रायगढ़ कलेक्टर सिन्हा के निर्देश पर तेजी से हो रहा राजस्व मामलों का निराकरण
रायगढ़। कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा के निर्देशन में रायगढ़ जिले में पिछले दो माह में 375 नजूल प्रकरण निराकृत किए गए हैं। जिससे शासन को 8.31 करोड़ रुपए की राजस्व आय मिली है। कलेक्टर श्री सिन्हा ने जिले में अपनी पदस्थापना के साथ ही राजस्व मामलों के त्वरित निराकरण को प्राथमिकता में रखा है। इसके लिए उन्होंने सभी अधिकारियों की बैठकें ली और लंबित सभी मामलों की एक-एक कर समीक्षा की। जिसका परिणाम रहा कि पिछले दो माह में ही इतने व्यापक स्तर पर मामले निराकृत हुए।
कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने नगरीय क्षेत्रों में शासकीय नजूल भूमि का आबंटन, व्यवस्थापन, स्थायी नजूल पट्टों का भूमि स्वामी हक में परिवर्तन, नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन, डायवर्सन, नक्शा, खसरा, नकल प्रकरणों का निराकरण सहित राजस्व से जुड़े सभी मामलों को निर्धारित समयावधि के भीतर पूर्ण करने के निर्देश दिए थे। कलेक्टर श्री सिन्हा के निर्देश पर रायगढ़ शहर के विभिन्न वार्डो में स्थित नजूल भूमि के संबंध में जारी पट्टों को भूमि स्वामी हक में परिवर्तन की कार्यवाही तेजी से हो रही है।
दो माह में 375 प्रकरण निपटे, 8.31 करोड़ की हुई आय
फरवरी एवं मार्च इन दो माहों में कलेक्टर श्री सिन्हा के निर्देश पर शासन के राजस्व संबंधी योजनाओं को लेकर अभियान चलाया गया। इस दौरान अलग अलग योजनाओं के कुल 375 प्रकरणों का निराकरण किया गया। नजूल अधिकारी रायगढ़ से प्राप्त जानकारी के अनुसार भूमि स्वामी हक के 218 प्रकरणों का अनुमोदन किया गया। व्यवस्थापन में 2 प्रकरणों में अनुमोदन किया गया। नवीनीकरण के 155 प्रकरण अनुमोदित किए गए। इस दौरान 01 फरवरी से 31 मार्च 2023 तक 8 करोड़ 31 लाख 6 हजार रुपये की आय शासन को हुयी।
भूमि स्वामी हक लेने के कई फायदे
योजना के तहत आवेदन कर स्थायी नजूल पट्टेदार भूमि स्वामी हक प्राप्त कर सकते है। यह योजना इसके प्रावधानों के चलते ऐसे पट्टेदारों के लिए काफी महत्वपूर्ण हो जाती है, क्योंकि योजना के तहत उन्हें सीधे जमीन का मालिकाना हक मिलता है। भूमि स्वामी हक मिलने से एक ओर जहां पट्टेदार जमीन का मालिक हो जाता है तथा किसी भी प्रकार के शासकीय अधिग्रहण तथा भू-अर्जन पर मुआवजा प्राप्त करने के लिए पात्र होता है। यह लाभ पट्टेदार रहने पर नहीं मिलता। राजस्व नियमों के तहत पट्टा भूमि का प्रयोजन बदलने या शर्त का उल्लंघन करने पर पट्टा निरस्त हो सकता है। जैसे आवासीय पट्टे का अन्य प्रयोजन के लिए उपयोग करने पर वह पट्टा निरस्त कर भूमि को शासकीय घोषित किया जा सकता है। वहीं इस योजना के तहत भूमि स्वामी हक लेने से प्रयोजन परिवर्तित होने पर उस भूमि का नियमितीकरण (वैध) करवाया जा सकता है। इसके साथ ही पट्टा भूमि पर बैंकों द्वारा सिर्फ लीज/पट्टा अवधि तक का ही लोन स्वीकृत किया जाता हैए जबकि भू-स्वामी हक मिलने के पश्चात हितग्राही उस भूमि के विरूद्ध इस तरह किसी भी अवधि विशेष के बंधन से मुक्त होकर लोन ले सकता है। इसके साथ ही राजस्व विभाग द्वारा शासकीय भूमि के व्यवस्थापन तथा राजीव गांधी आश्रय योजना के पट्टेदारों को भूमि स्वामी हक प्रदाय करने की योजना भी चलायी जा रही है। नजूल अधिकारी ने लोगों से शासन की इन योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ लेने की अपील की है।
ऐसे ले सकते हैं इन योजनाओं का लाभ
शासकीय भूमि का व्यवस्थापन- नगरीय क्षेत्र के अंतर्गत 20 अगस्त 2017 के पूर्व के अतिक्रमित/कब्जारत शासकीय/नजूल भूमि के कब्जेदार/आवेदक अपने अतिक्रमित भूमि के व्यवस्थापन प्रचलित गाईड लाईन/बाजार भाव का 150 प्रतिशत प्रब्याजी एवं प्रब्याजी का 2 प्रतिशत की दर से अतिरिक्त राशि जमा कर भूमि स्वामी हक प्राप्त कर सकते है।
गैर रियायती स्थायी पट्टेदारों को भूमि स्वामी हक प्रदाय करना- नगरीय क्षेत्र के गैर रियायती स्थायी पट्टों के पट्टेदार अपने पट्टों की प्राप्त भूमि के वर्तमान गाईड लाईन दर के आधार पर भूमि के बाजार मूल्य के 2 प्रतिशत की बराबर की राशि जमा कर भूमि स्वामी हक प्राप्त कर सकते है। ऐसे पट्टे जिनकी पट्टा अवधि समाप्त हो गयी है। ऐसे पट्टेदार नवीनीकरण सह भूमि स्वामी हक प्राप्त करने हेतु आवेदन कर सकते है। राजीव गांधी आश्रय योजना के पट्टेदारों को भूमि स्वामी हक प्रदाय करना-नगरीय क्षेत्र के राजीव गांधी आश्रय योजना/मुख्यमंत्री आबादी पट्टा के पट्टेदार अपने पट्टों की प्राप्त भूमि के वर्तमान गाईड लाईन दर के आधार पर भूमि के बाजार मूल्य के 22 प्रतिशत के बराबर की राशि जमा कर भूमि स्वामी हक प्राप्त कर सकते है।