कृषि विभाग के 2 अफसरों को नोटिस जारी, गौठान में खामियां पाए जाने पर संभागायुक्त ने मांगा जवाब
दुर्ग। संभागायुक्त महादेव कावरे ने आज कृषि विभाग के उप संचालक और पशुधन विकास विभाग के उपसंचालक को शो काज नोटिस जारी किया। इसके साथ ही उन्होंने चंदखुरी गौठान की एआरईओ को भी नोटिस जारी किया। कल ही संभागायुक्त ने चंदखुरी गौठान का निरीक्षण किया था और वहां पर उन्होंने पाया कि जरूरी रजिस्टर में इंद्राज नहीं किया जा रहा था। इसे देखते हुए उन्होंने संबंधित एआरईओ को नोटिस जारी किया। उन्होंने उपसंचालकों को भी इस बात पर नोटिस जारी किया कि उन्होंने इस बात की मानिटरिंग क्यों नहीं की। उल्लेखनीय है कि कल ही संभागायुक्त ने चंदखुरी गौठान का दौरा किया था। यहां पर उन्होंने गौठान में आने वाले पशुओं की संख्या जाननी चाही और चारा उत्पादन की स्थिति भी जाननी चाही। इस पर संतोषप्रद उत्तर नहीं मिलने पर उन्होंने कहा कि गौठान की मानिटरिंग विभागीय अधिकारियों द्वारा नियमित रूप से नहीं की जा रही है ऐसा प्रतीत हो रहा है। उन्होंने कहा कि एनजीजीबी सरकार की सबसे महत्वकांक्षी योजना है और ग्रामीण विकास की रीढ़ है। इसकी मानिटरिंग नियमित रूप से अधिकारी करें। साथ ही वे यह देखें कि इससे जुड़े हुए सभी रजिस्टर में इंद्राज होता रहे। गोबर खरीदी सभी जगह होती रहे, गौठान आजीविकामूलक गतिविधियों के साधन बने। संभागायुक्त ने कहा है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशानुरूप गौठान स्वावलंबी बने और आजीविकामूलक गतिविधियों के केंद्र बने। इसके लिए युद्धस्तर पर कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि नियमित रूप से गौठानों की समीक्षा की जाएगी। यहां चारा उत्पादन, गोधन न्याय योजना एवं अन्य योजनाओं के क्रियान्वयन की स्थिति की समीक्षा की जाएगी। अधिकारी इसमें लगातार मानिटरिंग करते रहें ताकि योजना के पूरे तरह से लाभ ग्रामीणों को मिल सके। उल्लेखनीय है कि कल ही संभागायुक्त ने चंदखुरी का दौरा किया था यहां चल रही उत्पादन गतिविधियों को उन्होंने देखा और कहा कि शासन ने जो निर्देश दिये हैं उसके अनुरूप सभी तरह से रजिस्टर आदि भी मेंटेन करते रहें तथा नवाचार करते रहें। अधिकारी भी इसे मानिटर करते रहें।
उल्लेखनीय है कि संभागायुक्त ने कृषि उपसंचालक सुरेश सिंह राजपूत, पशु विभाग के उपसंचालक डा. एम के चावला और ग्रामीण कृषि विकास विस्तार अधिकारी अर्चना चखियार को यह नोटिस दिया है। संभागायुक्त ने उक्त घटना पर अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि ये योजनाएं शासन के जनकल्याणकारी योजनाएं है। इन पर किसी भी प्रकार की अनदेखी को स्वीकार नही किया जाएगा। इससे ग्रामीण अंचलों की आर्थिक स्थिति में विकास हो रहा है और स्व सहायता समूह के माध्यम से महिलाओं को रोजगार भी प्राप्त हो रहा है। जिससे राज्य में महिलाएं महिला सशक्तिकरण का अभिन्न अंग बन रही है। इसलिए यह आवश्यक है कि शासन की जनकल्याणकारी योजनाएं सकारात्मक दिशा में मूर्त रूप ले।