छत्तीसगढ़

नामजद रिपोर्ट, फिर भी एक महीने हाथ में हाथ धरे बैठी रही पुलिस

Nilmani Pal
29 Oct 2022 5:52 AM GMT
नामजद रिपोर्ट, फिर भी एक महीने हाथ में हाथ धरे बैठी रही पुलिस
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कांग्रेस पार्षद के लापता भतीजे की लाश मिली, तीन आरोपी गिरफ्तार

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जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। बीरगांव में एक माह से लापता कांग्रेसी नेता के भतीजे की लाश मिलने के साथ ही पुलिस ने हत्या के आरोपियों को गिरफ्तार करने में कामयाबी पाई है। सट्टा कारोबारी का चंगुल इतना सख्त था कि पुलिस एक महीने तक मात्र टालमटोल करती रही। इससे साफ जाहिर होता है कि पुलिस बीरगांव के तथाकथित सटोरियों के चंगुल में फंस चुकी है इसलिए हत्या जैसी वारदात मेंं नामजद रिपोर्ट दर्ज होने के बाद भी पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी रही। बीरगांव नगर निगम के एमआईसी मेंबर इकराम खान के भतीजे की सुनियोजित हत्या करने में दुर्गा नगर बीरगांव निवासी सटोरिया करीम खान के कहने पर उसके दो साथियों ने हत्या की वारदात को अंजाम दिया। सत्ताधारी वरिष्ठ विधायक के खास समर्थक के भतीजे की हत्या हो गई तो आमजनता की क्या हालत होगी कल्पना किया जा सकता है। इसके पहले गांजा तस्कर और सटोरिया करीम खान ने लड़की से दूर रहने की चेतावनी बाबू उर्फ वाहेजुद्दीन को दे चुका था, नाजायज ताल्लुकात के चलते करीम ने रास्त् से हटाने के लिए हत्या का षडयंत्र रचा।

करीम खान ने सुपारी देकर वाहेजुद्दीन की हत्या करवाई : हत्याकांड का षडयंत्रकर्ता करीम खान कुछ साल पहले बंधवा तालाब के पास निगरानी बदमाश मनीष घाटेगर की हत्या के मामले में जेल जा चुका है। वह 16 महीने पहले जेल से जमानत पर छूटा था। क्षेत्र के लोग बात करते रहे कि वाहेजुद्दीन की हत्या आनर किलिंग का मामला है। संदेह है कि करीम खान ने फिरोज, विश्वनाथ को सुपारी देकर वाहेजुद्दीन की हत्या करवाई है। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि पूछताछ में यह बात सामने नहीं आई है।

बिरगांव के कांग्रेसी पार्षद इकराम अहमद के भतीजे बाबू उर्फ वाहेजुद्दीन मोहम्मद की हत्या में पुलिस की लापरवाही सामने आई है। 33 दिन पहले बाबू लापता हुआ था। गायब होने के बाद आठवें दिन पुलिस को इसकी सूचना मिल गई थी। पुलिस ने अनमने ढंग से गुम इंसान के इस प्रकरण की जांच की। यहां तक कि बाबू के स्वजन, जिन लोगों पर बाबू को गायब करने का संदेह जताते रहे, पुलिस ने उनसे पूछताछ तक नहीं की। एसएसपी के निर्देश के बाद जब गहन जांच की गई तब हत्या का रहस्य खुला। जिस दिन मृतक बाबू गायब हुआ था, उसी दिन ही उसकी हत्या कर दी गई थी। हत्या के आठ दिनों के बाद मृतक के लापता होने की सूचना पुलिस को मिली थी।

प्रारंभिक जांच में ये पता चला कि लापता होने से पूर्व बाबू अपने कुछ मित्रों के साथ देखा गया था। पुलिस ने गुम इंसान के इस प्रकरण में केवल इतनी ही जानकारी जुटाई। मृतक के स्वजन कुछ लोगों का नाम भी देते रहे पर पुलिस ने इनसे पूछताछ में गंभीरता नहीं दिखाई। इधर, कुछ दिनों पहले मृतक के चाचा ने जब एसएसपी से मिलकर उनसे जांच का निवेदन किया तब एसएसपी के निर्देश के बाद पुलिस की जांच तेज हुई। जिन लोगों पर स्वजन पहले दिन से ही संदेह जता रहे थे, उन्हें थाने बुलाकर पूछताछ की गई। इनमें से फिरोज नाम का एक बदमाश टूट गया और हत्या की पूरी कहानी सामने आई। रामेश्वरनगर के हिस्ट्रीशीटर फिरोज ने पुलिस को बताया कि उसने करीम खान के कहने पर अपने साथी विश्वनाथ उर्फ विशु के साथ मिलकर बाबू की हत्या की। उसके बाद उसे वहीं दफना दिया गया।

