छत्तीसगढ़

अधिकारी बताए रास्ता-नेता खाए मलाई, हर केस को निपटाओ इसी में हैं भलाई ?

Nilmani Pal
26 Aug 2022 5:46 AM GMT
अधिकारी बताए रास्ता-नेता खाए मलाई, हर केस को निपटाओ इसी में हैं भलाई ?
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ज़ाकिर घुरसेना/ कैलाश यादव

प्रदेश में नेताओं और अधिकारियों की जुगलबंदी सिर चढ़कर बोल रही है। हर विभाग के अधिकारियों को एक सूत्रीय कार्ययोजना नेताओं ने दे रखी है। कमाई का नया जरिया बताओ, पहले आओ, पहले पाओ की स्कीम के तहत सरकारी विभाग में अधिकारियों का कामकाज चल रहा है। निगम, मंडल से लेकर संगठन स्तर पर बैठे पदाधिकारी गौठान, नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी, स्वास्थ्य, स्कूल, कालेज, सड़क, पानी की टंकी निर्माण, सफाई का ठेका, टेंडर, सामग्री खरीदी में कमाई के लिए नए-नए उपक्रम कर रहे है। अधिकारियों ने भी नेताओं को खुश करने के लिए रोज नए-नए स्कीम लेकर पहुंच रहे है। जिसके चलते सरकारी विभागों में अधिकारियों के मार्गदर्शन में कामकाज बिना शोर शराबे के संचालित हो रहा है। नेताओं की मलाई में ही अधिकारी अपनी भलाई मान लिया है। निगम-मंडल अध्यक्षों और मंत्रियों के ओएसडी से लेकर निज सचिव भी तक साहब के करीबी नेताओं को लाभ हर स्तर पर पहुंचाकर अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रहे है। जनता में खुसुर-फुसुर है कि जब सरकार अच्छा काम करती है तो भी विपक्ष गर्राते है और जब जनता के लिए योजना क्रियान्वयन करती है तो अपने ही लोग दुश्मन बन बैठते है।

पुलिस की ताबड़तोड़ कार्रवाई से हड़कंप

पुडिय़ाबाजों और अड्डे बाजों के खिलाफ पुलिस ने गश्त के दौरान आधीरात को गली-मोहल्ले के अंदरूनी गलियों में अड्डाबाजी करने वाले मनचलों को उठाकर बुक करने की कार्रवाई से अड्डेबाजों में हड़कंप मचा हुआ है। सट्टा, जुआ, शराब, जुआ और अड्डेबाजी को संचालित करने वाले भी कम नहीं है। पुलिस की सख्ती तक चुप रहो जैसे ही मामला ढीला हो फिर सक्रिय हो जाओ। पुलिस को चमका देकर मोहल्ला और चौक-चौराहा बदल कर नए ठीहे से अड्डे बाजी को संचालित करने में जुट गए है। जनता में खुसुर-फुसुर है कि ये तो सास-बहू वाला सीरियल है, जो एपिसोड पर एपिसोड आगे बढ़ता ही रहेगा। हरि अनंत हरि कथा अनंता।

बेले डांस की बेल फैली राजधानी में

विदेशी बेले नर्तकियां की बेल पूरी राजधानी में फैल चुकी है। होटलों में इवेंट के नाम पर विदेशी बालाओं के ठुमके से रातें रंगीन हो रही है। राजधानी के स्टार होटलों में सेलिब्रेशन पार्टी में रइसजादों की फरमाइश पर विदेशी बालाओं को बेले डांस के लिए बुलाया जा रहा है। विदेशी बालाएं सर्विंस वीजा पर होटलों में आकर अपने मनमोहक अंदाज से डांसिंग से अपने कद्रदानों का मन बहलाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। आजकल हर होटलों में एक फैशन सा चल पड़ा है कि सालगिरह, बर्थ-डे, किसी विशेष उपलब्धि, नीट,यूपीएससी, पीएससी की परीक्षा में कामयाबी हासिल करने के नाम पर होटलों में पार्टी देने की परिपाटी चलन में आ चुकी है। जिसमें शौकीनों को पैसा वसूल वाला परफारमेंस देकर वाहवाही लुटते है। जनता में खुसुर-फुसुर है कि कोरोना के बाद सरकार ने शादी-ब्याह, तीज-त्योहार पर नाचने पर से प्रतिबंध हटा दिया है तो फिर होटलों में जाकर नाचने की क्या जरूरत है।

आप का नहले पे दहला

शिक्षा स्वास्थ्य के क्षेत्र में डंका बजाने वाले दिल्ली के मुक्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जाति का सहारा लेना पड़ ही गया। बात-बात पर भाजपा जातिवाद के नाव पर सवार हो जाती है, सबका साथ सबका विकास के नारे पर चलने वाली भाजपा को बा समझ में आ गया है कि बिना जातिवाद के कुर्सी मिलना मुश्किल है, उसी के नक्शे कदम पर चलते हुए पिछले दिनों उपमुख्यमंत्री के घर पड़े सीबीआई के छापे को लेकर अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मनीष सिसोदिया राजपूत है और छापा राजपूतों का अपमान है। केजरीवाल ने सिसोदिया को महाराणा प्रताप का वंशज बताया। इससे कुछ राजपूत उनके बयान पर गौर करेंगे जिससे उनको सहानुभूूति मिल जाए। जनता में खुसुर-फुसुर है कि इसे कहते है नहले पे दहला।

मुख्यमंत्री ने सम्मान समारोह में रखा दुखती रग पर हाथ

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल वरिष्ठ पत्रकारों के सम्मान में प्रेस क्लब पहुंचे, जहां वरिष्ठों के साथ नवजात पत्रकारों का भी सम्मान किया। सीएम ने इस अवसर पर कटाक्ष करते हुए कहा कि पत्रकारों कुछ भी कर सकते है लेकिन अपने अध्यक्ष को नहीं हटा सकते। जनता में खुसुर-फुसुर है कि स्वयं-भू अध्यक्ष ने प्रेस क्लब को नागफांस की तरह जकड़ लिया है। जिसके जद में पुराने अध्यक्ष और पदाधिकारी भी आ गए है, जो करना तो बहुत कुछ चाहते है, पर कर नहीं पा रहे है। जनता जानना चाहती है कि क्या प्रेस क्लब के अध्यक्ष का कार्यकाल भी लोकसभा-विधानसभा की तरह पांच साल का हो गया है। क्या पेंशन के इंतजाम के लिए समय अवधि बढ़ा दी गई है।

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