रायपुर में एक ऐसा भी स्कूल, कभी भी हादसे के शिकार हो सकते है बच्चे
रायपुर। छत्तीसगढ़ के बदहाल स्कूलों अंदाजा राजधानी रायपुर के स्कूलों को देखकर लगाया जा रहा है। राजधानी में ही बच्चे जर्जर भवन में जान हथेली पर लेकर पढ़ाई करने को मजबूर है। आलम यह है कि यहां न तो बिजली है और न ही शौचालय का इंतजाम।
दरअसल, राजधानी रायपुर के गुढ़ियारी के सरकारी प्राथमिक शाला की छत की प्लास्टर जगह-जगह से उखड़ी हुई है। छत पर लंबी-लंबी दरारें आ गई है। नौनिहाल यहां डर के साये में पढ़ाई करते हैं। इस स्कूल में न तो पंखे हैं और ना ही लाइट की सुविधा है। यहां तक की बच्चों के लिए स्कूल में शौचालय तक नहीं है। स्कूल में व्यवस्था का दर्द बयां करते बच्चे और शिक्षक नहीं थकते हैं।
नगर निगम हर साल सरकारी स्कूलों की दशा सुधारने 12 करोड़ खर्च करता है लेकिन ये रुपए कहां खर्च होते हैं। इसका जवाब किसी के पास नहीं है। इस मुद्दे पर अधिकारियों का तर्ज जुदा है। करीब 50 साल पुराना ये स्कूल अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है।