छत्तीसगढ़

2.16 करोड़ की ऑनलाइन ठगी, दिल्ली से पकड़ाए 4 ठग

Nilmani Pal
23 March 2022 5:20 AM GMT
2.16 करोड़ की ऑनलाइन ठगी, दिल्ली से पकड़ाए 4 ठग
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फर्जी काल सेंटर से चल रहा था ठगी का खेल इंश्योरेंस पॉलिसी के नाम पर लोंगों को लगाया चूना

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर/भिलाई। सायबर सेल की टीम ने साउथ दिल्ली से ऑनलाइन फ्रॉड करने वाले फर्जी कॉल सेंटर संचालक साजिद अली, उसके भाई सलीम जफर, राजू यादव और रंजन यादव को गिरफ्तार किया है। गिरोह ने इंश्योरेंस पॉलिसी का पैसा दिलाने का झांसा देकर 3 साल में 4 राज्यों में 2.16 करोड़ रुपए की ठगी की है। गिरोह ने मोहन नगर के सूर्या नगर सिकोला भाठा निवासी प्रभाकर राव दानीकर से 16.15 लाख रुपए की ठगी की थी।

ठगी का शिकार होने के बाद बीएसएनएल से रिटायर्ड टेक्नीशियन प्रभाकर की शिकायत पर 16 जून 2019 को शिकायत की। गिरोह ने टेक्नीशियन से इंश्योरेंस पॉलिसी के 4 लाख रुपए दिलाने का झांसा देकर टैक्स, जीएसटी, प्रोसेसिंग चार्ज के नाम पर वर्ष 2018 से 2019 के बीच 16.15 लाख रुपए ठग लिए थे। मास्टरमाइंड साजिद ने बताया था कि उसका घाघरा चोली का बिजनेस है। आरोपियों से 4 अकाउंट से 156 लाख रिकवर हुए।

4 लाख रु दिलाने का झांसा देकर ठगे 16 लाख

एसएसपी बीएन मीणा के मुताबिक चारों आरोपियों को साउथ दिल्ली के महारानी बाग से गिरफ्तार किया गया है। गिरोह ने प्रार्थी से सीजीआईएस (सेंट्रल गवर्नमेंट इमप्लाय ग्रुप इंश्योरेंस स्कीम) का कर्मचारी और अधिकारी बनकर संपर्क किया था। आरोपियों ने खुद को डायरेक्टर, मैनेजर, कर्मचारी बनकर पीडि़त से संपर्क किया। पूछताछ के बाद पता चला कि गिरोह ने गुजरात में 1.50 करोड़, चेन्नई में 25 लाख, पंजाब में 36 हजार और एमपी में 25 लाख ठगे। इस तरह गिरोह काम करता रहा।

गिरोह को एजेंट उपलब्ध कराता था मोबाइल डिटेल

पुलिस के मुताबिक गिरोह में शामिल रंजन पहले भी ऑनलाइन फ्रॉड के मामले में जेल जा चुका है। उसी ने गिरोह को ठगी करने के लिए कस्टमर्स का मोबाइल नंबर समेत अन्य डिटेल उपलब्ध कराता था। गिरोह में शामिल राजू चाय वाले के अकाउंट में भी ठगी का पैसा ट्रांसफर करते थे। गिरोह ने पर्ल फैशन के नाम से भी एक अकाउंट खोल रखा था, जिसमें ठगी का पूरा पैसा ट्रांसफर करते थे। प्रार्थी प्रभाकर का पैसा राजू, फुरकान और तेज प्रताप के अकाउंट में भेजा।

एनजीओ का पैसा 20 से 25त्न देखकर खाते में करते थे ट्रांसफर

आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि ठगी का पैसा अलग-अलग बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करने के लिए खाताधारियों को 20 से 25 त्न कमीशन देते थे। खाते में पैसा ट्रांसफर करने के लिए खाताधारकों को एनजीओ का पैसा डिपॉजिट होने का झांसा देकर जमा करवा लेते थे। पुलिस के मुताबिक पुलिस टीम ने आरोपियों को पकडऩे के पहले मोबाइल की डिटेल व सोशल मीडिया से आरोपियों की तस्वीर जुटाई। इसके बाद तीन दिनों तक आरोपी चाय वाले राजू की दुकान पर बैठकर बाकियों की रैकी की। इसके बाद चारो आरोपियों की पहचान होने के बाद एक ही समय पर पकड़ लिया। चारों को स्थानीय कोर्ट में पेश करके ट्रांजिट रिमांड पर दुर्ग लाया गया। कोर्ट ने उन्हें जेल भेज दिया।

