छत्तीसगढ़

छोटे अधिकारी का नंबर, बड़े अधिकारी जानबूझकर बन रहे बेखबर

Admin2
23 Jun 2021 5:59 AM GMT
छोटे अधिकारी का नंबर, बड़े अधिकारी जानबूझकर बन रहे बेखबर
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कोरोना काल को अवसर मानकर सभी अपनी-अपनी कमाई में लगे है

बार, रेस्टोरेंट, पार्टी लौन, होटल खोलने हेतु अधिकारी नेताओं एवं उच्च घराने के युवाओं में भारी क्रेज़।

अधिकारी और नेताओं के 2 नंबर के पैसा लगा होने के कारण स्टार कैटेगिरी का ताम-झाम अत्याधुनिक डिज़ाइन एवं 21 वीं सदी के उस पार के सपनों के कारण वीआईपी रोड जलवा अफऱोज़ हो रहा।

जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन इसी कारण वीआईपी रोड स्थित बार, रेस्टोरेंट, पार्टी लौन, होटल पर बड़ी कार्रवाई करने से बचता है। इसको कहने हैं वीआईपी कारनामा।

आफताब फरिश्ता

रायपुर। राजधानी के वीआईपी रोड की होटलों में रोजाना नशे की पार्टियां चलते रहती है, रोजाना नशे की पार्टियां रात भर चलती रहती है, शहर भर में नशे का कारोबार जोरो से चल रहा है, वीआईपी रोड शाम 7 बजे के बाद से ही गले-गुलजार होना शुरू होता है और वीआईपी रोड की होटलों में शाम होते-होते शबाब चढ़ जाता है जो रात 12 बजे के बाद तक चलते रहता है। युवा अपने महंगे बाइक्स और कारों में खुलेआम गटरमश्ती करते अधिकतर देखे जा सकते है। रायपुर शहर और इसके आस-पास के बड़े घराने के युवा बड़े नेता और बड़े अधिकारी के नवाबजादे अपनी महिला मित्र के साथ भारतीय कानून की खुलेआम धज्जियां उड़ाते हुए अपनी शाम को रंगीन करते है। वीआईपी रोड की बड़ी होटलों में होने वाली बोगस पार्टियां (बर्थ डे पार्टी के नाम पर, फेयरवेल पार्टी के नाम पर, बेचलर पार्टी के नाम पर) शासन और प्रशासन की आँख में धुल झोंका जाता है। ऐसी ही पार्टी के कारण विभिन्न बड़े-बड़े होटलों को गुले-गुलजार करती है। जिस पर रोक नहीं लग पाता है। अधिकांश रेस्टोरेंट और होटल मनमाने ढंग से कभी भी किसी भी नाम से बोगस पार्टी आयोजन करते है और किसी भी प्रकार की प्रशाशनिक अनुमति या शराब का लाइसेंस नहीं लेते और छुटभैय्या नेताओं के दादागिरी की छत्र-छाया में अपने ड्रग्स कारोबार से युवाओं की जि़ंदगी बर्बाद कराने के धंधे को चार चांद लगा रहे है। ज्ञात रहे कि रायपुर शहर पूरे कोरोना काल के महामारी के दौर में भारत के सभी प्रमुख मैट्रो शहरों को इस तरीके के पार्टी आयोजन और ड्रग्स का युवाओं के प्रति आकर्षण के मामले में पीछे कर चुका है। ऐसा भी नहीं है कि वीआईपी रोड की सभी होटल लाइसेंस के अनुरूप कोरोना काल में लॉकडाउन के नियमों के अंतर्गत अपना व्यापार किया हो। बल्कि बड़े घर के युवा और बेरोजगार युवाओं को दो नंबर के ड्रग्स के कारोबार में लिप्त करने में लगे रहते है। रईसजादो का आतंक बढ़ता जा रहा है वीआईपी रोड मादक पदार्थों की खपत में युवाओं का बढ़ता क्रेज अपने परिवार के साथ किसी भी परिवार का टेमरी रोड तक जाना भी मुश्किल और शर्म से भरा दुश्वार हो गया है।

