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छत्तीसगढ़ में किसानों की आमदनी दोगुनी करने की महत्वाकांक्षी योजना पर अमल शुरू हो गया है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | छत्तीसगढ़ में किसानों की आमदनी दोगुनी करने की महत्वाकांक्षी योजना पर अमल शुरू हो गया है। इसके तहत किसानों से सब्जियों के हाइब्रिड बीज का उत्पादन कराने की तैयारी है। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर की पहल पर पहली बार रायपुर और महासमुंद कृषि विज्ञान केंद्र में भिंडी, टमाटर, मिर्च और तरोई के हाइब्रिड बीजों का उत्पादन किया जा रहा है। इससे निजी कंपनियों की हाइब्रिड सब्जी के बीज उत्पादन में एकाधिकार कम होगा।
किसान खुद के उगाए हाइब्रिड बीज को दूसरे राज्यों को भी सस्ते दाम पर उपलब्ध कराएंगे
किसान खुद के उगाए हाइब्रिड बीज को न सिर्फ प्रदेश, बल्कि दूसरे राज्यों के किसानों को भी सस्ते दाम पर उपलब्ध करा पाएंगे। विश्वविद्यालय ने 15 प्रगतिशील किसानों के साथ हाइब्रिड बीज के उत्पादन के लिए आइआइएचआर बेंगलुर से पांच साल के लिए अनुमति ली है। उद्यानिकी विभाग के दो विज्ञानी डॉ. मनोज कुमार साहू और डॉ. राजश्री गायन ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ हार्टीकल्चर रिसर्च बेंगलुर (आइआइएचआर) से हाइब्रिड सब्जी बीज उगाने के लिए प्रशिक्षण लिया है। इसके बाद चुनिंदा नवाचारी किसानों के साथ रायपुर में भिंडी, टमाटर और तोरई के बीज, महासमुंद में मिर्च के हाइब्रिड बीज का उत्पादन शुरू किया। बीजों की पहली फसल तैयार है। अब बीज उत्पादन के प्रसार की योजना है।
सब्जी कंपनियों के दाम किसानों के बीज के दाम
तोरई 1000 रुपये (100 ग्राम) 600 रुपये (100 ग्राम)
टमाटर 700 रुपये (10 ग्राम) 300 रुपये (10 ग्राम)
भिंडी 600 रुपये (10 ग्राम) 250 रुपये (10 ग्राम)
मिर्च 350 से 450 (10 ग्राम) 150 से 200 रुपये (10 ग्राम)
ये है हाइब्रिड बीजों की खासियत
हाइब्रिड तोरई में 45 से 50 दिन में फल लग जाते हैं। सामान्य बीज दो महीने में फलते हैं। हाइब्रिड तोरई की लंबाई 40 से 45 सेंटीमीटर है, जबकि सामान्य की 25 से 30 सेंटीमीटर लंबाई होती है। एक एकड़ क्षेत्र में दो क्विंटल बीज का उत्पादन 125 से 135 दिनों में प्राप्त किया जा सकता है। स्वाद बेहतर है, फास्फोरस की मात्रा ज्यादा है। मिर्च का जो बीज तैयार किया जा रहा है वह एक संकर किस्म है। जल्द पकने वाली इस किस्म की प्रति एकड़ उपज क्षमता 30 से 35 टन होती है और सूखी उपज पांच टन प्रति एकड़ होती है। यह किस्म वायरस, रस चूसने वाले कीड़े व कई बीमारियों के प्रति सहनशील है।
किसान बीज उत्पादन कर अपनी आय में इजाफा करेंगे और आत्मनिर्भर बनेंगे
छत्तीसगढ़ में हाइब्रिड सब्जी बीज उत्पादन केवल निजी कंपनियों द्वारा किया जा रहा है। विश्वविद्यालय द्वारा प्रगतिशील कृषकों को प्रशिक्षित कर बीज उत्पादन के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। किसान बीज उत्पादन कर अपनी आय में इजाफा करेंगे और आत्मनिर्भर बनेंगे- डॉ. एसके पाटिल, कुलपति, इंदिरा गांधी कृषि विवि, रायपुर।
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