अब छत्तीसगढ़ में जारी होंगे पॉलीकार्बोनेट आधारित कार्ड पर ड्राइविंग लाइसेंस और पंजीयन प्रमाण पत्र
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में प्रदेश के परिवहन विभाग द्वारा प्रदान की जा रही सुविधा "तुंहर सरकार तुंहर द्वार" को और सुढ़ड़ एवं सशक्त बनाने की दिशा में अब प्रदेश में जारी होने वाले समस्त "ड्राइविंग लाइसेंस" एवं "पंजीयन प्रमाण पत्र" पॉलीकार्बोनेट आधारित कार्ड पर एवं क्यू.आर. कोड युक्त होंगे।
भारत सरकार के भूतल एवं परिवहन विभाग (MORTH) द्वारा वर्ष 2019 में जारी अध्यादेश के अनुपालन में एकीकृत ड्राइविंग लाइसेंस एवं पंजीयन प्रमाण पत्र जारी किया जाना है जिसके अंतर्गत परिवहन विभाग छत्तीसगढ़ ने हाल ही में निविदा प्रक्रिया संपन्न की गई है एवं यह योजना दिनाँक 17/05/2022 से प्रादेशिक स्तर पर प्रारंभ की गई है। ड्राइविंग लाइसेंस एवं पंजीयन प्रमाण पत्र के प्रिंटिंग का कार्य "केंद्रीकृत कार्ड प्रिंटिंग एवं डिस्पैच यूनिट" पंडरी रायपुर में किया जाएगा एवं छत्तीसगढ़ सरकार की संकल्पित योजना के अंतर्गत भारतीय डाक के माध्यम से आवदेकों के घर पर प्रेषित किये जाएंगे। इस नवीन व्यवस्था के अंतर्गत "क्यू.आर. कोड" वाले पॉलीकार्बोनेट ड्राइविंग लाइसेंस एवं पंजीयन प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे। पॉलीकार्बोनेट कार्ड उच्च गुणवत्ता एवं लंबे समय तक चलने वाले होते हैं जिसपर लेज़र के माध्यम से प्रिंटिंग की जाती है।
यह कार्ड सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय नई दिल्ली (MORTH) के द्वारा तय मानकों को पूर्ण करते हुए जारी किये जाएंगे। नए प्रारूप के "क्यू.आर. कोड" वाले पॉलीकार्बोनेट ड्राइविंग लाइसेंस एवं पंजीयन प्रमाण पत्र के प्रिंटिंग का कार्य "एम.सी.टी. कार्ड्स एंड टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड" द्वारा कार्य किया जाएगा। यह कंपनी मनिपाल कर्नाटका की आई.टी. कंपनी है जो की इस क्षेत्र में अग्रणी है एवं इसी प्रकार के कार्य अन्य राज्यों में करती आ रही है। परिवहन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर द्वारा 'तुंहर सरकार तुंहर द्वार' के सुव्यवस्थित संचालन के लिए निरंतर निगरानी रखी जा रही है। परिवहन विभाग द्वारा संचालित 'तुंहर सरकार तुंहर द्वार' योजना लोगों की सुविधा के लिए अतिमहत्वपुर्ण योजना है। परिवहन विभाग से संबंधित जनसुविधाएं इतनी सहजता से घर बैठे मिलने से लोगों को अब बार बार परिवहन विभाग के चक्कर लगाने की आवश्कयता नहीं पड़ती। इसके चलते आवेदकों के समय और धन की बचत होगी।