छत्तीसगढ़

अब इन लोगों की खैर नहीं, अनजान है तो पढ़े ये खबर

Nilmani Pal
11 Jan 2023 8:08 AM GMT
अब इन लोगों की खैर नहीं, अनजान है तो पढ़े ये खबर
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रायपुर। छत्तीसगढ़ में अब साम्प्रदायिकता भड़काने वालों की खैर नहीं होगी। सरकार ऐसे लोगों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून-रासुका लगाने जा रही है। इस नियम के लिए जिला कलेक्टरों को अधिकृत किया गया है। इस कानून में पुलिस ऐसे लोगों को एक साल तक हिरासत में रख सकती है और जमानत के लिए भी मुश्किल होगी। नारायणपुर में हुई साम्प्रदायिक हिंसा के बाद सरकार को प्रदेशभर में ऐसी घटनाओं के इनपुट मिले हैं।

इसके लिए गृह विभाग ने असाधारण राजपत्र में एक अधिसूचना जारी की। इसके जरिये कलेक्टरों को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून-रासुका लगाने के लिए अधिकृत किया है। अधिसूचना के मुताबिक राज्य सरकार के पास ऐसी रिपोर्ट है कि कुछ तत्व साम्प्रदायिक मेल-मिलाप को संकट में डालने के लिए, लोक व्यवस्था और राज्य की सुरक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाला कोई कार्य करने के लिए सक्रिय हैं, अथवा उनके सक्रिय होने की संभावना है।

अब सभी 33 जिलों के कलेक्टरों-जिला मजिस्ट्रेट को आदेश दिया गया है कि वह राष्ट्रीय सुरक्षा कानून-रासुका की धारा-तीन-2 से मिले शक्तियों का प्रयोग एक जनवरी से 31 मार्च 2023 तक की अवधि में कर सकते हैं। नियम के संबंध में अधिवक्ता फैसल रिजवी बताते हैं कि अगर सरकार को ऐसा लगता है कि किसी व्यक्ति अथवा समूह से राष्ट्रीय सुरक्षा अथवा लोक व्यवस्था को गंभीर खतरा है, तो वह मजिस्ट्रेट को इसके लिए अधिकृत कर सकती है। यह आदेश एक बार में तीन महीनों के लिए जारी किया जा सकता है। बाद में इसे तीन-तीन महीनों के लिए बढ़ाया जा सकता है।


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