छत्तीसगढ़

तत्कालीन ASI की याचिका पर डीजीपी अशोक जुनेजा को नोटिस जारी, जानें पूरा मामला

Nilmani Pal
10 April 2022 8:57 AM GMT
तत्कालीन ASI की याचिका पर डीजीपी अशोक जुनेजा को नोटिस जारी, जानें पूरा मामला
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बिलासपुर। हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी सेवानिवृत्ति देयकों का भुगतान नहीं होने पर अवमानना याचिका दायर की गई है। इस पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने डीजीपी व बस्तर आइजी को नोटिस जारी कर तत्काल जवाब देने के निर्देश दिए हैं। सत्यम विहार कालोनी रायपुरा निवासी अरुण ठाकुर कार्यालय पुलिस अधीक्षक जगदलपुर में एएसआइ (एम) के पद पर पदस्थ थे। सेवाकाल के दौरान उनके विरुद्ध गंभीर शिकायतें प्राप्त होने पर एसपी, जगदलपुर द्वारा उन्हें सेवा से पृथक कर दिया गया था। बर्खास्तगी आदेश के विरुद्ध हाई कोर्ट में याचिका दायर की। हाई कोर्ट के आदेश से उन्हें सेवा में बहाल कर दिया गया। सेवा में बहाली के कुछ वर्ष बाद वे सेवानिवृत्त हो गए। सेवानिवृत्ति के बाद हाई कोर्ट में रिट याचिका दायर की।

हाई कोर्ट द्वारा सेवा से पृथक अवधि वर्ष 1995 से वर्ष 2015 तक की अवधि को सेवा अवधि मानते हुए अरुण ठाकुर को संपूर्ण सेवानिवृत्ति देयक देने का आदेश किया गया। हाई कोट द्वारा पारित आदेश के बाद भी आदेश का पालन न किये जाने से क्षुब्ध होकर अरुण ठाकुर द्वारा हाईकोर्ट अधिवक्ता अभिषेक पांडेय एवं दीपिका सन्नाट के माध्यम से हाई कोर्ट के समक्ष अवमानना याचिका दायर की गई। अधिवक्ताओं ने यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि यदि कोई शासकीय कर्मचारी के विरुद्ध जारी बर्खास्तगी आदेश निरस्त कर दिया जाता है तो मूलभूत नियम 54 के तहत उसकी सेवा से पृथक रहने की अवधि को सेवा अवधि मानते हुए संपूर्ण सेवानिवृत्ति देयक का भुगतान किया जाना चाहिए।

लेकिन डीजीपी पुलिस मुख्यालय अशोक जुनेजा व आइजी बस्तर पी. सुन्दरराज द्वारा कोर्ट द्वारा पारित आदेश की अवमानना की गई। कोर्ट ने अवमानना याचिका में नाराजगी जाहिर करते हुए डीजीपी पुलिस मुख्यालय अशोक जुनेजा व पुलिस महानिरीक्षक बस्तर पी. सुन्दरराज के विरुद्ध अवमानना नोटिस जारी कर उन्हें तत्काल जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।


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