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फाइल फोटो
रायपुर तहसील की खबर
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | छत्तीसगढ़/ रायपुर: जमीन का नामांतरण, बंटवारा और सीमांकन करवाने के लिए लोगों को सबसे ज्यादा परेशान होना पड़ता है। एक बार आवेदन देने के बाद छह महीने से भी ज्यादा समय तक तहसील और पटवारियों के चक्कर काटने पड़ते हैं। यही वजह है कि तहसीलों में सबसे ज्यादा ऐसे ही प्रकरण लंबित हैं।
लोगों को परेशानियों को दूर करने के लिए अब नया एप्लीकेशन तैयार किया गया है। इस नए एप से लोग न केवल आवेदन दे सकते हैं बल्कि यह भी जान सकते हैं कि उनके आवेदन पर अब तक कितनी कार्यवाही हुई। जमीन मामलों में लगातार शिकायतों के बाद कलेक्टर डॉ एस भारतीदासन ने इस परेशानी को दूर करने अफसरों से सुझाव मांगे थे। सुझावों के आधार पर जिला सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) की ओर से एक नया सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है।
इसे पटवारी सत्यापन निगरानी प्रणाली का नाम दिया गया है। अफसरों का दावा है कि नए सिस्टम से जमीन मामलों में पटवारियों पर निर्भरता कम से कम हो जाएगी। जमीन के नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन समेत सभी तरह के काम कुछ ही दिनों में हो जाएंगे। इस प्रोजेक्ट को जिले के सभी तहसीलों में लागू करना है, लेकिन पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इसे सबसे पहले रायपुर तहसील में लागू किया गया है।
इस एप्लीकेशन का सबसे बड़ा फायदा आवेदकों और जमीन के पक्षकारों को होगा। उन्हें अपने आवेदनों के निराकरण के लिए पटवारियों के दफ्तरों में नहीं जाना होगा। पटवारी की ओर से जमीन मामलों में जितने भी प्रमाण पत्र जारी होते हैं वे सब इसी एप्लीकेशन से लोगों को घर बैठ मिल जाएंगे।अपर कलेक्टर पद्मिनी भोई साहू ने बताया कि इस नए एप में दो पार्ट होंगे। पहले भाग में संबंधित तहसील के पटवारी होंगे और दूसरे पार्ट में एसडीएम, तहसीलदार और नायब तहसीलदार होंगे। इस साफ्टवेयर में दो आईडी बनेगी। एक पटवारियों के लिए तथा दूसरा तहसील अफसरों के लिए। आम लोगों से जमीन संबंधित जितने भी आवेदन मिलेंगे उन सबकी इंट्री और उस पर कितना काम हुआ इसकी जानकारी पटवारी अपनी आईडी से करेंगे। पटवारियों से आवेदन मिलने के साथ ही दूसरे पार्ट में शामिल अफसर उस पर कार्यवाही करेंगे। यानी सभी दस्तावेज होने पर प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाएगा। इससे दोनों विभाग के बीच फाइलें लाने ले जाने या बार-बार जानकारी मांगने में जो समय लगता है वो खत्म हो जाएगा। पटवारियों के आवेदनों पर अफसर ऑनलाइन ही कार्यवाही कर सकेंगे।
सभी जानकारी होगी इसी एप में
जमीन संबंधित मामलों के अलावा एसडीएम, तहसीलदार और नायब तहसीलदारों के कोर्ट में चलने वाले प्रकरणों की जानकारी भी इसी एप में अपलोड की जाएगी। इससे उन लोगों को राहत मिलेगी जिनके केस बरसों से इन न्यायालयों में चल रहे हैं। उनके केस का लेटेस्ट स्टेटस क्या है इसकी जानकारी भी इसी एप से मिलेगी। जमीन मामलों के साथ ही समय-सीमा के पत्र, जनशिकायत आदि में भी पटवारी प्रतिवेदन, स्थल निरीक्षण जांच, पंचनामा आदि की जरूरत होती है। इन कामों के लिए इस एप में अलग से विंडो है। सॉफ्टवेयर में एक डैश बोर्ड भी होगा। जिसमें सभी राजस्व अधिकारी/ पटवारी हल्कावार पेंडिंग आवेदनों की जानकारी एक्सेल शीट से ले सकेंगे।
कलेक्टर सीधे मॉनिटरिंग करेंगे
इस एप की मॉनिटरिंग कलेक्टर करेंगे। वे लगातार जिला स्तर पर पटवारियों के कामों पर निगरानी और उसकी समीक्षा करेंगे। दावा किया जा रहा है कि इससे राजस्व न्यायालय में काम पहले की अपेक्षा आसानी से और कम समय में हो सकेगा। किसी भी आवेदक को पटवारी कार्यालय जाने की जरूरत नहीं होगी। तहसील में ऐसे लोगों का आना-जाना भी खत्म होगा जो अतिरिक्त रकम लेकर काम जल्दी कराने का दावा करते हैं।
HARRY
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