छत्तीसगढ़
रायपुर में अवैध अनाथ आश्रम का संचालक गिरफ्तार, बच्चों के नाम पर मांगते थे चंदा
jantaserishta.com
13 July 2021 5:52 PM GMT
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रायपुर की खबर
राजधानी के नवा रायपुर इलाके में अवैध अनाथ आश्रम से 20 बच्चों को मुक्त कराए जाने के मामले में पुलिस ने आश्रम संचालक को गिरफ्तार कर लिया है। यहां तीन दिन पहले ही महिला बाल विकास की टीम ने छापा मारकर इनमें 10 लड़के और 10 लड़कियां को छुड़ाया था। इसके बाद इस अवैध आश्रम पर कार्रवाई के लिए पुलिस को चिट्ठी लिखी थी। जिसके बाद राखी थाना पुलिस ने सोमवार शाम को संचालक नरेश महानंद को गिरफ्तार कर लिया गया है। जांच में यह भी पता चला है कि आरोपी ने एक बच्चे को रखने एक बच्चे को रखने का 3-3 हजार परिजनों से लिए थे। वहीं पुलिस को शक है कि आरोपी मानव तस्करी करता था।
पुलिस ने बताया है कि दुर्ग जिल के रिसाली का रहने वाला नरेश महानंद लाइफ शो फाउंडेशन एनजीओ का संचालक है। उसने नवा रायपुर के सेक्टर 29 में मकान किराया पर लिया था और वहां पर अवैध रूप से बालगृह खोल लिया। जहां पर बालाघाट, मंडला और दुर्ग-भिलाई के बच्चों को रखा हुआ था। पुलिस ने भी बताया कि संचालक बच्चों को वहां पढ़ाया करता था। इसके अलावा उन्होंने आरोपी ने बच्चों के परिजनों से पैसा भी लिया था।
इधर, आरोपी ने फेसबुक में कुछ दिन पहले ही बच्चों की तस्वीर शेयर की है। नियम के मुताबिक ये दंडनीय अपराध है। जिसके बाद अब बाल संरक्षण आयोग भी कार्रवाई की तैयारी कर रहा है। आरोपी ने बच्चों के खाना खाते हुए समेत कुछ और तस्वीर भी सोशल मीडिया में पोस्ट की है।
कई बच्चों के माता-पिती की कोरोना से हुई मौत
इस अवैध अनाथ आश्रम का खुलासा 3 दिन पहले चंदा मांगने की एक पर्ची से हुआ था। मामले में पता चला था कि आश्रम से जुड़े लोग आस-पास के लोगों से बच्चों के नाम पर चंदा मांगते थे। ऐसी ही एक पर्ची नवा रायपुर में ही रहने वाले महिला बाल विकास विभाग के एक अफसर के पास पहुंची थी, जिसके बाद पूरे मामले का पता चल पाया था। बताया जा रहा है कि कई बच्चों के माता-पिता की कोरोना से मौत हो चुकी है। हालांकि, समाज कल्याण विभाग ने इसकी पुष्टि अब तक नहीं की है। वहीं बच्चों के परिजनों का भी पता लगाया जा रहा है।
कार्रवाई के 20 दिन पहले ही शुरू हुआ
जानकारी के मुताबिक जिस संस्था से इन बच्चों को मुक्त कराया गया था। से महज 20 दिन पहले ही शुरू किया गया था। ऐसे में बाल तस्करी की भी आशंका जताई जा रही है। महिला एवं बाल विकास विभाग के अफसरों को सूचना मिली थी कि भिलाई के रिसाली में लाइफ शो फाउंडेशन नाम का NGO राखी क्षेत्र के सेक्टर-29 में अवैध रूप से बाल गृह का संचालन कर रहा है। टीम ने छापा मारा, तो एक मकान में ये बच्चे मिले थे। इस मकान के छत पर अनाथ आश्रम का बैनर भी लगा हुआ था।
नियमों की अनदेखी कर एक ही कमरे में बच्चों को रखा था
छापे के दौरान अधिकारियों ने आश्रम के भीतर गंभीर लापरवाही भी पाई थी। उस दौरान आश्रम के अंदर आश्रम नियमों की जमकर अनदेखी की गई थी। अधिकारियों ने जब मारा तब पाया था कि सभी बच्चों को एक साथ एक ही कमरे में रखा गया था। जबकि नियम के मुताबिक लड़के और लड़कियों को अलग-अलग रखना होता है। बच्चों को जमीन पर गद्दा डालकर सुलाया जा रहा था। इस अवैध अनाथ आश्रम में कर्मचारी भी नहीं थे, केवल एक रसोइए की तैनाती की गई थी।
अनुमति नहीं ली गई थी
इन सब के अलावा जिन बच्चों को संस्था में रखा गया था, उनके संबंध में चाइल्ड लाइन (1098), पुलिस, सखी सेंटर (181), बाल संरक्षण इकाई या बाल कल्याण समिति (CWC) को कोई सूचना तक नहीं दी गई थी। जांच में यह भी पता चला कि संस्था महज 20 दिन से ही संचालित हो रही है। भिलाई की इस संस्था ने रजिस्ट्रेशन तो कराया है, लेकिन अनाथ आश्रम के लिए महिला एवं बाल विकास से अनुमति लेनी होती है, जो नहीं ली गई थी। मामले में यह भी बात सामने आई थी कि गैर कानूनी तरीके से अनाथ आश्रम चलाने वाली ये संस्था अपने एजेंटों के जरिए जरूरतमंद बच्चों के रहने और पढ़ने का इंतजाम करने का प्रचार करती थी। फिलहाल पूरे मामले को लेकर अभी जांच जारी है।
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