कैशबैक का लालच: एसईसीएल कर्मी के साथ 1 लाख 69 हजार की धोखाधड़ी

बिलासपुरके वसंत विहार निवासी एसईसीएल कर्मी को कैशबैक का झांसा देकर एक लाख 69 हजार स्र्पये की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। जालसाजों ने ओटीपी पूछकर खाते से रूपए निकाले। धोखाधड़ी की आशंका पर एसईसीएल कर्मी ने अपना कार्ड ब्लाक करवाया। पीडि़त की शिकायत पर सरकंडा पुलिस जुर्म दर्ज कर मामले की जांच कर रही है। सरकंडा के वसंत विहार कालोनी में रहने वाले के प्रवीण कुमार एसईसीएल कर्मी हैं। उनके मोबाइल पर 11 जनवरी की शाम अनजान नंबर से काल आया। फोन करने वाले ने खुद को सिटी बैंक का अधिकारी बताया। उसने उनके क्रेडिट कार्ड में 10 हजार स्र्पये का कैशबैक देने का झांसा दिया। कैशबैक की रकम को खाते में जमा करने के लिए उसने मोबाइल पर आए ओटीपी को मांगा। जालसाज के कहने पर उन्होंने ओटीपी बता दिया। इस तरह उसने एसईसीएल कर्मी से पांच बार ओटीपी मांगा। धोखाधड़ी की आशंका पर उन्होंने काल काटकर बैंक में फोन लगाया। बैंक के कस्टमर केयर में फोन लगाकर उन्होंने अपने कार्ड को ब्लाक करने के लिए कहा। इस बीच उनके एकाउंट से पांच बार में एक लाख 69 हजार स्र्पये निकाल लिए गए थे। पीडि़त ने इसकी सरकंडा थाने में की है। इस पर पुलिस जुर्म दर्ज कर मामले की जांच कर रही है।

महिला से 50 हजार की ठगी, फर्जी एसबीआई कर्मचारी ने लगाया चूना

राजनांदगांव के ममता नगर इलाके में रहने वाली महिला 50 हजार रुपए की ठगी का शिकार हो गई। महिला से ऑनलाइन ठगी कर ली गई है। पीडि़ता ने कोतवाली पुलिस से शिकायत करते हुए बताया कि उन्होंने एसबीआई का क्रेडिट कार्ड लिया है। जिससे 3500 रुपए अचानक कट गए। इसकी जानकारी लेने उन्होंने गूगल से कस्टमर केयर का नंबर सर्च किया और फिर उस पर कॉल कर अपनी समस्या बताई। कुछ देर बाद उनके फोन पर दूसरे नंबर से फोन आया। जिसने खुद को एसबीआई का कर्मचारी बताया और रकम रिफंड के लिए एक एप डाउनलोड करने की जानकारी दी। पीडि़ता ने कॉलर के झांसे में आकर एप डाउनलोड किया, इसके बाद कॉलर ने उनके क्रेडिट कार्ड कर नंबर पूछा। पीडि़ता ने नंबर भी बता दिया। इसके कुछ ही देर में महिला के खाते से 50 हजार रुपए का ऑनलाइन आहरण हो गया।

लिंक क्लिक करते ही डॉक्टर के खाते से 1 लाख पार

इधर राजधानी के दो डॉक्टरों से ऑनलाइन ठगी हो गई। एक डॉक्टर ने मोबाइल पर आए लिंक को जैसे ही क्लिक किया उनके खाते से दो किश्त में 1 लाख निकल गए। उनके मोबाइल पर ट्रांजेक्शन का मैसेज आया। उसके बाद उन्हें भारत सरकार के साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 में कई बार फोन किया, लेकिन उनकी शिकायत दर्ज ही नहीं की गई। उन्होंने साइबर क्राइम पोर्टल में जाकर शिकायत की। इस पर उन्हें 24 घंटे बाद जवाब आया। उन्होंने दूसरे दिन रायपुर साइबर सेल में शिकायत की। इसके बाद भी उन्हें पैसा वापस नहीं मिल पाया। शहर के एक दर्जन से ज्यादा लोगों ने ठगी के शिकार होने पर हेल्पलाइन नंबर पर कॉल किया है लेकिन उनका फोन कनेक्ट भी नहीं हुआ।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि साइबर हेल्पलाइन नंबर 155260 में पहले शिकायत ली जाती थी। फोन करने पर शिकायत तुरंत ही दर्ज कर ली जाती थी। उसके बाद ट्रांजेक्शन रोकने की प्रक्रिया की जाती थी। कुछ दिन पहले हेल्पलाइन नंबर बदल दिया गया है। एमपी-सीजी के लिए हेल्पलाइन नंबर 1930 जारी किया गया है। इसमें लोग फोन कर रहे हैं, लेकिन कनेक्ट ही नहीं हो रहा है। हर बार कॉल करने पर सर्वर डाउन बताया जा रहा है। साइबर क्राइम पोर्टल में ऑनलाइन शिकायत ली जा रही है।

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