कॉलेज के पास तस्करों के गुर्गे

ड्रग्स तस्करों के निशाने पर अब कॉलेज छात्र बनते जा रहे है। तस्करों के गुर्गे छात्रों की ही पोशाक में कॉलेज के पास जमे रहकर छात्रों से दोस्ती सांठ-गांठ बनाकर उन्हें पहले धोखे से नशा कराते है। सिगरेट में मादक पदार्थ भर युवाओं को पिलाया जाता है। पहले सेवा फ्री दी जाती है फिर जब लड़का नशे का आदी हो जाता है तो उसे अडडे दिखाकर व उससे मोटी रकम लेकर मादक पदार्थ दिये जाते है। शहर के युवाओं के पढऩे की जगह पर भी ड्रग्स की तस्करी करने वाले लोग अपना कारोबार चलाने का काम शुरू कर दिया है।

समय सीमा के बाद भी बेची जाती शराब

कोरोना संक्रमण के कारण जिला प्रशासन द्वारा बार के खुलने और बंद करने का समय निर्धारण किया गया है। फिर भी शहर के ऐसे कई क्षेत्र हैं, जहां पर आधी रात के बाद शटर के नीचे से शराब पार्सल की सुविधा और अवैध बिक्री कर रहे है। ज्यादातर रिंग रोड नंबर 1 और वीआईपी रोड के पेट्रोल पंप के पास स्थित बार में शराब बेचे जा रहे है। दुकानदार शराब बेचने और खरीदने वाले दोनों एक दूसरे को अच्छी तरह से जानते हैं। इसके अलावा उन थाना क्षेत्र के पेट्रोलिंग टीम और थानेदार को भी ऐसी जगहों की जानकारी होती है। बैखोफ होकर शराब बेच रहे है, जैसे उन्हें कुछ पता ही नहीं। अधिकांश रात के अंधेरे में शराब का अवैध कारोबार करने वाले कई बार पुलिस के साथ भी दिखते है। यही वजह है कि शराब का अवैध कारोबार पूरे राजधानी में चरम पर होने के बाद भी कार्रवाई की खानापूर्ति की जाती है।

नशे की डिमांड पर होती डिलीवरी

नशे के सौदागरों द्वारा डिमांड के आधार पर इसे मुंबई से मंगाया जा रहा है। इस महंगे नशे के ग्राहक बड़ी-बड़ी गाडिय़ों में घूमने वाले रईस है, जिनमें युवक-युवतियों से लेकर महिलाएं भी शामिल हैं। रायपुर में नवयुवक नशे के इतने आदी हो गए है कि नशा नहीं मिलने पर पागलपन सवार हो जाता है, जिसके कारण अपराध बढ़ रहे है। राजधानी की संड़ांध मारती गली-मोहल्लों में पुडिय़ाबाजों ने अड्डा बना रखा है। जहां से वह घरों में सप्लाई करते है। विश्वसनीय सूत्रों का कहना है कि इसके पीछे छुटभैया नेताओं का हाथ है, जो उनसे अवैध वसूली कर उन्हें बचाने के लिए संरक्षण देकर गांजा के काले कारोबार को बढ़ावा दे रहे है। गली-मोहल्ले में नशे का कारोबार करने वाले हर महीने एक निर्धारित राशि अपने मोहल्ले के नेताओं को नजराना पेश करते है।

होटल, पब और क्लब में खुलेआम नशे की पार्टियां

शहर में कई जगह नशे की पार्टी का हल्ला मचा हुआ है। होटल, पब और क्लब में खुलेआम रातोरात नशे की पार्टियां चल रही है। समय सीमा के शर्त का उल्लंघन कर वीआईपी रोड के होटलों और क्लबों में देर रात पार्टी चल रही है। होटल में देर रात तक युवाओं का जमावड़ा लगा रहता है। हज़ारों की संख्या में युवा नशे की पार्टियों में जुटे रहते है। वीआईपी रोड में रात 4 बजे तक क्लब में पार्टी के आयोजन किया जाता है। युवाओं को नशा परोसा जाता है। बड़ी संख्या में युवक-युवतियां नशा करते है। शराब के नशे में आज युवा पीढ़ी के लिए फैशन ट्रेंड बन गया है। नशे के कारोबारी भी जबरदस्ती इसे मॉडर्न कल्चर, मॉडर्न लाइफस्टाइल का हिस्सा बना दिया है। कुछ बड़े कॉलेजों के सीनियर अपने जूनियरों से सीधे मुंह बात तक नहीं करते, लेकिन जब भी कोई शराब की पार्टी होती है और सारे शराब के नशे में धुत्त होते है।

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