रायपुर शहर में मुस्लिम समुदाय को पद नहीं देना आश्चर्य जनक, उठे नाराजगी के स्वर
बिलासपुर में नए ब्लाक अध्यक्ष ने विधायक की पकड़ी कालर
बिलाईगढ़ के विधायक चंद्रदेवराय को कार्यकर्ताओं ने पैराशूट लैंडिंग वाला विधायक घोषित किया
बस्तर में जहां मुस्लिम बहु संख्यक नहीं, वहां बनाए गये मुस्लिम ब्लाक अध्यक्ष का हो रहा विरोध
बिना किसी मापदंड के अध्यक्षों की कर रही है नियुक्ति
भाटापारा ब्लॉक अध्यक्ष चयन को लेकर खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया कार्यकर्ताओं ने
गोंगपा,भाजपा, बसपा के पूर्व नेता को भाटापारा का ब्लॉक अध्यक्ष बनाया गया
नए साल के तोहफे के रूप में कांग्रेस में नया ट्रेंड शुरू, किसी ने कालर पकड़ा, तो किसी ने किया जूतम-पैजर
ज़ाकिर घुरसेना
रायपुर। जब जब कांग्रेस में नियुक्तियां हुई है चाहे वह सत्ता में हो या संगठन में, विरोध में स्वर जरूर उठता है। देखा गया है कि कहीं दबे स्वर में होता है तो कहीं मुखर रूप से होता है निगम मंडलों में नियुक्ति में हो रही देरी को भी कांग्रेसी इसी का परिणाम मान रहे हैं। हालांकि कुछ वरिष्ठ कांग्रेस नेता इस बात से इत्तेफाक नहीं रखते। उनका कहना है कि कांग्रेस एक विशाल पार्टी है और नियुक्तियों में कुछ खामी जरूर हो जाती है। अगर खामी हो तो उसे सुधार भी कर लिया जाता है। उन्होंने आगे कहा कि जिसे भी इन नियुक्तियों से नाराजगी हो वे प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष या जिम्मेदार पदाधिकारी के पास अपना पक्ष रख भी सकते है। कांग्रेस का अपना संविधान और परिपाटी भी है। वैसे भी देखा जाए तो पदाधिकारी भी उसे ही बनाया जाना चाहिए जिसे कांग्रेसियों और मददताओं की नब्ज़ पहचानना आता हो। रमन सरकार के खिलाफ तत्कालीन छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भूपेश बघेल ने दिन-रात गांव-गांव, शहर-शहर, धरना रैली और किसानों के लिए आंदोलन चलाया और उनके हित में काम किया। जिसके चलते कांग्रेस आज सत्ता पर काबिज है और जो लोग उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चले है बखूबी उन्होंने उन संघर्षवीरों को सत्ता का स्वाद भी चखाया है। क्योंकि ऐसे संघर्षशील साथियों और रणनीतिकारों के मेहनत के बदौलत कांग्रेस आज सत्ता में है। ऐसे में उन संघर्षवीरों का हक़ स्वाभाविक रूप से बनता है। लेकिन अब ये देखा जा रहा है कि सत्ताधारी पार्टी के साथ हर कोई जुडऩा चाहता है और मौका देखकर किसी न किसी का सहारा लेकर सत्ता के नज़दीक होने में सफल हो ही जाता है। ऐसे नए-नवेले और चाटुकारों की फ़ौज कांग्रेस में बढ़ते ही जा रही है तथा पुराने कांग्रेसियों की अनदेखी की जा रही है। और इन्हे किसी भी पद के लिए योग्य नहीं समझा जा रहा है, भविष्य में यह पैर में कुल्हाड़ी मारने वाली बात साबित होगी। समर्पित कार्यकर्ताओं के मन में उपेक्षा और अनदेखी से पीड़ा उठना लाजमी है। कार्यकर्ताओं की निराशा दूर करने के लिए सत्ता और संगठन में बैठे पदाधिकारियों को इस पर गंभीरता से विचार कर जमीनी और पुराने कार्यकर्ताओं को खुश करने में देरी नहीं करना चाहिए। इसी बात पर एक वरिष्ठ मंत्री ने भी कहा था कि सत्ता और संगठन में नियुक्ति का पैमाना रिश्तेदारी नहीं होनी चाहिए लेकिन अब तो पैमाना रिश्तेदारी या चाटुकारिता ही हो गई है। ताज़ा मामला कांग्रेस के ब्लॉक कमेटी के अध्यक्षों की नियुक्ति का है इस नियुक्ति में भी रिश्तेदारी या चाटुकारिता को महत्व दिया गया है ना कि जमीनी और संघर्षशील कार्यकर्ताओं को महत्व दिया गया है।
जैसे ही कांग्रेस ने ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्षो की सूची जारी की उस से साफ जाहिर होता है कि कांग्रेस मेहनतकश युवाओ को नही अब अपने लोगो को पद बांट रही है, पूर्व में गुरु घासी दास ब्लॉक के अध्यक्ष रहे पार्षद कामरान अंसारी की जगह, विधायक के करीबी दीपा बग्गा को अध्यक्ष बनाया गया, जो कि कांग्रेस की प्राथमिक सदस्य भी नही है, सिर्फ विधायक कुलदीप जुनेजा के करीबी होने की वजह से ये पद उन्हें नए साल के तोहफे के रूप में दिया गया, इस से ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले समस्त वार्ड अध्यक्षो में आक्रोश सा है जिसने विधान सभा लोकसभा व अन्य कार्यो में संगठन का झंडा उठाया संगठन को मजबूत बनाया उसे नजऱअंदाज़ किया गया है, सवाल ये उठ ता है कि क्या सगंठन बिना किसी मापदण्ड के ब्लॉक अध्यक्षो का चयन कर रही है। या नेताओ को खुश करने का काम कर रही है?
