रायपुर। राजधानी में खुलेआम सट्टा खिलाया जा रहा है। आए दिन पुलिस की ताबड़तोड़ कार्रवाई के बाद भी सटोरिए खुलेआम अपना आतंक फैला रहे है। ऐसी ही एक सट्टा लिखते हुए वीडियो जनता से रिश्ता के संवाददाता ने अपने कैमरे में रिकॉर्ड की है। जिसमें 4 लोग धडल्ले से सट्टा पट्टी लिखते नज़र आ रहे थे। संवाददाता ने मौके पर जाकर सट्टेबाजों से बातचीत की। जिसमें उन्होंने बताया कि सभी सट्टेबाज माना के रहने वाले है। और सभी को वह किसी बड़े अनूप नाम के खाईवाल ने सट्टा लिखने के लिए बैठाकर रखा है। वीआईपी रोड से महज़ 2 किलोमीटर दूर जंगलों के बीच में ये सटोरिए सट्टा पट्टी में नाम लिख रहे थे। जबकि अवैध रूप से खेले जा रहे इस खेल से पुलिस खुद को अनजान बता रही है। अधिकारियों को इसकी जानकारी होने के बावजूद किसी भी प्रकार की मुहिम नहीं चलाई जा रही है। इस कारण शहर में खुलेआम यह कारोबार खूब फल-फूल रहा है। शहर में सट्टा कारोबार का संचालन जोरो पर है। विश्वसनीय सूत्रों ने बताया कि छुटभैय्या नेताओं और आसपास के रसूखदारों की मदद से जुएं एवं सट्टे का कारोबार चल रहा है। रायपुर में लंबे समय से इस कारोबार का संचालन हो रहा है लेकिन यहां तक वर्दी धारियों की पहुंच नहीं हो पा रही है और यही कारण है कि स्थानीय लोगों की मदद से सट्टा का कारोबार तेजी से फल-फूल रहा है।
सट्टे का कारोबार फैला
शहर में सट्टे का काला कारोबार आय दिन बढ़ते जा रहा है। और लोग सट्टे में लाखों रुपयों को पानी की तरह बहा रहे है। रायपुर में कोरोना संकटकाल में व्यापारी वर्ग से लेकर आम लोग बेहद परेशान हैं। मगर, इन सब के बीच गांजा, शराब, सट्टा और जुआ का कारोबार जोर-शोर से चल रहा है। असामाजिक तत्वों ने अपने धंधों को चलाने के लिए जगह-जगह पर अड्डे बना लिए हैं। बस्तियों के सुलभ शौचालयो के बाहर दिन और रात सट्टा, जुआ, गांजा, अवैध शराब और नशीली दवाई बेची जा रही हैं। उनका संचालन बेखौफ किया जा रहा है।
यहां चल रहा खुलेआम सट्टा कारोबार
माना, राखी, पुरानी बस्ती, गंज, गोलबाजार, कोतवाली, खमतराई, गुढिय़ारी, तेलीबांधा, न्यू राजेंद्रनगर इलाके का जायजा लेकर लोगों से बातचीत की। पता चला कि कप्तान का फरमान अब बेअसर साबित होने लगा है। खुलेआम सटोरिए सट्टा-पट्टी काट रहे हैं। शराब-गांजा बेचने वाले भी बेधड़क धंधा कर रहे हैं। गंज थाना क्षेत्र के चूनाभट्टी इलाके में सुबह से बाल्टियों में रखकर खुलेआम शराब बेचते कोचियों पर कार्रवाई नहीं हो पाती पुलिस को देखकर सभी भाग जाते है। शराब की दुकानों के बंद होने के बाद शराब का रेट तीन गुना तक हो जाता है। यही हाल अन्य मोहल्लों का भी है।