छत्तीसगढ़

हे शिव...तेरे जैसा कोई नही...

Nilmani Pal
17 Feb 2023 9:40 AM GMT
हे शिव...तेरे जैसा कोई नही...
x

रायपुर। मोखला निवासी रोशन साहू जनता से रिश्ता के पाठक ने महाशिवरात्रि के अवसर पर कविता ई मेल किया है.

हे शिव ...तेरे जैसा कोई नही ...

हे महादेव तेरा दरबार सा और दरबार कहीं नही।

है बहुत परिवार पर तेरा परिवार सा कहीं नहीं।।

मोर-सांप,सिंह-बैल जहां नित अठखेली करते।

समरस रमने रमाने वाले तेरे जैसा कोई नही।।

माथ चंद्रमा जटा में गंगा, सब ताप पाप हरते।

जीवन विवेक जगाने वाले,तेरे जैसा कोई नही।।

प्रेयसी से प्रेम ऐसा कि ,आधा अंग दे डाला।

प्रीति की रीति निभाने में,तेरे जैसा कोई नही ।।

त्यागा तो ऐसे त्यागा कि, ज्यों टूटे गज माला।

प्रभु राम के आराध्य तुम,तेरे जैसा कोई नही।।

देव,मनुज दानव भी ध्याते,सब तेरी दया पाते।

हे जगत गुरु हे आदि गुरू,तेरे जैसा कोई नही ।।

जिस चरित को गाकर तुलसी अमरता पाता ।

मानस रचना रचनाकार हे, तेरे जैसा कोई नही।।

सर्जना के स्वर हो तुम,तुम्ही नाद प्रलयंकर हो ।

ॐ आदि अनादि अवधूत तेरे जैसा कोई नही।।

खूबियाँ होती हर जीव में कुछ होती है खामियाँ।

खामियों के साथ स्वीकारे,तेरे जैसा कोई नही।।

यश मान बड़ाई के लिए,ये जग फिरे जहॉं-तहाँ।

गरल अपने कंठ उतारे , तेरे जैसा कोई नही ।।जगत को भाय न भगत,भगत भाय न जगत।

जगत भगत मेल कराये तेरे जैसा कोई नही।।धतूरा बेलपत्र लोटा भर जल,हो जैसे चढ़ावा।

देवों में तुम सा देने वाला तेरे जैसा कोई नही।।

Next Story