ऑनलाइन सट्टा: पुलिस के रडार पर 500 बैंक खाते, फर्जी कंपनियां
महादेव एप से जुड़े अब तक 62 सटारिए पुलिस के तत्ये चढ़े
रायपुर (जसेरि)। राजधानी पुलिस ने महादेव बुक से आनलाइन सट्टा खिलाने वाले 28 सटोरियों को पकड़ा है। पुलिस के हत्थे अब तक महादेव बुक से जुड़े 62 सटोरिए चढ़ चुके हैं। ये आरोपित आइडी लेकर सट्टा संचालित करते थे। सटोरियों के पास से पुलिस को कई कार्पोरेट बैंक खाते मिले हैं, जिनसे सट्टे के पैसे का लेन-देन किया जाता था। पुलिस का कहना है कि आरोपितों ने कई लोगों को कमीशन का लालच देकर उनके महत्वपूर्ण दस्तावेज जमा करा लिए थे। इन्हीं दस्तावेजों के सहारे बैंक खाते खुलवाकर कई निजी कंपनियां बना लीं। पुलिस को 500 बैंक खाते की जानकारी मिली है, जिसकी जांच की जा रही है। इसमें लेन-देन के करोड़ों रुपये फ्रीज कराने की तैयारी भी की जा रही है।
पुलिस का कहना है कि सटोरियों के मोबाइल को लैब में भेजा जाएगा। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि एंटी क्राइम एवं साइबर यूनिट की 10 टीमें सटोरियों को पकडऩे में लगी हैं। मध्य प्रदेश, ओडिशा और राज्य के दूसरे जिले से अन्य आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। बेट भाई-9, टाइगर एक्सचेंज, अंबानी बुक के नाम से महादेव एप की आइडी संचालित होती है। इसका पूरा नेटवर्क देशभर में फैला हुआ है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश, बिहार और दुर्ग-भिलाई के सबसे ज्यादा बैंक खाते हैं। सटोरिए पहले दूसरों के दस्तावेज से बैंक खाता खुलवाते हैं। इसके लिए वह उन्हें नए सिम कार्ड उपलब्ध कराते हैं। वही नंबर बैंक में दिया जाता है। खाताधारक के पास न तो एटीएम कार्ड रहता है और न ही खाते में दिया गया नंबर। इसके लिए खाता धारकों को कमीशन भी दिया जाता है।
निजी बैंक पुलिस के रडार में : पुलिस को जांच में कई अहम जानकारी हाथ लगी है। सबसे ज्यादा बैंक खाते निजी बैंक के हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि लाखों रुपये के लेन-देन के बाद भी सटोरिए आसानी से पैसे निकाल लेते हैं। पुलिस अब निजी बैंक के अधिकारियों से भी पूछताछ करेगी। निजी बैंकों पर भी नकेल कसने की तैयारी की जा रही है।
निरंतर अभियान चलाकर कार्रवाई की जा रही है। अब तक महादेव एप से जुड़े 62 सटोरियों को गिरफ्तार किया गया है। उनके पास से कई जानकारियां मिली हैं।
- अभिषेक माहेश्वरी,
एडिशनल एसपी, रायपुर
क्रिकेट सटोरियों से हथियार माफिया का लिंक, दो अरेस्ट
उधर मध्यप्रदेश में इंदौर क्राइम ब्रांच ने हथियारों की खरीद-फरोख्त में लिप्त पिता-पुत्र से 50 कट्टे-पिस्टल और 455 कारतूस बरामद किए हैं। आरोपितों ने रतलाम के बुकी पप्पू और अतुल का नाम कुबूला है जो कमीशन पर हथियार बिकवा रहे हैं। पुलिस खरीदारों की तलाश कर रही है। मुंबई के माफिया स्टेनगन भी खरीद चुके हैं। कारतूस ट्रैक्टर-ट्राली और ट्रक के वाल्व ढेबरी से बनाए हैं। थाना प्रभारी (क्राइम) धनेंद्रसिंह भदौरिया के मुताबिक, गिरफ्तार आरोपितों के नाम बिल्लौरसिंह भाटिया और उसका पुत्र गुरुदास सिंह निवासी अंजड़ जिला बड़वानी हैं। दो दिन पूर्व पुलिस ने आरोपित गुरुदास को 17 पिस्टल और आठ देशी कट्टे व 455 कारतूस के साथ पकड़ा था। पूछताछ में गुरुदास ने पिता बिल्लौर सिंह का नाम कुबूला। शुक्रवार दोपहर टीम ने बिल्लौर सिंह को भी 25 कट्टे और पिस्टल के साथ गिरफ्तार कर लिया। टीआइ के मुताबिक, गुरुदास ने बताया कि उसने रतलाम के कुख्यात सटोरिये पप्पू और अतुल बाफना उर्फ हाथी को भी हथियार सप्लाई किए हैं। दोनों आरोपितों के तार रतलाम, मंदसौर और नीमच के तस्करों से जुड़े हैं। आरोपित कमीशन पर हथियारों की सप्लाई करते थे। पप्पू की गैंगस्टर सुधाकर राव मराठा से दुश्मनी है। उसने खुद की सुरक्षा के लिए भी अवैध पिस्टल खरीदी है। पुलिस दोनों की तलाश में जुटी है।
मुंबई के माफिया को 90 हजार में बेची स्टेनगन : टीआइ के मुताबिक, आरोपितों ने गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, दिल्ली और हरियाणा में भी हथियार सप्लाई करना स्वीकारा है। गुरुदास देशी स्टेनगन भी बनाने लगा था। दो महीने पूर्व उसने दलाल के माध्यम से मुंबई के माफिया को स्टेनगन भी बेची है। पुलिस काल डिटेल, बैंक अकाउंट्स की जांच कर रही है। आरोपितों ने यह भी बताया कि गिरोह में मैकेनिक और कारीगर भी शामिल हो गए जो कार में विशेष चैंबर बना कर पिस्टल-कट्टे भर देते हैं। कारीगर सीट, डिक्की, डेशबोर्ड और दरवाजों में कट्टे-पिस्टल जमा देते हैं। पुलिस पूरे गिरोह की जानकारी जुटा रही है।