मुस्लिम समुदाय में आक्रोश
इसी वजह से मुस्लिम समुदाय के युवाओं में भी आक्रोश है वो विधायक जुनेजा और कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहन मरकाम से इसका विरोध जताए हंै कि मुस्लिम समुदाय के नेता को हटाकर विधायक की प्रिय को यह पद देना पूरे समुदाय के साथ सौतेला व्यवहार है, मुस्लिम समुदाय का मानना है कि उत्तर विधानसभा में बिना मुस्लिम समुदाय की मदद के कांग्रेस को जीत पाना मुमकिन नही है उसके बाद भी अगर कांग्रेस मुस्लिम समुदाय को सिर्फ वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल करना चाहती है तो ये उनकी भूल है, समुदाय के मेहनती युवाओ ने कांग्रेस के लिए अपना सब कुछ न्योछावर किया है उसके बाद इस तरह समुदाय के किसी भी सदस्य को कमेटी में शामिल न किये जाने पर और जो अपनी मेहनत के दम पर इस पद पर है उन्हें भी हटा कर किसी ऐसे को जिसे काँग्रेस की कार्य पद्धति के बारे में भी जानकारी नही, को ये पद देना समुदाय के साथ गलत व्यवहार किया गया है, कांग्रेस कमेटी ने यह सूची 3 जनवरी को जारी की जिस में सभी नेताओं ने अपने आगे पीछे घूमने वाले लोगो को ब्लॉक अध्यक्ष पद का तोहफा दिया है, कांग्रेस अगर अपने लोगो को खुश करने में ही लगे रह जाएगी तो भविष्य में कांग्रेस के लिए नि:स्वार्थ मेहनत करने वाले युवा नही बचेंगे।
बसपा, भाजपा, गोंगपा के पूर्व नेता को किया उपकृत
भाटापारा के कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि भाटापारा ग्रामीण कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद को पैसा लेकर बेचा गया है। तभी तो क्या भाटापारा में कांग्रेस के पास अध्यक्ष के काबिल कोई कार्यकर्ता नहीं था कि बहुजन समाज पार्टी, भाजपा, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के नेता को कांग्रेस का ब्लॉक अध्यक्ष बनाया गया। एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता का वह बयान याद आ रहा है जिसमें उन्होंने कहा था कि सत्ता व संगठन में परिवारवाद हावी नहीं होने देंगे। लेकिन यहां परिवारवाद और चाटुकारितावाद ही हावी है। भविष्य में यह कांग्रेस को कमजोर करेगी।
नियुक्ति के साथ उठे विरोध के स्वर से नए साल की शुरूआत
सत्ताधारी कांग्रेस के लिए मुश्किलों का दौर शुरू हो गया है ऐसा लग ने लगा है। ब्लाक अध्यक्षों की नियुक्ति में मुस्लिम बाहुलता को दृष्टिगत रखते हुए अनदेखी कर बिना मापदंड के पदाधिकारी बनाने को लेकर पूरे प्रदेश में बवाल मचा हुआ है। वहीं कल राजीव भवन में बिलाईगढ़ के सैकड़ों कार्यकर्तओं ने विधायक चंद्रदेव राय के उपेक्षापूर्ण रवैये को लेकर शिकायत के साथ जमकर भड़ास निकाली । कार्यकर्ताओं ने बिलाईगढ़ विधायक को पैराशूट लैंडिंग वाला नेता घोषित किया। कार्यकर्ताओं विदायक पर सीधा आरोप लगाया कि चंद्रदेव भाजपाइयों के साथ गलबहियां करते है और कांग्रेसियों से दूरी बनाए रखेते है। चंद्रदेव भाजपाइयों को ही सारे काम दे रहे, जबकि कांग्रेस कार्यकर्ता उनसे मिलने जाते है तो समय नहीं देतेे।
कुलदीप के खिलाफ मरकाम से शिकायत
रायपुर उत्तर विधायक कुलदीप जुनेजा के खिलाफ गुरुघासीदास वार्ड के जमीनी कांग्रेसी कार्यकर्ता लामबंद हो रहे है। नए ब्लाक अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर नाराजगी जताने के साथ प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम से विसंगति पूर्ण नियुक्ति को लेकर विरोध दर्ज कराया है। यदि सुनवाई नहीं हुई तो स्थानीय कांग्रेसी कार्यकर्ता उग्र आंदोलन से भी पीछे नहीं हटने की मंशा भी जता दी है।