इसकी प्रस्तावित लागत 81 करोड़ 26 लाख रूपए है।
अधिकारियों ने बताया कि प्रशाद योजना के तहत ऐतिहासिक और पुरातात्विक स्थल सिरपुर को बुद्धिष्ट सर्किट थीम के रूप में विकसित किए जाने योजना पर कार्य किया जा रहा है। आर्किटेक्ट द्वारा स्थल निरीक्षण कर कांसेप्ट प्लान तैया कर लिया गया है। इसके लिए 65 करोड़ 60 लाख रूपए की लागत से परियोना तैया कर ली गई है। सूरजपुर जिले के कुदरगढ़ को प्रसाद योजना के तहत विकसित करने की योजना तैयार कर ली गई है। इसकी लागत 45 करोड़ 69 लाख रूपए है। कुदरगढ़ में रोपवे लगाने की योजना है। रोपवे विकास के लिए 0.79 हेक्टेयर वन भूमि का प्रत्यावर्तन हो चुका है। रोपवे का निर्माण निजी भागीदारी से की जाएगी।
इसकी अनुमानित लागत लगभग 10 करोड़ 88 लाख रूपए आएगा। अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ में जल पर्यटन को बढ़ाव देने के लिए मुरूसिल्ली (बाबू छोटेलाल श्रीवास्तव) बांध धमतरी, संजय गांधी जलाशय खूंटाघाट, रतनपुर, सरोदा बांध कबीरधाम, कोडार जलाशय, रायपुर, मलेनिया जलाशय,गौरेला और घोंघा जलाशय, बिलासपुर को चयनित किया गया है।
Shantanu Roy

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