पुलिस के अनुसार, फिरोज और बाबू पूर्व परिचित थे। घटना वाले दिन फिरोज ने बाबू को फोन करके गांजा और शराब पीने के लिए बुलाया। रामेश्वरनगर खमतराई रेलवे पटरी के किनारे सुनसान स्थान पर फिरोज, बाबू और विश्वनाथ एक साथ बैठे। गांजा पिलाने के बाद अवसर मिलते ही दोनों ने मिलकर बाबू को चाकू से गोदकर उसकी हत्या कर दी। शुक्रवार शाम को अतिरिक्त तहसीलदार हरीश ध्रुव की उपस्थिति में पुलिस ने गड्ढे में दफन शव को बाहर निकलवाया। शव पूरी तरह से सड़-गल चुका था। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए आंबेडकर अस्पताल भिजवाया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि शव का पीएम कराने के साथ ही फोरेंसिक जांच भी कराई जाएगी।

हत्या की जानकारी मिलने पर गाजीनगर, बिरगांव के लोगों सहित स्वजन, बिरगांव महापौर, सभापति, कांग्रेस के पार्षद, एल्डरमैन, समर्थक इत्यादि की भीड़ थाने में जमा हो गई। देर रात तक थाने में हंगामा चलता रहा। ग्रामीण विधायक, जिला सहकारी बैंक अध्यक्ष खमतराई थाना पहुंचे और आरोपियों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी मांग कर नारेबाजी कर हंगामा किया। उरला सीएसपी राजीव शर्मा, थाना प्रभारी सोनल ग्वाला समेत पुलिस अधिकारियों ने हंगामा कर रहे लोगों को समझाते देते हुए तीनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिए जाने की जानकारी दी। तब जाकर हंगामा शांत हुआ।

गांजा, शराब पीने के लिए बुलाकर की हत्या : पुलिस के अनुसार, फिरोज और बाबू पूर्व परिचित थे। घटना वाले दिन फिरोज ने बाबू को फोन करके गांजा और शराब पीने के लिए बुलाया। रामेश्वरनगर खमतराई रेलवे पटरी के किनारे सुनसान स्थान पर फिरोज, बाबू और विश्वनाथ एक साथ बैठे। गांजा पिलाने के बाद अवसर मिलते ही दोनों ने मिलकर बाबू को चाकू से गोदकर उसकी हत्या कर दी।

शव की होगी फोरेंसिक जांच : शुक्रवार शाम को अतिरिक्त तहसीलदार हरीश धु्रव की उपस्थिति में पुलिस ने गड्ढे में दफन शव को बाहर निकलवाया। शव पूरी तरह से सड़-गल चुका था। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए आंबेडकर अस्पताल भिजवाया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि शव का पीएम कराने के साथ ही फोरेंसिक जांच भी कराई जाएगी।

साढ़े पांच फीट गहरे और तीन फीट चौड़े गड्ढे में दफनाया : पुलिस ने बताया कि फिरोज, विश्वनाथ ने वाहेजुद्दीन की हत्या के बाद साढ़े पांच फीट गहरा और तीन फीट चौड़ा गड्ढा खोदकर उसमें शव को दबा दिया। गड्ढा खोदने के लिए फावड़ा, गैंती पहले से साथ लेकर आए थे। हालांकि पुलिस ने इनकी इस कहानी पर संदेह व्यक्त किया है। पुलिस का मानना है कि गड्ढा खोदने में और भी लोगों के शामिल होने का संदेह है। इनसे इस विषय पर पूछताछ की जा रही है।

भाजपा प्रदेश मीडिया सह प्रभारी अनुराग अग्रवाल का कहना है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार में कांग्रेस के नेताओं के परिजनों की हत्या के बावजूद उन्हें भी न्याय के लिए भटकना पड़ रहा है तो जनता का क्या हाल होगा यह सभी समझ रहे हैं.

प्रदेश प्रवक्ता केदार गुप्ता का बयान - छत्तीसगढ़ में अपराध अपनी चरम सीमा को लांघ चुके हैं प्रदेश सरकार चौतरफा घिर चुकी है ऐसे में अब पुलिस पर शिकायत दर्ज न करने का दबाव डाला जा रहा है जिन महिलाओं के साथ सामूहिक रूप से गैंगरेप रहा है उन्हें भी बिना नहाए चार चार दिन तक रिपोर्ट लिखाने पुलिस के सामने भीख मांगनी पड़ रही है यह कैसा शासन है ?




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